Published Aug 10, 2022
कॉन्ट्रैक्ट फॉर्मिंग को अनुबंध की खेती या ठेके की खेती कहते हैं। इसमें किसान को कोई लागत नहीं लगानी पड़ती। सब कुछ जिम्मा कंपनी का होता है।
इससे किसानों की आय में वृद्धि होती है। किसान की केवल जमीन होती है उसमें लागत और अन्य खर्च कंपनी का होता है। तयशुदा रकम किसान को मिल जाती है।
बासमती चावल और जौ की फसल के लिए
पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, दिल्ली, पश्चिमी उत्तरप्रदेश आदि में बहुतायत से होता है।
करीब 40 लाख टन
करनाल, तरावडी, पानीपत, कैथल, अंबाला, सिरसा, कुरूक्षेत्र रानिया आदि में चावल का उत्पादन अधिक होता है।