Published Jun 09, 2022
इसका पुष्प कभी पानी में नहीं खिलता। इसका पेड़ होता है। पत्ते बड़े और मोटे होते हैं। पुष्प सफेद होते हैं।
उत्तराखंड में ब्रह्मकमल की 24 प्रजातियां हैं। वहीं पूरे विश्व में 210 प्रजातियां मिलती है।
केदारनाथ से 2 किलोमीटर ऊपर वासुकी ताल के समीप तथा ब्रह्मकमल नामक तीर्थ पर ब्रह्मकमल सर्वाधिक उत्पन्न होता है।
साल में केवल एक महीने सितंबर में आते हैं।
उत्तराखंड में ब्रह्मकमल की खेती होती है।
हां, ब्रह्मकमल से कई रोगों की दवा बनती है।