Published Apr 22, 2022
हां, सिंघाड़े की खेती सालभर करके भरपूर पैदावार ली जा सकती है।
ताजा सिंघाड़ा फल के रूप में खाया जाता है। सूखा सिंघाड़े के आटे से कई पकवान बनते हैं। व्रत में इसका सबसे अधिक महत्व है।
सिंघाड़े की बुवाई बारिश शुरू होते ही अगस्त के प्रथम सप्ताह तक की जा सकती है।
मई और जून महीने में गांव के छोटे तालाब, पोखर और गड्ढे में इसका बीज बोया जाता है।
खेत में जून से लेकर जनवरी तक 60-120 सेंटीमीटर तक पानी भरना होता है। बरसात से पहले बुवाई की जाती है।
खाद-बीज की दुकान से