Published May 25, 2022
मुर्गियों की मृत्यु दर में वृद्धि, अंडे का कम उत्पादन, अंडे का साइज छोटा होना आदि
मुर्गीशाला का बाहरी तापमान 39 डिग्री सेंटीग्रेड से अधिक होने पर मुर्गियों को बहुत परेशानी होती है। इस स्थिति को हीट स्ट्रोक कहते हैं।
इसमें मुर्गियां चोंच खेालकर हॉफती है कमजोर हो जाती है, लडखड़ाने लगती है एवं लकवा होने से मर जाती है।
आहार में प्रोटीन, विटामिन और मिनरल की मात्रा अधिक होनी चाहिए।
सुबह-शाम ठंडे समय में आहार देना चाहिए।
मुर्गी घर में हर समय स्वच्छ और शीतल जल रहना चाहिए। शीतल जल के लिए मिट्टी के बर्तनों का उपयोग किया जा सकता है।