जानिए क्यों गाय की यह नस्ल छोटे किसानों के लिए है फायदेमंद और दूध उत्पादक

Published Aug 30, 2024

बेलाही नस्ल की खासियत!

बेलाही नस्ल की गाय छोटे किसानों के लिए बहुत लाभकारी है। यह दूध और भार के लिए पाले जाने वाली मवेशियों की दोहरी नस्ल है। इसका वजन 250 से 300 किलो होता है।

दूध उत्पादन

बेलाही गाय एक ब्यांत में औसतन 1014 लीटर से अधिकतम 2092 लीटर तक दूध देती है।

बेहाली गाय की पहचान

इस नस्ल की गाय लाल-भूरे, भूरे या सफेद रंग में पाई जाती है। सिर सीधा, चेहरा पतला और माथा चौड़ा होता है। सींग ऊपर और अंदर की ओर मुड़ा होता है।

दूध में फैट

दूध में सामान्य: 2.37 प्रतिशत से 7.89 प्रतिशत तक फैट पाया जाता है। जबकि बेलाही गाय के दूध में औसतन 5.25 प्रतिशत तक फैट पाया जाता है।

कहां मिलेगी बेहाली गाय

बेहाली नस्ल की गाय हरियाणा के अंबाला, पंचकुला, यमुनानगर और चड़ीगढ़ के आसपास पाए जाते हैं। इसे मोरनी नस्ल भी कहा जाता है।

कौनसा समुदाय इन गायों को पालता है?

हरियाणा की तलहटी में गुज्जर समुदाय द्वारा इस नस्ल का पालन किया जाता है।

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