Published Apr 11, 2022
इसमें जलवायु नियंत्रण की जरूरत नहीं होती है। हाइड्रोपोनिक खेती करने के लिए करीब 15 से 30 डिग्री तापमान की आवश्यकता होती है।
इस तकनीक का इस्तेमाल केवल छोटे पौधों वाले फसलों की खेती में किया जा रहा है।
शिमला मिर्च, मटर, मिर्च, स्ट्रॉबेरी, ब्लैकबेरी, ब्लूबेरी, तरबूज, खरबूजा, अनानास, अजवाइन, तुलसी,गाजर, शलजम, ककड़ी, मूली, आलू आदि।
हाइड्रोपोनिक तकनीक स्थापित करने में प्रति एकड़ के क्षेत्र में करीब 50 लाख रुपए तक का खर्च आता है।
हाइड्रोपोनिक्स पद्धति में शुरुआती लागत के बाद धीरे-धीरे लागत कम होती जाती है और कम जगह में ज्यादा उत्पादन होता है। साथ ही पानी की 90 प्रतिशत बचत होती है।
इस पद्धति में फसल पर वितरित मौसम का प्रभाव नहीं पड़ता है।