मौसम का बदला मिजाज : दक्षिण पश्चिमी मानसून के बाद अब चक्रवाती तूफान की आशंका

Share Product Published - 21 Nov 2020 by Tractor Junction

मौसम का बदला मिजाज : दक्षिण पश्चिमी मानसून के बाद अब चक्रवाती तूफान की आशंका

23 नवंबर से शुरू होगा मिनी मानसून का एक और दौर

सर्दी की शुरुआत होने के साथ ही मौसम का मिजाज भी बदलने लगा है। अब रात के तापमान के साथ ही दिन के तापमान में भी गिरावट आने लगी है। वहीं दिन छोटे और रातें बड़ी होने लगी हैं। पांच बजते ही अंधेरा होना शुरू हो जाता है जिससे दिन के समय में गर्मी के मुकाबले डेढ़ से दो घंटे की कमी आ गई है। इधर सर्दी भी दिन प्रति दिन अपना असर दिखा रही है। इसका असर साफ देखा जा सकता है कि लोगों ने गर्म कपड़े पहनाना शुरू कर दिया है। उधर पिछले दिनों केरल व तमिलनाडु में मूसलाधार बारिश हुई है जिससे समुद्री तटों पर चक्रवाती तूफान आने की संभावना जताई जा रही है। निजी मौसम ऐजेंसी स्काईमेट के अनुसार पिछले दिनों पहाड़ों पर हुई भारी बारिश का असर अब मैदानी इलाकों में दिखेगा। पहाड़ों से बर्फबारी की ठंडक लेकर उत्तरी और उत्तर-पश्चिमी ठंडी हवाएं पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में चलेंगी जिससे पारा गिरेगा। दक्षिणी राज्यों पर उत्तर-पूर्वी मॉनसून सक्रिय है जिससे केरल, लक्षद्वीप, तमिलनाडु में अच्छी वर्षा जारी रहने की संभावना है।

 

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दिसंबर के आखिर तक आ सकता है चक्रवाती तूफान

देश के मुख्य मॉनसून सीजन यानी दक्षिण पश्चिमी मॉनसून के बाद का पहला डिप्रेशन अरब सागर में किसी भी समय विकसित हो सकता है। दक्षिण पूर्वी अरब सागर और इससे सटे लक्षद्वीप क्षेत्र पर एक निम्न दबाव का सिस्टम बना हुआ है जो जल्द ही और प्रभावी होते हुए डिप्रेशन में तब्दील हो जाएगा। समुद्री स्थितियां और वायुमंडलीय स्थितियां इसे लगातार मदद कर रही हैं जिसके कारण इसके प्रभावी होकर डिप्रेशन बनने की पूरी संभावना है। देश के मुख्य मॉनसून के बाद 1 अक्टूबर से दिसंबर के आखिर तक भारत के दोनों समुद्री क्षेत्रों में चक्रवाती तूफान विकसित होने की संभावना रहती है। इसी कारण इस समय को साइक्लोन सीजन की कहा जाता है और जो सिस्टम डिप्रेशन बनने जा रहा है संभावना है कि अरब सागर के मध्य भागों या उससे सटे पश्चिमी भागों पर पहुंचने के बाद यह चक्रवाती तूफान का रूप भी ले सकता है। दक्षिण पूर्वी अरब सागर पर बने निम्न दबाव को एक चक्रवाती हवाओं का सपोर्ट मिल रहा था जिसके कारण केरल और तमिलनाडु में हाल के समय में मूसलाधार वर्षा रिकॉर्ड की गई। अलपुझा, कोडईकनाल, तिरुअनंतपुरम, कोची, कन्याकुमारी समेत कई शहरों में भीषण बारिश हुई। आगामी 24 घंटों के दौरान इन दोनों राज्यों के कई इलाकों में इसी तरह से वर्षा जारी रहने की संभावना है। उसके बाद 23 नवंबर से गतिविधियां कुछ कम हो जाएंगी।

 

 

