औषधीय फसलों की खेती करके कमाएं लाखों रुपये का मुनाफा

Published Feb 06, 2023

भारत में औषधीय फसलों की खेती करने वाले प्रमुख राज्य

भारत में औषधीय फसलों की खेती करने वाले प्रमुख राज्यों में राजस्थान, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, पंजाब, छत्तीसगढ़, झारखंड, गुजरात, उत्तर प्रदेश एवं हिमाचल प्रदेश है।

अकरकरा एक औषधीय फसल है, जिसके पौधे की जड़ों का इस्तेमाल आयुर्वेदिक दवाइयों को बनाने के लिए किया जाता है। इस पौधे के बीज और डंठल की बाजार में काफी मांग रहती है, इसका इस्तेमाल दर्द निवारक दवाइयों और मंजन से लेकर तेल को बनाने के लिए होता है।

अश्वगंधा की जड़ों से अश्व जैसी गंध निकलती है। इसीलिए इसको अश्वगंधा कहते हैं। अश्वगंधा सभी तरह की जड़ी-बूटियों में सबसे अधिक लोकप्रिय है। इसका सेवन करने से तनाव और चिंता जैसी समस्या को कम किया जा सकता है।

सहजन के पौधे में 90 से भी अधिक प्रकार के मल्टी विटामिन्स, 17 प्रकार एमिनो एसिड और 45 किस्म के एंटीऑक्सीडेंट गुण पाये जाते हैं। सहजन की फसल एक बार बुवाई के बाद 4 वर्ष तक फसल उत्पादन देती रहती है तथा इसकी खेती में लागत भी काफी कम आती है।

लेमनग्रास को आम बोल चाल की भाषा में नींबू घास भी कहते हैं। भारत के लेमन ग्रास के तेल में सिंट्राल और विटामिन ए की मात्रा अधिक पाई जाती है। लेमन ग्रास तेल का इस्तेमाल साबुन, कॉस्मेटिक्स, तेल और दवा बनाने वाली कंपनिया काफी मात्रा में करती है।

सतावर का पौधा शतावरी के नाम से भी जाना जाता है। सतावर भी एक औषधीय फसल है, इसका प्रयोग विभिन्न प्रकार की दवाइयों को बनाने के लिए करते हैं।

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