प्रकाशित - 19 Apr 2025
ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
Subsidy on Solar Pump Plant: किसानों के लिए एक बार फिर से कमाई का शानदार मौका आया है। राज्य सरकार की ओर से किसानों को सोलर पंप प्लांट (Solar Pump Plant) लगाने के लिए आवेदन की तिथि को बढ़ा दिया गया है। ऐसे में प्रदेश के अधिक से अधिक किसान इस योजना का लाभ उठाकर सब्सिडी (Subsidy) पर सोलर पंप प्लांट लगवा सकेंगे। खास बात यह है कि सोलर पंप लगवाने के बाद किसानों को इससे 24 घंटे सिंचाई की सुविधा तो मिलेगी ही, साथ ही किसानों से सरकार बिजली की खरीद भी करेगी। यानी एक साथ 2 फायदे किसानों को इस योजना के तहत दिए जाएंगे। इस योजना के तहत किसानों को 1.50 करोड़ रुपए की सब्सिडी दी जाएगी। अधिक से अधिक योजना का लाभ किसानों तक पहुंचे, इसके लिए राज्य सरकार की ओर से आवेदन की अंतिम तिथि 23 अप्रैल 2025 कर दी गई है। पहले इस योजना में आवेदन की तारीख 2 अप्रैल 2025 तक थी।
केंद्र सरकार की ओर से प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा और उत्थान महाअभियान, जिसे संक्षेप में पीएम-कुसुम योजना (PM Kusum Yojana) के नाम से जाना जाता है, के तहत राज्य सरकार की ओर से किसानों को सब्सिडी (Subsidy) का लाभ प्रदान किया जा रहा है। यह योजना बिहार स्टेट पावर जनरेशन कंपनी लिमिटेड की ओर से संचालित की जा रही है। इस योजना के तहत राज्य के 962 बिजली उपकेंद्रों से जुड़े करीब 3188 कृषि तथा मिश्रित फीडरों को सोलर सिस्टम से जोड़ने का काम किया जाएगा। इससे बिजली कंपनी और किसान दोनों को फायदा होगा। योजना की अच्छी बात यह है कि इसमें आवेदन के लिए आपको किसी विशेष तकनीकी योग्यता या मोटे बैंक बैलेंस की आवश्यकता नहीं है।
प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा और उत्थान महाअभियान (पीएम-कुसुम योजना) के तहत केंद्र सरकार की ओर से प्रति मेगावाट 1 करोड़ 5 लाख रुपए की सब्सिडी दी जाएगी। वहीं, बिहार सरकार की ओर से 45 लाख रुपए प्रति मेगावाट के हिसाब से अतिरिक्त सब्सिडी का लाभ किसानों को प्रदान किया जाएगा। यह अनुदान कृषि फीडर की लोडिंग और कुल क्षमता पर निर्भर करेगा।
इस योजना के तहत किसान अपनी जमीन पर कई सालों तक कमाई कर सकते हैं। सोलर प्लांट से किसानों को फसलों की सिंचाई के लिए न केवल बिजली उपलब्ध होगी, बल्कि किसान अतिरिक्त बिजली उत्पादन होने पर उसे ग्रिड को बेचकर लाभ प्राप्त कर सकते हैं। इस तरह किसान अच्छी कमाई कर सकते हैं। इस योजना से खेती की लागत कम होगी, उपज में बढ़ोतरी के साथ ही पर्यावरण को भी लाभ होगा। बता दें कि सोलर ऊर्जा एक स्वच्छ व नवीकरणीय स्रोत है, जिससे प्रदूषण नहीं होता है। यह योजना पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान देगी।
बिहार के जो किसान इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं, उन्हें इसके लिए निम्नलिखित शुल्क जमा करना होगा, शुल्क का विवरण इस प्रकार से है:
योजना के तहत जो किसान एक मेगावाट का सोलर पावर प्लांट लगाना चाहते हैं, उन्हें लगभग 4 एकड़ जमीन की आवश्यकता होगी। प्लांट को नजदीकी 11 केवी बिजली उपकेंद्र से जोड़ा जाएगा। योजना के तहत किसान को एक साल के अंदर प्रोजेक्ट पूरा करना होगा। इसके बाद साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड अगले 25 सालों तक उनसे बिजली की खरीद करेगी। इस तरह किसान को घर बैठे हर साल एक मोटी आय प्राप्त हो सकेगी।
प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा और उत्थान महाअभियान (पीएम-कुसुम योजना) के तहत सब्सिडी पर सोलर पावर प्लांट लगवाने के लिए आवेदन हेतु किसानों को कुछ जरूरी दस्तावेजों की आवश्यकता होगी। वे दस्तावेज इस प्रकार हैं:
प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा और उत्थान महाअभियान (पीएम-कुसुम योजना) के तहत सब्सिडी पर सोलर पावर प्लांट लगवाने के लिए जिन पात्र हितधारकों को शामिल किया गया है, उनमें व्यक्तिगत किसान, पंचायतें, सहकारी समितियां, किसान उत्पादक संगठन (FPO), जल उपयोगकर्ता समूह और स्वयं सहायता समूह शामिल हैं।
यदि आप बिहार के किसान हैं और आपके पास खाली जमीन है, तो आप इस योजना के तहत सोलर पंप प्लांट लगाकर अतिरिक्त कमाई का मौका प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए आपको 23 अप्रैल 2025 तक आवेदन करना होगा। आवेदन बिहार सरकार के ई–प्रोक्योरमेंट पोर्टल के माध्यम से किया जा सकता है। योजना से संबंधित अधिक जानकारी के लिए आप बिहार सरकार के ई-प्रोक्योरमेंट पोर्टल पर विजिट कर सकते हैं।
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