प्रकाशित - 24 Mar 2025
ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
PM Kisan Yojana: पीएम किसान योजना (PM Kisan Yojana) देश की सबसे बड़ी डीबीटी योजना है जिसके तहत पात्र किसानों को सरकार की ओर से 6,000 रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। जहां एक ओर सरकार इस योजना को पारदर्शी बनाने को लेकर तरह–तरह के प्रयास कर रही है, तो वहीं दूसरी ओर इस योजना में फर्जीवाड़ा सामने आ रहा है। साइबर अपराधियों के निशाने पर यह योजना भी है और इसके तहत फर्जी खातों का खेल करके योजना की राशि हड़पने का प्रयास किया जा रहा है। इस योजना के तहत फर्जी किसान बनकर कई लोग इसका फायदा उठा रहे हैं। ऐसे कई मामले बिहार और उत्तर प्रदेश में सामने आ चुके हैं।
हाल ही में एक ताजा मामला राजस्थान में सामने आया है। यहां प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (Pradhan Mantri Kisan Samman Nidhi Yojana) के तहत करीब 29 हजार ऐसे फर्जी खातों का पता चला है जिसके तहत पीएम किसान योजना की तहत मिलने वाली प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की राशि ट्रांसफर कर दी गई। इस बात का पता चलने पर जिम्मेदार अधिकारियों के होश उड़ गए कि एक साथ इतनी बड़ी तादाद में फर्जी खातों में योजना की राशि कैसे ट्रांसफर हो गई और इसका पता इतनी देरी से क्यों लगा।
यदि आप भी किसान है और आपको प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ मिल रहा है तो यह खबर आपके लिए काफी महत्वपूर्ण साबित हो सकती है, तो आइए जानते हैं आखिर क्या है पूरा मामला और ऐसी घटनाओं से कैसे बचा जा सकता है।
यह मामला मारवाड़ के पाली जिले के देसूरी का है। यहां किसानों को पीएम किसान योजना (PM Kisan Yojana) के तहत मिलने वाली प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (Pradhan Mantri Kisan Samman Nidhi Yojana) की राशि बिहार और पश्चिम बंगाल के लोगों के खाते में ट्रांसफर हो गई। जानकारी में सामने आया कि करीब एक करोड़ 51 लाख 24 हजार रुपए पश्चिम बंगाल व बिहार के लोगों के खाते में ट्रांसफर कर दिए गए। मामला का पता चलने पर अधिकारियों ने इस मामले के संबंध में एफआईआर दर्ज कराई है।
पुलिस के अनुसार देसूरी में यह घोटाला साल 2019 व 2020 का है। तहसीलदार चौहान ने बताया कि पीएम किसान योजना (PM Kisan Yojana) की आईडी पर वार्षिक भौतिक सत्यापन के दौरान करीब 32 हजार फर्जी ऑनलाइन आवेदन मिले थे। आवेदन पर संदेह होने पर इन आवेदनों का दिसंबर 2020 में अवलोकन कराया गया तो इनमें से अधिकतर आवेदन पश्चिम बंगला और बिहार के थे। ये किसान देसूरी तहसील क्षेत्र के बाहर के हैं और उनके खाते भी बाहर के हैं। इस संबंध में देसरी तहसीलदर हरेंद्र सिंंह चौहान ने केस दर्ज कराया है। चौहान की ओर से दर्ज करवाई गई रिपोर्ट के अनुसार इस अवधि में 4793 खातों में करीब एक करोड़ 51 लाख 24 हजार रुपए ट्रांसफर किए गए। ये राशि बाहर के खातों में ट्रांसफर की गई है। यह कैसे हुआ इसका अभी तक खुलासा नहीं हो पाया है। देसूरी पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
इससे पहले रानी और मारवाड़ जंक्शन में भी ऐसे फर्जी मामले सामने आ चुके हैं। संदेह की स्थिति पाए जाने पर सभी प्रकरणों का पटवारी द्वारा भौतिक सत्यापन करवाया गया। इसके बाद में करीब 20 हजार अपात्र किसानों को जनवरी 2021 में अपात्र घोषित कर दिया गया। ये खाते सीएससी या सेल्फ रजिस्ट्रेशन के बाद फर्जी तरीके से स्वप्रमाणित किए हुए लग रहे थे। किसान सम्मान निधि की राशि का हस्तांतरण अपात्र किसानों के खाते में हुआ।
