Published Jun 20, 2022
टमाटर के कोमल एवं मुलायम होने के कारण इसमें रोग जल्दी लगते हैं।
नमी युक्त वातावरण एवं उर्वरकों का आवश्यकता से अधिक प्रयोग।
उत्पादन में 20 से 25 प्रतिशत तक कमी आ सकती है।
यह रोग फफूंद राइजोक्टोनिया एवं फाइोफ्थोरा कवकों के मिले जुले संक्रमण से होता है और इससे पौधे अचानक ही सूख जाते हैं तथा जमीन पर गिर कर सड़ जाते हैं।
बीजों को थायरम या केप्टान 3 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज दर से उपचारित करके बोना चाहिए।
सफेद मक्खी द्वारा पर्ण कुंचन रोग फैलता है। बचाव के लिए ईमिडाक्लोक्रिड 17.8 एस एल 1 मिलीलीटर प्रति 3 लीटर पानी में घोल बनाकर छिडक़ाव करें।