23 नवंबर से फिर सक्रिय होगा मिनी मानसून

दक्षिण पश्चिमी मॉनसून के बाद अरब सागर में पहला संभावित चक्रवाती तूफान पश्चिमी और उत्तर पश्चिमी दिशा में लगातार बढ़ता रहेगा। इसके पश्चिमी दिशा में जाने के कारण अरब सागर की पूरी एनर्जी इसके इर्द-गिर्द रहेगी और केरल समेत भारत के तट पर चल रही आर्द्र हवाओं को यह अपनी तरफ खींच ले जाएगा जिसके कारण 21 नवंबर से केरल समेत दक्षिणी प्रायद्वीप भारत में बारिश की गतिविधियां कुछ समय के लिए कम हो जाएंगी। अगर चक्रवाती तूफान अरब सागर में विकसित होता है तो यह यमन या ओमान की तरफ जाएगा और भारत के तटों को इससे खतरा नहीं होगा। 21 से 23 नवंबर के बीच केरल में बारिश काफी कम हो जाएगी। लेकिन बारिश का अगला स्पैल 23 नवंबर से शुरू होगा क्योंकि बंगाल की खाड़ी के मध्य और दक्षिण पूर्वी भागों पर एक नया मौसमी सिस्टम उभरता हुआ नजर आ रहा है जो धीरे-धीरे आगे बढ़ेगा और मिनी मॉनसून को दक्षिण भारत पर फिर से सक्रिय कर देगा।

 

वर्तमान में देश के विभिन्न भागों में बन रहे ये मौसमी सिस्टम

निजी मौसम एजेंसी स्काईमेट के अनुसार वर्तमान में देश के विभिन्न भागों में कई मौसमी सिस्टम सक्रिय है। इनमें से अरब सागर पर बना सिस्टम प्रभावी होकर डिप्रेशन बन गया है और इस समय दक्षिणी-मध्य अरब सागर पर है। वहीं हिन्द महासागर में भूमध्य रेखा और इससे सटे दक्षिण-पश्चिमी बंगाल की खाड़ी पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। इसके प्रभाव से इसी जगह एक निम्न दबाव का क्षेत्र जल्द ही विकसित हो सकता है। इधर बिहार से दक्षिण-पूर्वी मध्य प्रदेश तक हवाओं में कोन्फ्लुएन्स जोन बना हुआ है। उधर उत्तर भारत पर बना पश्चिमी विक्षोभ आगे चला गया है और कल शाम से एक नया पश्चिमी विक्षोभ फिर से पहाड़ों के पास पहुंचेगा।

 

पिछले 24 घंटों के दौरान कहां-कहां हुई बारिश

  • बीते 24 घंटों के दौरान गंगीय पश्चिमी बंगाल में हल्की से मध्यम बारिश कुछ स्थानों पर हुई। एक-दो स्थानों पर तेज वर्षा हुई है।
  • उत्तरी ओडिशा, झारखंड, छत्तीसगढ़, दक्षिण-पूर्वी मध्य प्रदेश, विदर्भ, तटीय कर्नाटक, केरल और दक्षिणी तमिलनाडु के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हुई।
  • असम, अरुणाचल प्रदेश, उप-हिमालयी पश्चिमी बंगाल, अंडमान व निकोबार द्वीपसमूह तथा मध्य महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश हुई।
  • पंजाब, हरियाणा और उत्तरी राजस्थान में तापमान में गिरावट के चलते कुछ स्थानों पर शीतलहर जैसी स्थितियां देखने को मिलीं।

 

अगले 24 घंटों के दौरान इन राज्यों में हो सकती है बारिश

  • अगले 24 घंटों के दौरान गंगीय पश्चिमी बंगाल, ओडिशा के उत्तरी तटीय भागों, पूर्वोत्तर राज्यों में कुछ स्थानों पर जबकि छत्तीसगढ़, विदर्भ, तमिलनाडु और केरल में एक-दो स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश संभव है।
  • अंडमान व निकोबार द्वीपसमूह में कई जगहों पर हल्की से मध्यम बारिश के साथ एक-दो स्थानों पर भारी वर्षा हो सकती है। देश के बाकी भागों में मौसम शुष्क बना रहेगा।
  • मध्य भारत में न्यूनतम तापमान में अगले 24 घंटों के बाद न्यूनतम तापमान 2 डिग्री तक गिर सकता है।

 

इधर पूर्वी मध्यप्रदेश में इन जगहों पर हो रही है बारिश

मिली जानकारी के अनुसार शनिवार दोपहर बाद से बिजली की चमक के साथ बैतूल, छिंदवाड़ा , सिवनी, डिंडोरी , बालाघाट और शहडोल जिलों में हल्की वर्षा जारी है। जबकि शनिवार सुबह जबलपुर, शहडोल संभाग के अलावा सीधी , सिंगरौली, नरसिंहपुर उज्जैन और छतरपुर जिलों में दृश्यता में कमी देखी गई। जबलपुर में 600, ग्वालियर में 800, उज्जैन में 1000, खजुराहो में 1500 तथा उमरिया में 2000 मीटर की दृश्यता रही। अल्पदृश्यता के कारण लोगों को बहुत परेशानी हुई। मौसम विभाग ने बड़वानी, दक्षिण धार, दक्षिण बालाघाट और बुरहानपुर जिले में शाम को हल्की वर्षा की संभावना व्यक्त की है।

 


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