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खुशखबर : किसानों से 5 लाख टन प्याज खरीदेगी सरकार, मिलेगा उचित दाम

प्रकाशित - 29 Mar 2024

जानें, क्या है सरकार की योजना और इससे प्याज किसानों को कितना होगा लाभ

प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध के कारण मंडी में प्याज के भावों में निरंतर गिरावट देखने को मिल रही है। कई जगह पर तो प्याज के भावों में इतनी गिरावट आ गई है कि किसान को लागत निकालना भी मुश्किल हो गया है, लेकिन मजबूरी में किसानों को औने-पौने दाम पर अपना प्याज बेचना पड़ रहा है। यदि बात की जाए महाराष्ट्र की तो यहां प्याज के भावों में काफी गिरावट आई है। हालांकि पिछले साल के मुकाबले यह गिरावट कम है। 

बता दें कि पिछले साल यहां की मंडियों में प्याज का भाव 8 रुपए प्रति किलोग्राम तक हो गया था, जबकि इस साल प्याज का भाव 14 रुपए प्रति किलोग्राम है। प्याज का भाव और ज्यादा नहीं गिर जाए जिससे किसानों को नुकसान हो, इस बात काे ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने प्याज का बफर स्टॉक बनाने के लिए किसानों से प्याज की खरीद करने का फैसला किया है जिससे किसानों को लाभ होगा।

किसानों को क्यों मिल रहे हैं प्याज के कम भाव (Why are farmers getting low prices for onion?)

केंद्र सरकार ने देश की घरेलू मांग की पूर्ति करने और प्याज के भावों को नियंत्रित रखने के उद्देश्य से प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया हुआ है जो अभी जारी है। प्याज पर लगे प्रतिबंध के कारण देश का प्याज भारत से बाहर सप्लाई नहीं हो पा रहा है जिससे प्याज के भाव कम हो रहे हैं और किसानों को घाटा हो रहा है। किसान आस लगाए बैठे थे कि कब प्याज के निर्यात से प्रतिबंध हटे और उनको इसके सही भाव मिल सके, लेकिन सरकार ने प्याज के निर्यात पर लगे प्रतिबंध को तो नहीं हटाया लेकिन प्याज का बफर स्टॉक बनाने के लिए किसानों से प्याज की खरीद की घोषणा जरूर कर दी है। इससे किसानों को कुछ राहत मिल सकेगी। बता दें कि लोकसभा चुनाव पास है और सरकार को चिंता है कि कहीं देश में प्याज के भाव बढ़ गए तो उन्हें चुनाव में नुकसान हो सकता है। विपक्ष प्याज का मुद्दा बनाकर सरकार के चुनावी गणित को बिगाड़ सकता है। ऐसे में केंद्र सरकार ने किसानों के हित में फैसला लेते हुए प्याज की सरकारी खरीद का ऐलान कर दिया है।

कब से शुरू होगी प्याज की सरकारी खरीद (When will government procurement of onion start?)

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक केंद्र सरकार की ओर से किसानों से एक अप्रैल से प्याज की खरीद शुरू की जाएगी ताकि प्याज निर्यात पर लगे प्रतिबंध से किसान परेशान न हो। यह खरीद बफर स्टॉक के लिए की जाएगी। सरकार के इस फैसले की घोषणा उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित सिंह और विशेष सचिव निधि खरे ने की है। सरकार ने 2023-24 (अप्रैल-मार्च) सीजन में बफर स्टॉक के लिए 7 लाख टन प्याज खरीदा था। उन्होंने कहा कि पहले खरीद की घोषणा किश्तों में की गई थी। वहीं इस साल बफर स्टॉक के लिए एक बार में ही घोषणा की जा रही है। यही नहीं, जरूरत पड़ने पर अधिक प्याज खरीदा जाएगा ताकि किसानों को प्याज निर्यात पर लगे प्रतिबंध से परेशानी नहीं हो और निर्यात प्रतिबंध बावजूद उन्हें प्याज का उचित दाम मिल सके।

कितने भाव से होगी प्याज की सरकारी खरीद (At what price will the government purchase onion?)

