Published Jan 05, 2023
चने की फसल को फंफूदी जनित रोग, फली छेदक, कटवा सुंडी और झुलसा रोग आदि प्रभावित करते हैं।
चांदनी ( एस्कोकाइटा ब्लाइट ), धूसर फफूंद ( बोट्राइटिस ग्रेमोल्ड )
इस रोग में चने के पौधे के निचले हिस्से पर गेरूई रंग के भूरे कत्थई रंग के धब्बे पड़ जाते हैं जिससे संक्रमित पौधा मुरझाकर धीरे-धीरे सूख जाता है।
इस रोग में पौधों की पत्तियों, तना, टहनियों और फलियों में गोल आकार का प्यालिनुमा सफेद भरे रंग का फफोले बनने लगता हैं। बाद में तना के फफोले काले हो जाते हैं एवं पौधे सूखने लग जाते हैं।
चने की फसल में लगने वाला ये प्रमुख रोग हैं। शुरुआत में इस रोग के कीट चने की पत्तियों को खाती हैं। इसके बाद चने की फसल में फली लगने पर उनमें छेद कर दाने को खोखला कर देती हैं।
कटवा सुंडी रोग के कीट फसल में उगते पौधों के तनों या शाखाओं को काटकर नुकसान पहुंचाते है।