Published - 28 Oct 2021 by Tractor Junction
मौसम विभाग की ओर से इस बार कड़ाके की सर्दी पडऩे की संभावना जताई जा रही है। हालांकि मानसून की विदाई अब की बार देरी से हुई है। इस कारण अनुमान लगाया जा रहा है कि सर्दी अधिक पड़ेगी और अधिक समय तक रहेगी। इसके अलावा मौसम विभाग की ओर से कुछ जगहों पर क्षेत्रीय कारणों से बारिश या बौछारे पडऩे की संभावना भी जताई गई है।
मौसम विभाग के अनुसार अब अगले कुछ दिनों तक देश के दक्षिणी इलाकों को छोड़ किसी भी राज्य में बारिश की संभावना नहीं के बराबर है। दरअसल दक्षिण-पश्चिम मानसून ने देश से विदाई ले ली है। वहीं उत्तर-पूर्वी मानसून की तमिलनाडु में आहट सुनाई देने लगी है और इसी मानसून के कारण देश के दक्षिणी राज्यों में बारिश होती रहेंगी। मौसम विभाग ने बताया है कि शुरुआत में यह मानसून कमजोर रहेगा। मानसून के सक्रिय होने पर तटीय कर्नाटक के साथ-साथ दक्षिण आंतरिक कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है।
30 अक्टूबर तक तमिलनाडु, पुड्डूचेरी, केरल और माहे में कहीं-कहीं भारी बारिश हो सकती है। दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक और रायलसीमा में 29 और 30 अक्टूबर को जबकि तटीय आंध्र प्रदेश में 28 से 30 अक्टूबर के बीच भारी बारिश के आसार हैं। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक, केरल, माहे, तटीय और दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक, तमिलनाडु और पुड्डूचेरी में 30 अक्टूबर तक गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। गरज-चमक के साथ तटीय आंध्र प्रदेश और रायलसीमा में भी बादल बरसेंगे।
मौसम विभाग की ताजा अपडेट के मुताबिक एक निम्न दबाव का क्षेत्र श्रीलंका के तट से दूर दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर स्थित है और संबंधित चक्रवाती परिसंचरण औसत समुद्र तल से 3.1 किमी तक फैला हुआ है। अगले 48 घंटों के दौरान इसके पश्चिम की ओर बढऩे की संभावना है। पूर्वी हवाओं में एक ट्रफ रेखा चक्रवाती परिसंचरण से चलती है। इस निम्न दबाव के क्षेत्र से बंगाल की उत्तर-पश्चिमी खाड़ी से जुड़ा हुआ है। इसके प्रभाव से 28 अक्टूबर से एक नवंबर के दौरान तमिलनाडु में छिटपुट/कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा और केरल और माहे में अलग-अलग भारी वर्षा की संभावना है।
इसी प्रकार 28-31 अक्टूबर के दौरान तटीय आंध्र प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा होने की संभावना है और अलग-अलग स्थानों पर बहुत भारी वर्षा हो सकती है। 29 अक्टूबर 2021 को तटीय और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में 31 को और रायलसीमा में अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा की संभावना है। 28 अक्टूबर-01 नवंबर के दौरान केरल और माहे, तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल और तटीय आंध्र प्रदेश में गरज और बिजली गिरने की संभावना है और 29 अक्टूबर-01 नवंबर, 2021 के दौरान रायलसीमा में गरज और बिजली गिर सकती है। अगले 5 दिनों के दौरान उत्तर पश्चिम, पश्चिम और मध्य भारत के अधिकांश हिस्सों और पूर्व और पूर्वोत्तर भारत के कई हिस्सों में मुख्य रूप से शुष्क मौसम रहने की संभावना है।
