Published - 19 May 2020 by Tractor Junction
बंगाल की खाड़ी में उठे सुपर साइक्लोन अम्फान को लेकर ओडिशा और पश्चिम बंगाल में अलर्ट जारी किया हुआ है। यह 1991 के बाद आने वाला सबसे प्रचंड तूफान है जो भारत के तटीय इलाके से टकराने जा रहा है। इससे ओडिशा व पश्चिम बंगाल में भारी बारिश होने की संभावना है जिससे काफी नुकसान होने की आशंका जताई गई है। इसको लेकर कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने नेशनल क्राइसिस मैनेजमेंट की बैठक की अध्यक्षता की। इसमें सुपर साइक्लोन अम्फान से निपटने की तैयारियों की समीक्षा की गई है। इस दौरान केंद्र सरकार के मंत्रालयों के अलावा आपदा प्रबंधन एजेंसियों की तूफान से निपटने की तैयारी और योजनाओं पर मंथन किया गया।
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मौसम विभाग के अनुसार चक्रवात अम्फान सोमवार को रात 11.30 बजे पारादीप (ओडिशा) के दक्षिण में 600 किलोमीटर और दीघा (पश्चिम बंगाल) के 750 किमी दक्षिण-पश्चिम में था। चक्रवाती तूफान अम्फान सोमवार को एक सुपर साइक्लोन में बदल गया। बंगाल की खाड़ी में उत्पन्न किसी चक्रवाती तूफान के सुपर साइक्लोन में बदलने की ये दूसरी घटना है। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक इससे भारी तबाही के आसार हैं। पश्चिम बंगाल और ओडिशा के तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों को वहां से हटाकर सुरक्षित जगहों पर रखने की व्यवस्था की गई है।
सुपर साइक्लोन अम्फान के बुधवार दोपहर से लेकर शाम तक तक बंगाल के तट से टकराने की आशंका है। आइएमडी के महानिदेशक एम.महापात्रा के अनुसार अम्फान बुधवार दोपहर के बाद 175 से 195 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से बंगाल के तट से टकराएगा। बंगाल के नजदीक दिगहा और बांग्लादेश के हटिया द्वीप के बीच इस तूफान से बंगाल के तटवर्ती क्षेत्र को भारी नुकसान पहुंचेगी।
भूमध्य रेखा से ऊपर बनने वाले चक्रवात, घड़ी की विपरित दिशा में घूमते है। वहीं भूमध्य रेखा से नीचे बनने वाले चक्रवात घड़ी की दिशा में घूमते हैं। इसकी वजह से पृथ्वी का अपनी धुरी पर घूमना है। विज्ञान में इसका नाम उष्णकटिबंधीय चक्रवात है(ट्रॉपिकल साइक्लोन) लेकिन बोलने की भाषा में इसके दो नाम हैं, जो अटलांटिक या पूर्वी प्रशांत महासागर से उठते हैं। उन्हें हरिकेन (तूफान) कहा जाता है और हिंद महासागर से उठने वाले चक्रवातों को चक्रवात के नाम से ही बुलाया जाता है।
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