Published Feb 18, 2022
इसे किसी भी क्षेत्र का किसान फरवरी माह में शुरू कर सकता है एवं वह अपने क्षेत्र की मिट्टी के हिसाब से किसान 4 से 5 फसल ले सकते हैं।
मल्टीलेयर खेती की इस तकनीक में ज़मीन की अलग-अलग परत (लेयर) पर उगने वाली फसलों को उगाया जाता है तथा जैविक तरीके से जमीन की हर परत पर मौजूद पानी और पोषक तत्वों का लाभ उठाया जाता है।
इस तकनीक से खेती करने के लिए बांस, तार और घास से ढांचा तैयार करना पड़ता हैं जिसके लिए 1 से 1.25 लाख रुपए खर्च आता है और यह ढांचा 5 साल तक काम मे ले सकते है।
इस तकनीक से खेती करने से 70% पानी और किसानों की लागत कई गुना कम हो जाती है। इसमें कम समय में एक से अधिक फसलों की उपज प्राप्त होती है।
उद्यान विभाग की ओर से प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन किया जाता है और कई प्राईवेट संस्थाएं भी इसके लिए शिविर लगाती है।