Published Feb 18, 2024
एलोवेरा को घृतकुमारी या ग्वारपाठा भी कहते हैं। इसकी जहरीली किस्म के सेवन से शरीर में कई तरह के रोग फैल सकते हैं। अधिक मात्रा में सेवन से मौत भी हो सकती है। इसकी 11 किस्म जहरीली है।
जिस एलोवेरा के पौधे की पत्तियां नुकीली होती है और पत्ती के किनारे पर छोटे-छोटे कांटे निकले हुए होते हैं। बाहरी पत्तियां घुमावदार होती है। ऐसा एलोवेरा घरों में लगाना चाहिए। यदि ऐलोवेरा में ये लक्षण नहीं है तो उसका उपयोग नहीं करें।
एलोवेरा की 600 से ज्यादा प्रजातियां मौजूद है। लेकिन दवा के रूप में सेवन के लिए बारबैंडेंसिस प्रजाति सबसे बेस्ट है।
एलोवेरा का उपयोग सौंदर्य प्रसाधन, आयुर्वेदिक दवा और इम्यूनिटी बढ़ाने वाले प्रोडक्ट में किया जाता है। यह चेहरे पर निखार और बालों की ग्रोथ में बहुत फायदेमंद है।
एलोवेरा का पौधा सर्दी के मौसम को छोड़कर सभी मौसम में लगाया जा सकता है। वर्तमान में आईसी111271, आईसी111269 और एएल-1 हाईब्रिड प्रजाति के एलोवेरा को देश के हर क्षेत्र में उगाया जा सकता है।
पौधा करीब करीब 6 माह पुराना होना चाहिए, जिसमें चार-पांच पत्तियां निकली होनी चाहिए।