प्रकाशित - 04 Feb 2025
ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
Mgnrega Pashu Shed Yojana 2025 : किसान खेती के साथ पशुपालन करके भी अपनी आय में बढ़ोतरी कर सकते हैं। इतना ही नहीं गांव के बेरोजगार युवा भी पशुपालन करके अच्छा पैसा कमा सकते हैं। वैसे तो गाय, भैंस, बकरी जैसे आदि दुधारू पशुओं के पालन के लिए सरकार से आर्थिक सहायता मिलती है। इसके अलावा इनके लिए आवास यानी शेड बनाने के लिए भी सरकार सब्सिडी देती है। वहीं बकरी, शूकर एवं कुक्कुट के लिए शेड बनाने के लिए भी अनुदान दिए जाने का प्रावधान है। मनरेगा योजना (Mgnrega Yojana) के तहत लाभार्थी को पशु आवास या पशु शेड के निर्माण के लिए सब्सिडी मिलती है। यह सब्सिडी 1.60 लाख रुपए तक हो सकती है। यदि आप भी पशुपालन का काम करते हैं और पशुओं के लिए आवास या शेड बनवाना चाहते हैं तो आप मनरेगा योजना के तहत इसके लिए आवेदन कर सकते हैं और अनुदान या सब्सिडी का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
मनरेगा (Mgnrega) के तहत आवेदन करने वाले पशुपालक के पास 3 पशु होने पर 60 हजार रुपए से 80 हजार रुपए तक सब्सिडी या अनुदान दिया जाता है। वहीं 4 पशुओं के लिए 1 लाख 16 हजार रुपए और चार से अधिक पशु होने पर लाभार्थी को 1 लाख 60 हजार रुपए का अनुदान मिल सकता है। मनरेगा के तहत आर्थिक सहायता या अनुदान प्राप्त करने के लिए पशुपालक के पास कम से कम तीन पशु होना आवश्यक है।
मनरेगा योजना (Mgnrega Yojana) के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में युवाओं व पशुपालकों को स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से पशुपालन को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके लिए उन्हें पशु खरीदने के अलावा मनरेगा के तहत पशु शेड बनाने के लिए सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाता है। इसके लिए पशुपालक के पास मनरेगा जॉब कार्ड होना आवश्यक है। योजना के तहत सभी वर्ग के पशुपालक आवेदन कर सकते हैं। हालांकि योजना के तहत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति वर्ग के पशुपालकों को प्राथमिकता दी जाती है। इस योजना के तहत पशु आवास या शेड का निर्माण पशुपालक की निजी जमीन पर किया जाएगा। यानी जो पशुपालक मनरेगा के तहत पशु शेड बनवाना चाहते हैं उनके पास स्वयं की भूमि होना आवश्यक है। इसके अलावा पशुपालक राज्य का मूल निवासी होना चाहिए।
यदि आप एक पशुपालक है और मनरेगा (Mgnrega) के तहत पशु शेड (पशुआवास) के लिए आवेदन करना चाहते हैं तो आप इस योजना के तहत आवेदन करके पशु शेड बनवाने के लिए अनुदान का लाभ उठा सकते हैं। योजना के तहत आवेदन हेतु आपको जिन दस्तावेजों (Documents) की आवश्यकता होगी, वे दस्तावेज इस प्रकार से हैं–
यदि आप मनरेगा (Mgnrega) के तहत पशु शेड के लिए आवेदन करना चाहते हैं तो आपको इसके लिए ऑफलाइन आवेदन करना होगा। इसके लिए आपको अपने निकट के सरकारी बैंक में जाना होगा और वहां से मनरेगा योजना के तहत पशुशेड बनवाने के लिए आवेदन फॉर्म प्राप्त करना होगा। हालांकि आप मरेगा की आधिकारिक वेबसाइट से भी यह फॉर्म ऑनलाइन डाउनलोड कर सकते हैं। अब इस फॉर्म में पूछी गई सभी जानकारी सही से भरनी होगी। इसके साथ ही आपको मांगे गए सभी आवश्यक दस्तावेजों को इसके साथ लगाना होगा। अब पूर्णरूप से भरे फॉर्म को आपको बैंक में जमा करा देना है। इसके बाद अधिकारी आपके फॉर्म की जांच करेंगे और सत्यापन के बाद आपको मनरेगा के तहत पशु शेड बनवाने की स्वीकृति जारी कर दी जाएगी। इसकी सूचना ग्रामीण विकास विभाग द्वारा दी जाएगी और फिर आपका नाम योजना से जुड़ जाएगा और आपको योजना का लाभ प्रदान किया जाएगा। मनरेगा के तहत मिलने वाला अनुदान का पैसा सीधा आपको नहीं मिलेगा। यह पैसा संबंधित अधिकारी के माध्यम से आपको प्राप्त होगा ताकि अनुदान की राशि का सही से उपयोग हो सके।