राजस्थान के पाली जिले के रानी, मारवाड़ और देसूरी तहसीलों में भौतिक सत्यापन में देसूरी में 20 हजार, रानी में 9,004 और मारवाड़ जंक्शन में 62 फर्जी खाते मिले जिसमें देसरी में 1.51 करोड़ रुपए, रानी में 5.40 करोड़ रुपए की राशि ट्रांसफर की गई। तीनों तहसीलदारों ने मार्च माह में अपने–अपने क्षेत्र के पुलिस थानों में रिपोर्ट दर्ज कराई है। रानी तहसीलदार ने 3 मार्च, मारवाड़ जंक्शन तहसीलदार ने 6 मार्च और देसूरी तहसीलदार ने 6 मार्च को संबंधित पुलिस थानों में इस मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
पाली जिले की दूसरी, रानी व मारवाड़ जंक्शन तहसीलों में मार्च के महीने में तहसीलदारों की ओर से मामले दर्ज कराए गए जिनमें सभी मामले एक जैसे पाए गए। भौतिक सत्यापन में पता चला कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत आवेदन करने वाले इन तहसीलों के निवासी ही नहीं हैं। ये लोग आयकर दाता है और इनमें से कई लोग तो ऐसे शामिल हैं जिनकी मृत्यु हो चुकी है या फिर इनके नाम राजस्व रिकार्ड में दर्ज नहीं हैं।
सत्यापन में सामने आई यह बात
सत्यापन रिपोर्ट में आशंका जताई जा रही है कि यूपी–बिहार, पश्चिम बंगाल व हरियाणा के साइबर ठगों ने हैकिंग कर इस काम को अंजाम दिया है। आशंका जताई जा रही है कि ऐसे लोगों की संख्या और धनराशि बढ़ सकती है जिनके फर्जी एकाउंट और उनमें योजना का पैसा ट्रांसफर हुआ है। अभी यह आंकड़ा उन गांवों का है जहां संदेह होने पर प्रशासन ने गांवों में जाकर भौतिक सत्यापन करवाया है। अभी इस मामले में संदिग्ध किसानों के नाम और पते के भौतिक सत्यापन का काम चल रहा है।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (Pradhan Mantri Kisan Samman Nidhi Yojana) जिसे पीएम किसान योजना के नाम से भी जाना जाता है। इस योजना के तहत इस योजना से जुड़े पात्र किसानों को हर साल 6,000 रुपए की राशि हर चार माह के अंतराल में 2000–2000 रुपए की तीन समान किस्तों में दी जाती है। इस योजना का पैसा डीबीटी के माध्यम से सीधे किसानों के खातों में प्रदान किया जाता है। पीएम किसान योजना के तहत जांच में पता चला है कि कई किसान इस योजना के पात्र नहीं होने पर भी योजना का लाभ उठा रहे हैं और सम्मान निधि की राशि प्राप्त कर रहे हैं। इस बात का पता चलने पर केंद्र सरकार की ओर से अयोग्य व अपात्र किसानों से पीएम सम्मान के तहत दी गई किस्तों की राशि की वसूली की जा रही है। केंद्र सरकार की ओर से अब तक अयोग्य लाभार्थियों से करीब 416 करोड़ रुपए की वसूली की जा चुकी है। बता दें कि अब तक प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत पात्र देश के पात्र किसानों को 19 किस्तों में करीब 3.68 लाख करोड़ से अधिक की राशि उनके खातों में भेजी जा चुकी है।
प्रेस सूचना ब्यरो (पीआईबी) की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, राज्य सरकारों को निर्देश दिया गया है कि वे ऐसे लाभार्थियों की पहचान करें जो इस योजना के पात्र नहीं हैं, इसके तहत जो व्यक्ति इनकम टैक्स भरते हैं, सरकारी नौकरी में कार्यरत है या सरकारी उच्च पदों पर आसीन है। ऐसे लोग योजना का लाभ नहीं उठा पाएं। यदि ऐसा मामला सामने आए तो उनसे तुरंत योजना के तहत अब तक प्राप्त की गईं किस्तों की वसूली की जाए।
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