Published Feb 16, 2022
जैविक खाद में पोटाश, फॉस्फोरस, जस्ता, बीज उपचारित, सड़ी हुई पत्तियां, और बायोडिग्रेडेबल गेहूं-धान के अवशेष शामिल हैं, जो हवा से नाइट्रोजन को अवशोषित करते हैं।
जैविक खाद सस्ते में उपलब्ध होने से किसानो का खर्च काफी कम हो जाता है और जैविक खाद के प्रयोग से भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ती है जिससे फसल का स्वस्थ उत्पादन होता है।
यह चूर्ण के रूप में एवं दूसरा तरल जैविक के रूप में उपलब्ध होती है।
इसे 15 ग्राम प्रति किलोग्राम की दर से चूर्ण का मध्यम उपचार करके तीन से चार किलोग्राम प्रति एकड़ खेत में 50 किलोग्राम गोबर, केंचुआ खाद या नम मिट्टी मिलाकर प्रयोग किया जा सकता है।
इसके लिए 10 किलो गोबर,10 लीटर गोमूत्र, एक किलो गुड़, एक किलो चोकर, एक किलो मिट्टी का मिश्रण तैयार करके 20 दिनों तक ढक कर तैयार किया जाता जाता है।
इस प्रकार की खेती में रासायनिक उर्वरकों या कीटनाशकों के प्रयोग की जगह जीवांशयुक्त खादों (जैविक खाद) का प्रयोग किया जाता है |