मनरेगा के तहत मिले पैसों का उपयोग आप पशुओं जैसे– गाय, भैंस, बकरी, भेड, मुर्गी आदि के रखरखाव के तहत शेड, फर्श, हवादार छत, मूत्रालय टैंक आदि निर्माण के लिए कर सकते हैं। मनरेगा के तहत मिले पैसों का उपयोग पशुओं की दवाइयां और चारे के लिए भी किया जा सकता है।
योजना की अधिक जानकारी के लिए पशुपालक अपने ग्राम प्रधान, गाम पंचायत या मनरेगा की अधिकारिक वेबसाइट https://nrega.nic.in/MGNREGA_new/Nrega_home.aspx पर विजिट कर सकते हैं।
केंद्र सरकार की ओर से संचालित मनरेगा योजना (Mgnrega Yojana) के तहत पशु आवास पशु शेड बनाने के लिए बिहार, पंजाब, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश में पशुपालक किसानों को सब्सिडी (Subsidy) का लाभ प्रदान किया जा जाता है। हाल ही में राजस्थान के जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री बाबूलाल खराड़ी ने विधानसभा में कहा कि महात्मा गांधी नरेगा योजना के अंतर्गत अनुमत कार्यों की श्रेणी “बी” के तहत पशुपालन के लिए बकरी आश्रय, शूकर आश्रय एवं कुक्कुट आश्रय (शेड) आदि का निर्माण के लिए लाभार्थी की निजी भूमि पर कराए जाने का प्रावधान है। जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री ने कहा कि वर्तमान में राज्य सरकार द्वारा जनजाति वर्ग के पशुपालकों को पशुधन के रखरखाव के लिए टीन शेड निर्माण के लिए आर्थिक स्वीकृति देने की कोई योजना विभाग में संचालित नहीं है।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय बजट 2024–25 में की गई घोषणा के तहत प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान प्रारंभ किया जाना प्रस्तावित है। इस योजना के जरिये पशुपालन विभाग की ओर से फॉरेस्ट राइट एक्ट के तहत जनजाति वर्ग के पट्टाधारकों को भेड़, बकरी एवं मुर्गीपालन विकास के लिए अनुदान दिया जाएगा। विधायक गोपीचंद मीणा के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा जनजाति वर्ग के पशुपालकों को पशुधन खरीदने एवं पशुधन के रखरखाव के लिए टीन शेड निर्माण के लिए जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग द्वारा नियम प्रावधान बनाकर आर्थिक स्वीकृति देने की वर्तमान में कोई योजना विभाग में संचालित नहीं है। उन्होंने बताया कि पशुपालकों को पशुधन खरीदने और उनके रखरखाव के लिए टीन शेड निर्माण हेतु प्रस्ताव पशुपालन विभाग के जरिये प्राप्त होने पर उनकी आवश्यकता, बजट की उपलब्धता एवं उपादेयता के आधार पर परीक्षण कर गुणावगुण के आधार पर विचार किया जा सकेगा।
ट्रैक्टर जंक्शन हमेशा आपको अपडेट रखता है। इसके लिए ट्रैक्टरों के नये मॉडलों और उनके कृषि उपयोग के बारे में एग्रीकल्चर खबरें प्रकाशित की जाती हैं। प्रमुख ट्रैक्टर कंपनियों वीएसटी ट्रैक्टर, महिंद्रा ट्रैक्टर आदि की मासिक सेल्स रिपोर्ट भी हम प्रकाशित करते हैं जिसमें ट्रैक्टरों की थोक व खुदरा बिक्री की विस्तृत जानकारी दी जाती है। अगर आप मासिक सदस्यता प्राप्त करना चाहते हैं तो हमसे संपर्क करें।
अगर आप नए ट्रैक्टर, पुराने ट्रैक्टर, कृषि उपकरण बेचने या खरीदने के इच्छुक हैं और चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा खरीददार और विक्रेता आपसे संपर्क करें और आपको अपनी वस्तु का अधिकतम मूल्य मिले तो अपनी बिकाऊ वस्तु को ट्रैक्टर जंक्शन के साथ शेयर करें।