केसर की खेती से संबंधित पूरी जानकारी

केसर ठंडी जलवायु में उगने वाली फसल है तथा यह आय का एक अच्छा स्त्रोत भी होता है।

Published Mar 04, 2022

आप यहाँ इस वेब स्टोरी में केसर की खेती और इससे कमाई के तरीके के बारे में जानेंगे |

केसर की जैविक खेती

इस तरह की खेती के लिए ड्रिप विधि का उपयोग किया जाता है। जैविक फसल का पौधा 4 से 5 फीट लंबा होता है, जिस पर दो सौ से ढाई सौ फूल लगते हैं। जैविक खेती से पौधे को कोई रोग भी नहीं लगता है।

स्थानीय खेती

केसर उगाने के लिए समुद्र तल से लगभग 2000 मीटर की ऊंचाई पर एक पहाड़ी क्षेत्र और शीतोष्ण जलवायु की आवश्यकता होती है | इसकी खेती के लिए दोमट मिट्टी बहुत ही अच्छी होती है।

जलवायु व मिट्टी

समुंद्र तल से 1500 से 2500 मीटर की ऊंचाई पर एवं कुछ गर्म इलाकों में इसकी खेती होती है, इसकी खेती के लिए रेतीली, चिकनी, बलुई या फिर दोमट मिट्टी उपयुक्त रहती है।

उचित समय

ऊंचे पहाड़ी क्षेत्रों में केसर की खेती जुलाई से अगस्त माह और मैदानी इलाकों में इसकी खेती का उचित समय फरवरी से मार्च का होता है।

कमाई

केसर की डिमांड सभी जगह पर बहुत होती है और इसकी फसल को मंडी में अच्छे दामों में बेच सकते है। इसके 10 वॉल्व बीजों की कीमत करीब 550 रुपये होती है।

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