Published Nov 16, 2022
राजस्थान की सोजत, गूजरी, करौली बकरी नस्ल को राष्ट्रीय पहचान मिली है।
बकरी पालन की इन तीन नई नस्लों का राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय पशु आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो, करनाल के अंतर्गत पंजीकरण करवाया गया है।
पंजीयन के बाद विश्वविद्यालय अधिकारिक रूप से इन नस्लों के शुद्ध वंशक्रम कर कार्य कर पाएगा जिससे बकरी पालकों को इन नस्लों के शुद्ध पशु प्राप्त हो सकेंगे।
इस नस्ल का मूल क्षेत्र पाली जिले की सोजत और पाली तहसील, जोधपुर जिले की बिलाड़ा तथा पीपाड़ तहसील हैं। यह मुख्यत: मांस के लिए पाली जाती है, दूध का उत्पादन कम होता है।
बकरी की नई नस्ल गूजरी राजस्थान के अर्द्धशुष्क पूर्वी मैदानी क्षेत्रों में पाई जाती है। इस नस्ल की बकरी को दूध और मांस के लिए पाला जाता है।
इस नस्ल की बकरी राजस्थान के दक्षिण-पूर्वी आद्र मैदानी इलाकों में पाई जाती है। यह इस क्षेत्र की स्वदेशी नस्ल है।