गाजर घास से कैसे तैयार करें जैविक खाद

Published Feb 22, 2022

गाजर घास पर्यावरण के लिए खराब मानी जाती है, वहीं जानवर भी इस घास को खाना पसंद नहीं करते हैं। इस घास के परागकण से एक्जिमा, दमा और चर्म रोग हो सकते हैं।

खाद बनाने की तकनीक

इसमें गोबर, सूखे पत्ते, फसल अवशेष, राख, लकड़ी का चूरा आदि जैसे अपशिष्ट कार्बनिक पदार्थ एवं रॉक फॉस्फेट और ट्राइकोडर्मा कवक का उपयोग करके खाद तैयार करते है |

पोषक तत्वों का अनुपात

गाजर घास से बनी खाद में मुख्य पोषक तत्वों की मात्रा गोबर और केंचुआ खाद से लगभग दुगनी होती है। और वहीँ अन्य पोषक तत्त्व भी भरपूर मात्रा में पाए जाते है।

लाभ

इसके प्रयोग से फसलों, मनुष्यों और पशुओं पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है और गाजर घास कम्पोस्ट एक संतुलित खाद है जिसमें गोबर की खाद तुलना में नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश तत्वों की मात्रा अधिक होती है।

लागत

गाजर घास कम्पोस्ट खाद अन्य खाद एवं उर्वरकों की तुलना में कम लागत में तैयार हो जाती है |

प्रभाव

इसमें मुख्य पोषक तत्वों के अलावा सूक्ष्म पोषक तत्व भी होते हैं जो फसल के बेहतर उत्पादन में सहायक होते हैं और जैविक खाद होने के कारण यह खाद पर्यावरण के अनुकूल है।

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