प्रकाशित - 29 May 2025
ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
5 rules will change from 1 June: हर महीने की पहली तारीख की तरह इस बार भी 1 जून 2025 से कुछ बड़े बदलाव होने जा रहे हैं, जिनका सीधा असर आम आदमी की जेब और रोजमर्रा की जिंदगी पर पड़ेगा। बैंकिंग, निवेश, एलपीजी गैस, एटीएम से कैश निकासी और क्रेडिट कार्ड (Credit Card) जैसे कई ऐसे काम है जो हमारे जीवन का अहम हिस्सा बन चुके हैं, इनसे जुड़े नियमों में बदलाव होने की संभावना है। बताया जा रहा है कि इन आवश्यक सेवाओं में एक जून से बदलाव हो सकता है। इन बदलावों के चलते सेवाओं के शुल्क में बढ़ोतरी या नई शर्तें लागू हो सकती हैं।
1 जून 2025 से लागू होने वाले ये 5 बड़े बदलाव सीधे आम आदमी की वित्तीय योजनाओं और खर्चों पर असर डाल सकते हैं। जहां एक ओर कुछ फैसलों से डिजिटल लेनदेन और सुविधा बढ़ेगी। वहीं दूसरी ओर अतिरिक्त शुल्क और ब्याज दरों में कमी से जेब पर भार पड़ सकता है। समय रहते इन नियमों की जानकारी रखना बेहद जरूरी है, ताकि आप अपने वित्तीय फैसले समझदारी से ले सकें और किसी भी प्रकार की असुविधा से बच सकें, तो आइए जानते हैं कि 1 जून से कौन-कौन से 5 बड़े नियम बदल सकते हैं और उनका आम लोगों पर क्या प्रभाव पड़ सकता है।
हर महीने की पहली तारीख को LPG गैस सिलेंडर की कीमतों में संशोधन होता है। ऐसे में इस 1 जून को भी रसोई गैस के दाम घट या बढ़ सकते हैं। यदि कीमतों में बढ़ोतरी होती है तो इसका सीधा असर आम जनता की जेब पर पड़ेगा। वहीं, कीमतें घटने की स्थिति में राहत भी मिल सकती है। घरेलू बजट को प्रभावित करने वाले इस बदलाव पर नजर बनाए रखना जरूरी है। अभी 14.2 किलोग्राम घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमत करीब 856.50 रुपए है, जो अलग–अलग राज्यों में अलग–अलग हो सकती है।
1 जून से क्रेडिट कार्ड से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण शर्तें लागू की जा सकती हैं। इनमें सबसे अहम बदलाव यह हो सकता है कि ऑटो-डेबिट फेल होने पर अब कार्ड धारक को 2% पेनल्टी चुकानी पड़ सकती है। इसके अलावा यूटिलिटी बिल पेमेंट और फ्यूल ट्रांजैक्शन पर अतिरिक्त चार्ज लगाए जाने की संभावना है। वहीं, इंटरनेशनल ट्रांजैक्शन पर भी नए शुल्क और सीमाएं लागू की जा सकती हैं। रिवार्ड प्वाइंट्स की व्यवस्था में भी कटौती की भी खबरें आ रही हैं, जिससे यूजर्स को पहले जितने लाभ नहीं मिल पाएंगे।
बैंकिंग सेवाओं में बदलाव की लहर के तहत एटीएम ट्रांजैक्शन चार्ज भी बदल सकते हैं। खबर है कि 1 जून से ATM से नकद निकासी पर अतिरिक्त शुल्क लगाया जा सकता है, विशेषकर अगर आप फ्री ट्रांजैक्शन लिमिट से ज्यादा बार पैसे निकालते हैं। ग्राहकों को हर निकासी के साथ जुड़ने वाले चार्ज के बारे में पहले से जानकारी रखनी होगी ताकि महीने के अंत में बढ़ने वाले खर्च को रोका जा सके।
ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव का असर सीधे निवेशकों पर पड़ता है। फिक्स्ड डिपॉज़िट (FD) पर मिलने वाली ब्याज दरों में भी 1 जून से बदलाव की संभावना है। इस समय अधिकांश बैंक 6.5% से 7.5% की दर से ब्याज दे रहे हैं, लेकिन एक्सपर्ट्स के मुताबिक कुछ बैंकों द्वारा ब्याज दरों में कटौती की जा सकती है। ऐसे में FD में निवेश करने वालों को सतर्क रहना होगा। ऐसे में उन्हें नई दरों की जानकारी तुरंत लेनी चाहिए।
सरकार की ओर से जून में EPFO (Employees' Provident Fund Organisation) का नया वर्जन 3.0 लॉन्च किया जा सकता है। इस नए सिस्टम के जरिए कर्मचारियों को पीएफ से जुड़ी सेवाएं और ज्यादा आसान और तेज मिलेंगी। इसमें पीएफ क्लेम, डाटा अपडेट और बैलेंस चेक जैसे काम ATM जैसे कार्ड की सहायता से हो सकेंगे। इसका सीधा फायदा उन कर्मचारियों को मिलेगा जो अक्सर क्लेम प्रक्रिया में देरी या तकनीकी परेशानियों से जूझते हैं। यह कदम डिजिटल इंडिया मिशन को भी बढ़ावा देगा।
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