Published Apr 04, 2022
खरबूजे की उन्नत किस्मों में मुख्यता पूसा शरबती (एस-445), पूसा मधुरस, हरा मधु और पंजाब सुनहरी नामक किस्मों का अधिक उत्पादन देने के लिए इस्तेमाल किया जाता है |
खरबूजे की खेती के लिए हल्की बलुई दोमट मिट्टी उपयुक्त मानी जाती है। इसकी खेती में भूमि का पीएच मान 6 से 7 के बीच होना चाहिए।
खरबूजे को पर्याप्त मात्रा में गर्म और आर्द्र जलवायु की आवश्यकता होती है, इसके बीजों को अंकुरित होने के लिए शुरू में 25 डिग्री तापमान की आवश्यकता होती है |
खरबूजे की खेती के लिए सबसे पहले खेत की मिट्टी को पलटने वाले हल से गहरी जुताई करके भुरभुरा बनाया जाता है। खरबूजे की खेती में रोपाई बीज और पौध दोनों ही रूप में की जा सकती है और इसकी बुवाई फरवरी के महीने में की जाती है |
बीज बोने के 90 से 95 दिन बाद फसल तैयार हो जाती है और फल अंत से पकने लगते हैं। जिससे फलों का रंग बदल जाता है। इस दौरान इसके फलों की तुड़ाई की जाती है।