मौसम : यास तूफान का दिखा असर, इन राज्यों में शुरू हुई बारिश

Share Product Published - 26 May 2021 by Tractor Junction

मौसम : यास तूफान का दिखा असर, इन राज्यों में शुरू हुई बारिश

बंगाल में दो की मौत, 50 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया 

यास तूफान का असर दिखाई देने लगा है। इससे बंगाल, ओडिशा और बिहार समेत झारखंड के मौसम पर भी असर पड़ा है। वहीं ओडिशा और बंगाल में कई जगहों पर लगातार बारिश हो रही है। फिलहाल, लैंडफॉल की प्रक्रिया शुरू हो गई है। ओडिशा और पश्चिम बंगाल में यास तूफान की वजह से कई राज्यों में अलर्ट जारी किया गया है। बता दें कि मंगलवार की शाम को यास भीषण चक्रवाती तूफान में तब्दील हो गया। इसके चलते पश्चिम बंगाल और ओडिशा सरकार ने सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जोखिम वाले क्षेत्रों से अब तक 15 लाख से अधिक लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। यास तूफान की वजह से बंगाल, ओडिशा और बिहार समेत झारखंड के मौसम पर भी असर पड़ा है। झारखंड के कई जिलों में बारिश भारी बारिश की सूचना मिली है। इस चक्रवात के कारण दक्षिणी जिले पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला-खरसावां और सिमडेगा में कहीं-कहीं तेज बारिश हो रही है। इसके साथ ही 40-50 किमी प्रतिघंटा के रफ्तार से हवा चल रही है। शेष राज्य में सामान्य रूप से बादल छाए हुए हैं। आज बुधवार को यास चक्रवात उत्तरी उडीसा और पश्चिम बंगाल के पास तट से टकराएगा। बंगाल और ओडिशा के तटीय इलाकों में यास तूफान की तबाही देखने को मिल सकती है।

 

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बंगाल और ओडिशा में इन जगहों पर हो रही है तेज बारिश

तूफान यास के लैन्डफॉल की प्रक्रिया शुरू हो गई है। ओडिशा में साइक्लोन यास की वजह से समुद्र में ऊंची-ऊंची खतरनाक लहरें उठ रही हैं। इस बीच गंजम जिले के गोपालपुर में समुद्र के पास कुछ मछुआरे देखे गए। जबकि मौसम विभाग गोपालपुर ने जिले में येलो अलर्ट घोषित किया है। तूफान यास के लैंडफॉल से पहले ही चांदीपुर और बालासोर में तेज हवाओं के साथ तेज बारिश हो रही है। इधर बंगाल में भी चक्रवाती तूफान यास के लैंडफॉल से पहले ही असर दिखने लगा है। न सिर्फ समुद्र में हलचल देखने को मिल रही है, बल्कि तेज हवाओं के साथ बारिश भी हो रही है। चक्रवाती तूफान यास के लैंडफाल से पहले पश्चिम बंगाल के पूर्वी मिदनापुर जिले के दीघा में समंदर में ऊंची-ऊंची लहरें उठ रही हैं। मेदिनीपुर जिले के भारी बारिश होने के सामाचार हैं। 

पूर्वी मिदनापुर में दिघा समूद्री बीच के पास आवासीय इलाकों में पानी आ गया है। अभी ताजा मिली जानकारी केे अनुसार पश्चिम बंगाल और ओडिशा राज्यों में आए चक्रवाती तूफान से अब तक दो लोगों की जान जा चुकी है। मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कहा है कि दीघा में नदी किनारे बसे इलाके डबल-डेकर बस की ऊंचाई जितनी लहरों के आने से जलमग्न हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि अभी तक दो लोगों की मौत हो चुकी है। तूफान की वजह से 155 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं और जोरदार बारिश हो रही है। अब तक 50 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है।


छत्तीसगढ़ में दिखेगा चक्रवात का व्यापक असर, इन जिलों में होगी भारी बारिश

मौसम विभाग के अनुसार चक्रवात का व्यापक असर छत्तीसगढ़ की  राजधानी रांची, खूंटी, गुमला, धनबाद, बोकारो, रामगढ़ और लोहरदगा में भी देखने को मिलेगा। इन जिलों में कहीं-कहीं भारी बारिश हो सकती है। इस दौरान 50-70 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से हवा चल सकती है। मौसम विभाग ने पूर्वानुमान के आधार पर दक्षिणी जिलों के लिए रेड अलर्ट, गुमला, खुंटी और रांची के लिए यलो अलर्ट और बोकारो, लोहरदगा, और रामगढ़ के लिए यलो अलर्ट जारी किया है।