बिहार में इन दिनों पश्चिमी एवं उत्तर-पश्चिमी हवा का प्रवाह लगातार जारी है। इसके प्रभाव से सुबह और शाम में हल्की सर्दी होने लगी है। इस दौरान रात के तापमान में एक या दो डिग्री की गिरावट दर्ज की गई है। मौसम विभाग के अनुसार पटना व इसके आसपास क्षेत्रों में आसमान साफ रहेगा। प्रदेश के कुछ इलाकों में स्थानीय कारणों की वजह से हल्की बारिश हो सकती है।
पिछले चार दिनों तक पश्चिमी विक्षोभ के असर से उत्तर भारत के पहाड़ों पर जबर्दस्त बर्फबारी के साथ ही बारिश भी हुई है। पश्चिमी विक्षोभ के आगे बढऩे के कारण हवाओं का रुख उत्तरी भी होने लगा है, लेकिन मध्य प्रदेश में न्यूनतम तापमान में अपेक्षित गिरावट नहीं हो रही है। दरअसल मध्य प्रदेश के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र पर बने वेस्टरली जेट स्ट्रीम के कारण आंशिक बादल बने हुए हैं। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक बादलों की मौजूदगी दो दिन तक बनी रह सकती है। हालांकि इस दौरान कहीं-कहीं बूंदाबांदी हो सकती है, लेकिन न्यूनतम तापमान में गिरावट की उम्मीद कम है। बादल छंटने के बाद ही वातावरण में ठंडक बढऩे लगेगी।
दिल्ली-एनसीआर में सर्दी ने पूरी तरह से दस्तक दे दी है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, दिल्ली में आने वाले दिनों में सर्दी में इजाफा ही होगा। इतना ही नहीं, पहाड़ी राज्यों में शुमार हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में फिलहाल बर्फबारी की गतिविधियां बंद हो गई हैं। ऐसे में मौसम शुष्क रहेगा। इस बीच दिल्ली-एनसीआर में बारिश की संभावना नहीं के बराबर है। पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने पर ही बारिश होगी। इससे वायु प्रदूषण से राहत मिलेगी, लेकिन ऐसी बारिश की संभावना फिलहाल नहीं है।
मौसम विभाग के द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार अगले सप्ताह तक राज्य में मौसम मुख्य रूप से शुष्क बना रहेगा। लगभग सभी जिलों में लोगों को हल्की ठंड का सामना करना पड़ेगा। इसके साथ ही दीवाली के बाद ठंड के बढऩे की पूरी संभावना है। इस बीच राज्य में पिछले कुछ दिनों से बारिश नहीं होने के बाद भी मानसून के लौटने के बाद की स्थिति बेहतर है। राज्य में एक अक्टूबर से 27 अक्टूबर के बीच अपेक्षित बारिश से 56 प्रतिशत ज्यादा बारिश दर्ज की गई है। इस दौरान राज्य में 71.7 मिमी बारिश अपेक्षित है। जबकि अभी तक 112 मिमी बारिश रिकार्ड की गई है।
निजी मौसम एजेंसी स्काईमेट के अनुसार दक्षिण पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक कम दबाव का क्षेत्र बना है और अगले कुछ दिनों में इसके पश्चिम दिशा में बढऩे की संभावना है। यह पश्चिम दिशा में तमिलनाडु की ओर बढ़ेगा। एक संबद्ध चक्रवाती परिसंचरण मध्य क्षोभमंडल स्तर तक फैल रहा है। संबंधित चक्रवाती परिसंचरण से एक ट्रफ रेखा उत्तर पश्चिमी बंगाल की खाड़ी तक फैली हुई है। इसी के साथ एक अन्य ट्रफ रेखा केरल से दक्षिण पूर्व अरब सागर से कर्नाटक तट पर पूर्वी मध्य अरब सागर तक जा रही है। वहीं राजस्थान के पश्चिमी हिस्से पर एक एंटीसाइक्लोन बना हुआ है। इधर ऊपरी पश्चिमी हिमालय के ऊपर एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ बना हुआ है।
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