Published Dec 30, 2022
सुरक्षात्मक खेती तकनीक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस(AI), बायो इंजीनियरिंग, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT), ड्रोन (Drone) आदि से खेती में बड़े परिवर्तन देखने को मिलेंगे।
फसल के अनुकूल मानव निर्मित वातावरण में फसल उगाने की प्रथा को सुरक्षात्मक खेती कहा जाता है। मल्च फिल्म, शेड नेट, क्रॉप एंड फ्रूट कवर, पॉन्ड लाइनर्स, वर्मी बेड, एग्री वायर आदि प्रसिद्ध सुरक्षात्मक कृषि उत्पाद हैं।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से भविष्य में रोबोट से खेती हो सकेगी। वर्तमान में एएआई से मिट्टी के स्वास्थ्य की निगरानी, फसलों में कीटों और बीमारियों का मुकाबला और समग्र बोझ को कम करना आदि कार्य हो रहे हैं।
बायो इंजीनियिंग से किसी फसल के डीएनए और आरएनए में बदलाव करके उस नस्ल को पहले से बेहतर बनाया जा सकता है। अब तक कई अद्भुत रिजल्ट सामने आ चुके हैं।
इंटरनेट ऑफ थिंग्स को इंटरनेट का भविष्य कह सकते हैं। यह मशीनों और लोगों को एक दूसरे से जुड़ने और संवाद करने की अनुमति देता है। IoT डिवाइस से किसान बुद्धिमानी से फैसला लेने में सक्षम बनता है।
ड्रोन से खेती में दवा व उर्वरक का छिड़काव का काम होता है। अब ड्रोन से खेती में बीमारी का भी पता लगाया जा सकता है।