180 किमी की रफ्तार से हवा चलने की आशंका

यास चक्रवात के चलते 180 किमी की रफ्तार से हवा चलने की आशंका है। चक्रवात के बुधवार शाम से रात तक झारखंड के दक्षिणी जिले पूर्वी सिंहभूम से राज्य में प्रवेश करेगा। इस दौरान दक्षिणी जिलों में अति भारी बारिश के साथ 80-120 किमी की रफ्तार से तेज हवा चलने की आशंका है। राज्य में चक्रवात का केंद्र सरायकेला-खरसावां जिले में रहने की संभावना है। इससे पहले समझा जा रहा था कि राज्य में चक्रवात का केंद्र जमशेदपुर में होगा। 


28 मई तक चक्रवात का दिखेगा असर

मौसम विभाग के अनुसार गुरुवार को छत्तीसगढ़ राज्य में दक्षिणी जिलों में सुबह से शाम तक कई स्थानों पर अति भारी बारिश तो कुछ स्थान पर भारी बारिश देखने को मिलेगा। वहीं राज्य के मध्य जिले रांची, हजारीबाग, बोकारो, गुमला, रामगढ़ और खुटी के साथ उत्तर पश्चिम जिले पलामू, गढ़वा, चतरा, कोडरमा, लातेहार और लोहरदगा के कुछ स्थान पर भारी से अतिभारी बारिश होने की संभावना है। इसके अलावा शेष जिलों में मध्यम दर्जे की बारिश होने की संभावना है। गुरूवार के लिए भी मौसम विभाग ने दक्षिणी भाग के लिए रेड अलर्ट और शेष राज्य के लिए आरेंज अलर्ट जारी कर दिया है। इस दौरान 50-70 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से हवा चल सकती है। राज्य में चक्रवात का प्रभाव 28 मई तक देखने के लिए इसके बाद असर धीरे-धीरे कम हो जाएगा।


उत्तराखंड में नहीं दिखेगा तूफान का असर

मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक, उत्तराखंड में अगले तीन दिन तापमान में बढ़ोत्तरी बरकरार रहेगी। जबकि, उसके बाद इसमें गिरावट दर्ज की जा सकती है। उत्तराखंड में यास तूफान के प्रभाव की संभावना नहीं है। हालांकि, एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ बुधवार तक हिमालय से टकरा सकता है। जिससे पिथौरागढ़, चंपावत और नैनीताल में कहीं-कहीं हल्की बारिश और बर्फबारी हो सकती है। इसके अलावा अन्य जिलों में आसमान साफ रहने की उम्मीद है। 


मध्यप्रदेश में 28 व 29 को सक्रिय होगा एक तूफान

मौसम विभाग ने बताया कि उत्तरी बंगाल की खाड़ी में एक तूफान सक्रिय है। इसके कारण हवाएं चलेंगी, इसका असर 28 मई तक पूर्वी मध्यप्रदेश में रहेगा। मिली जानकारी के मुताबिक 28-29 मई के आसपास पश्चिमी विक्षोभ भी सक्रिय होगा जिसके कारण अरब सागर से नमी आने की संभावना है, मौसम विभाग के अनुसार मध्यप्रदेश के इंदौर, जबलपुर व होशंगाबाद संभाग में कुछ स्थानों पर बारिश होने की संभावना है, वहीं आगामी दो दिनों तक मौसम इसी तरह बना रहेगा। बता दें कि मध्यप्रदेश के राजधानी भोपाल में इस बार नौतपा के दौरान मौसम में गर्मी और बारिश के कारण ठंडक रहेगी, यह 25 मई से 2 जून रहेगा। इस दौरान 25 और 26 मई को गर्मी बढ़ेगी, तो वहीं दो दिन बारिश की संभावना के कारण गर्मी से राहत मिल सकती है। 

 

यास तूफान ने मचाई बंगाल में जमकर तबाही

मीडिया से मिली ताजा जानकारी के अनुसार चक्रवाती तूफान यास ने पश्चिम बंगाल में जमकर तबाही मचाई है। राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया कि बंगाल चक्रवात से सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। मुख्यमंत्री ने बताया कि 15,04,506 लोगों को संवेदनशील स्थानों से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। बनर्जी ने कहा, मैं पूर्व मेदिनीपुर, दक्षिण 24 परगना और उत्तर 24 परगना जिलों में प्रभावित इलाकों का जल्द ही हवाई सर्वेक्षण करूंगी। ममता बनर्जी ने कहा कि हमने राहत के तौर पर हाई टाइड से प्रभावित क्षेत्रों के लिए 1 करोड़ रुपए की राहत भेजी है।

 

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