Published Feb 01, 2023
फरवरी महीने से देश में जायद की फसलों की बुवाई का समय शुरू होता है। इस मौसम में खीरा, ककड़ी, करेला, लौकी, तोरई, पेठा, पालक, फूलगोभी, बैंगन, भिण्डी आदि जैसी सब्ज़ियों की बुवाई करनी चाहिए।
खीरे की खेती करने के लिए खेत में क्यारियां बनाएं। इसकी बुवाई पंक्तियों में ही करें। खीरे की बुवाई करने के बाद 20 से 25 दिन बाद निराई - गुड़ाई करना चाहिए। खेत में सफाई रखें और तापमान बढ़ने पर हर सप्ताह खेत की हल्की सिंचाई करें।
इसकी बुवाई के लिए उपयुक्त समय फरवरी से मार्च तक होता है । ककड़ी की बुवाई करने के लिए एक एकड़ के खेत में एक किलोग्राम बीज की ज़रूरत होती है। इसकी खेती लगभग हर तरह की ज़मीन में की जा सकती है।
करेला की खेती करने के लिए हल्की दोमट मिट्टी अच्छी होती है। करेले की बुवाई आप दो तरीके से कर सकते हैं - इसकी बीज से और पौधे से। करेले की खेती करने के लिए 2 से 3 बीज 2.5 से 5 मीटर की दूरी पर बोने चाहिए।
लौकी की खेती हर तरह की मिट्टी में हो जाती है लेकिन दोमट मिट्टी इसकी खेती के लिए सबसे अच्छी होती है। लौकी की खेती में एक एकड़ खेत में 4.5 किलोग्राम बीज की ज़रूरत होती है।
हल्की दोमट मिट्टी तोरई की खेती करने के लिए सबसे उपयुक्त मानी जाती है। नदी के किनारे वाली जमीन इसकी खेती के लिए अच्छी रहती है। एक एकड़ खेत में 4 से 5 किलोग्राम बीज लगता है।