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मानसून और खेती : सितंबर के अंतिम सप्ताह होगी मानसून की वापसी

Share Product Published - 25 Sep 2020 by Tractor Junction

मानसून और खेती : सितंबर के अंतिम सप्ताह होगी मानसून की वापसी

इस साल अब तक हुई सामान्य से 8 प्रतिशत अधिक बारिश, खरीफ की फसल को होगा फायदा

दक्षिणी-पश्चिमी मानसून की सितंबर के अगले सप्ताह यानि 28 सितंबर के आसपास मानसून की वापसी हो सकती है। इसको लेकर मौसम विभाग ने भारत के कई राज्यों के लिए रेड तो अन्य के लिए ऑरेज अलर्ट जारी किया हैं। इससे किसानों खरीद की बंपर पैदावार होने की उम्मीद है। मानसून सीजन में अब तक सामान्य से 8 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है। इस साल मानसून की मेहरबानी से बंपर उत्पादन की संभावना जताई जा रही हैं। बता दें कि केंद्रीय कृषि एवं कल्याण मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार पिछले वर्ष की इसी अवधि में 1045.18 लाख हेक्टेयर क्षेत्र की तुलना में इस बार 1104.54 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में खरीफ फसलों की बुवाई हुई है जो अपने आप में रिकॉर्ड है, जबकि देश के कई हिस्सों में धान की बुवाई अभी चल ही रही है। दलहन, मोटे अनाज और तिलहन फसलों की बुवाई लगभग हो चुकी है। खरीफ सीजन के लिए बुवाई के अंतिम आंकड़े अक्टूबर 2020 में आने की उम्मीद है। किसानों के अनुसार यदि सितंबर के अंतिम सप्ताह बारिश होती है तो यह खरीफ की फसल के लिए काफी फायदेमंद रहेगी।

 

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देश में खरीफ की फसल की बुवाई की स्थिति

चावल : चावल की बुवाई पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 373.87 लाख हेक्टेयर क्षेत्र की तुलना में इस बार 402.25 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में हुई है। इस तरह इस बार बुवाई क्षेत्र में 7.59 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

दलहन : दलहली फसलों की बुवाई पिछले वर्ष के 131.76 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल के मुकाबले इस बार 137.87 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में हुई है, अर्थात 4.64 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

मोटे अनाज : पिछले वर्ष के 177.43 लाख हेक्टेयर क्षेत्र के मुकाबले इस बार 179.70 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में मोटे अनाज की खेती हुई। 1.28 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

तिलहन : पिछले साल के 176.91 लाख हेक्टेयर क्षेत्र की तुलना में इस बार 195.99 लाख हेक्टेयर क्षेत्र तिलहन की बुवाई हुई अर्थात तिलहन बुवाई क्षेत्र में 10.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

गन्ना : गन्ने की बुवाई पिछले साल के 51.75 लाख हेक्टेयर क्षेत्र के मुकाबले इस बार 52.46 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में हुई है यानी बुवाई क्षेत्र में 1.37 प्रतिशत की वृद्धि हुई। कपास: पिछले वर्ष के 126.61 लाख हेक्टेयर क्षेत्र के मुकाबले इस बार 129.30 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में कपास की खेती की गई अर्थात कपास बुवाई क्षेत्र में 2.12 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

जूट और मेस्टा : पिछले साल के 6.86 लाख हेक्टेयर क्षेत्र की तुलना में इस बार 6.97 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में जूट और मेस्टा की बुवाई की गई है यानी 1.68 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

 


बारिश को लेकर मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट

मौसम विभाग के अनुसार 28 सितंबर के आसपास पश्चिमी राजस्थान और आसपास के क्षेत्रों से दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी के लिए परिस्थितियां अनुकूल होने की संभावना है। हिंद महासागर के ऊपर ला नीना की स्थिति के कारण मानसून की वापसी में देरी हुई थी। वैज्ञानिकों ने कहा कि 17 सितंबर की अपनी सामान्य तिथि के मुकाबले, मध्य भारत में कम दबाव वाले क्षेत्र के निर्माण में देरी हुई। आईएमडी ने कहा, मानसून वापसी के दौरान, उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल में आने वाले कुछ दिनों में भारी वर्षा होने की भी उम्मीद है। इसने इन क्षेत्रों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है, जबकि उत्तर में राज्यों को एक ऑरेंज अलर्ट भी दिया गया है। रेड अलर्ट लोगों को कार्रवाई करने की सलाह देता है, जबकि ऑरेंज अलर्ट उन्हें तैयार रहने के लिए कहता है।


सितंबर के अंतिम सप्ताह की बारिश का फसलों पर क्या पड़ेगा प्रभाव

सितंबर के अंतिम सप्ताह बारिश होने को लेकर किसानों का कहना है कि यदि इस समय बारिश होती है तो इससे खरीफ की फसलों को फायदा होगा। जहां गर्मी के कारण फसलों को पर्याप्त पानी नहीं लग पा रहा है। ऐसे में बारिश होती है तो फसलों को पानी की पूर्ति हो जाएगी जिससे सिंचाई की कम जरूरत पड़ेगी। वहीं कृषि मंत्रालय को उम्मीद है कि खरीफ या गर्मी के मौसम में किसानों की रिकॉर्ड फसल होगी। इससे ग्रामीण मांग बढऩे की उम्मीद है, क्योंकि किसान लगातार दूसरी बंपर फसल काटेंगे। इससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी।

 

इस साल कब कितनी हुई बारिश

जून-सितंबर की अवधि में अब तक वर्षा सामान्य से 8 प्रतिश अधिक रही है, हालांकि, इन चार महीनों में बारिश काफी असमान्य रही है। जुलाई में मानसून की बारिश सामान्य से 9.7 प्रतिशत की कम रही और अगस्त में यह 31 प्रतिशत से अधिक रही। जून में बारिश सामान्य से 17.6 प्रतिशत अधिक थी। अगस्त में जबरदस्त भारी वर्षा के बाद, उत्तर भारत में इस महीने बारिश काफी कम रही। इस क्षेत्र में बारिश अगस्त में काफी कम रही और अब तक सामान्य से 53 प्रतिशत कम बारिश हुई। अब एक बार से सितंबर में मानसून की वापसी होने वाली है जिससे अच्छी बारिश की संभावना जताई जा रही है।

 

 

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