यदि बात की जाए कि कितने भाव से सरकार किसानों से प्याज की खरीद सकती है तो इसके विषय में अभी सरकार ने खुलासा नहीं किया है। देश में प्याज के सबसे बड़े व्यापारिक केंद्र महाराष्ट्र के लासलगांव में किसानों को प्याज का 14 रुपए प्रति किलोग्राम के हिसाब से भाव मिल रहा है। इसके बावजूद सरकार ने हस्तक्षेप कर प्याज की सरकारी खरीद का ऐलान कर दिया है। ऐसे में यह तो तय है कि किसानों को प्याज का भाव 14 रुपए प्रति किलोग्राम से अधिक ही रेट मिलेगा। प्याज की सरकारी कीमत के संबंध में सचिव राहित सिंह ने कहा कि सरकार ने कभी प्याज लागत से कम मूल्य पर नहीं खरीदा। पिछले रबी सीजन में प्याज औसतन 17 रुपए प्रति किलोग्राम के भाव से खरीद गया था।

अभी कितना है सरकार के पास प्याज का बफर स्टॉक (How much onion buffer stock does the government currently have?)

सिंह के मुताबिक इस साल प्याज खरीद की अवधि को आगे बढ़ा दिया गया है। पिछले साल खरीदे गए 7 लाख टन प्याज में से केवल 25,000 टन ही बफर स्टॉक में है, जबकि शेष मात्रा बेची जा चुकी है। बिक्री मूल्य के बारे में पूछे जाने पर कि क्या सरकार 25 रुपए प्रति किलोग्राम की खुदरा बिक्री की पिछली नीति को बरकरार रखेगी। इस पर अधिकारियों का कहना है कि इसे थोक बाजार में प्रचलित दरों पर बेचा जाएगा और खुदरा बिक्री पर अभी कोई निर्णय नहीं हुआ है।

इस बार प्याज के कम उत्पादन का अनुमान (This time onion production is estimated to be less)

रबी सीजन के प्याज का उत्पादन 2023-24 में घटकर 193 लाख टन होने का अनुमान है, जो एक साल पहले 236 लाख टन था। इस तरह रबी सीजन के प्याज का उत्पादन पिछले साल के मुकाबले 18 प्रतिशत कम हुआ है। प्याज के उत्पादन में आई गिरावट को लेकर भी सरकार चिंतित है। सरकार का बफर स्टॉक बनाने का मकसद यह है कि कम उत्पादन के कारण त्योहारी सीजन में देश में प्याज की कमी न हो और घरेलू मांग पूरी की जा सके और साथ ही प्याज के भाव भी नियंत्रित रहे। अक्सर देखने में आता है कि उत्पादन गिरने से भावों में तेजी आ जाती है। ऐसा ही कई बार प्याज के भावों के साथ भी हुआ है। ऐसे में केद्र सरकार ने पहले से ही त्योहारी सीजन के दौरान पर्याप्त प्याज की उपलब्धता बनाए रखने के लिए बफर स्टॉक बनाना शुरू कर दिया है।

खरीफ प्याज की बुवाई सुनिश्चित करने के किए जाएंगे प्रयास (Efforts will be made to ensure sowing of Kharif onion)

कृषि मंत्रालय की ओर से अगली दिवाली सीजन के लिए योजना बनाने का काम शुरू कर दिया गया है। जहां एक ओर विकिरण प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करके प्याज की शेल्फ लाइफ बढ़ाने पर काम किया जाएगा तो दूसरी तरफ खरीफ फसल की शुरुआती बुवाई सुनिश्चित करने का भी प्रयास किया जाएगा ताकि त्योहारी सीजन में प्याज की पर्याप्त उपलब्धता को बनाए रखा जा सके।

क्या चल रहे है प्याज के बाजार भाव (What are the market prices of onion?)

कमोडिटी ऑनलाइन मंडी भाव के अनुसार वर्तमान बाजार दरों के मुताबिक महाराष्ट्र में प्याज का औसत मूल्य 1310.95 रुपए प्रति क्विंटल है। जबकि इसकी सबसे उच्च कीमत 2300 रुपए प्रति क्विंटल है। यानि महाराष्ट्र में प्याज का भाव थोक भाव 13 रुपए से लेकर 23 रुपए प्रति किलोग्राम चल रहा है।

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