Published Sep 10, 2022
जैविक मल्चिंग पौधों को ढंकने के लिए फसलों की पराली, पेड़ों की पत्तियां, घास की कतरन, पीट मोस, पाइन स्ट्रा आदि का प्रयोग किया जाता है।
इससे सिंचाई में 65 प्रतिशत तक जल की बचत होती है।
फसल के बीच में खरपतवार नहीं होती और पौधे अधिक समय तक सुरक्षित बने रहते हैं।
यदि लंबे समय तक बारिश नहीं हो तो मल्च खेत या गार्डन में लैंडस्केप से होने वाली हानि से बचाता है।
मल्चिंग विधि से खेती में पहले अच्छी तरह से जुताई कर लें। इसके बाद गोबर की खाद को मिट्टी में मिला दें। अब खेत में उठी हुई मेड बना कर उस पर मल्चिंग बिछा दें।
हां, इसके लिए अपने जिले के कृषि अधिकारी अनुसंधान केंद्र या कृषि अधिकारी कार्यालय में संपर्क कर सकते हैंï