प्रकाशित - 11 Aug 2022 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
भारतीय किसान हर साल 8 से 10 लाख नए ट्रैक्टर खरीदते हैं। इसके अलावा पुराने ट्रैक्टरों का बाजार अलग है। ट्रैक्टर खरीदने के सही निर्णय जहां किसान के परिवार के लिए खुशहाली लेकर आता है, वहीं गलत निर्णय कई परेशानी में डाल सकता है। ट्रैक्टर खरीदते समय किसानों के सामने कई सवाल आते हैं। जैसे कि उन्हें कैसा ट्रैक्टर खरीदना चाहिए। ट्रैक्टर खरीदते समय क्या-क्या सावधान बरतनी चाहिए। ट्रैक्टर में क्या-क्या फीचर्स देखने चाहिए। ट्रैक्टर खरीदते समय हॉर्स पावर को अधिक महत्व देना चाहिए या टॉर्क को। ट्रैक्टर जंक्शन की इस पोस्ट में आपको एचपी और टार्क में अंतर की जानकारी दी जा रही है।
ट्रैक्टर को चलाने के लिए इंजन का इस्तेमाल किया जाता है। किसान ट्रैक्टर खरीदने से पहले इंजन की शक्ति की जानकारी लेना चाहता है। इसके लिए जब ट्रैक्टर के स्पेसिफिकेशन्स की बात होती है तो हॉर्स पावर और टार्क पर सबसे पहले चर्चा होती है। आखिर सवाल यह उठता है कि किसी भी इंजन की एचपी और टार्क में क्या अंतर है। ट्रैक्टर खरीदने से पहले किसान को किस पर अधिक जोर देना चाहिए और अपने ट्रैक्टर खरीदने का सही निर्णय करना चाहिए। आईये, एचपी और टॉर्क के बीच अंतर को जानते हैं।
किसान जब ट्रैक्टर खरीदने जाता है तो वह देखता है कि समान हॉर्स पावर के दो ट्रैक्टरों में काम करने की क्षमता अलग-अलग होती है। एक कंपनी का ट्रैक्टर खींचने में अधिक पावर लगाता है तो दूसरी कंपनी का ट्रैक्टर कम पावर लगाता है। ऐसा टॉर्क के कारण होता है। क्योंकि जिस ट्रैक्टर का टॉर्क अधिक होता है वह खींचने में अधिक पावर लगाता है। भौतिक विज्ञान की भाषा में टार्क का मतलब ट्विस्टिंग फोर्स होता है। किसी भी चीज को रोटेटिंग मोशन यानि उसको गति देने के लिए लगने वाला फोर्स टॉर्क होता है।
ट्रैक्टर के इंजन का टॉर्क निकालने के लिए इंजन को डायनो में कनेक्ट किया जाता है और इंजन को अलग-अलग आरपीएम पर चलाया जाता है। 70 से 80 प्रतिशत आरपीएम पर डीजल इंजन अपना अधिकतम टॉर्क जनरेट कर देते हैं। जिसे टॉर्क के रूप में गणना में काम लिया जाता है।
टॉर्क की गणना के बाद एचपी की गणना एक फामूले की सहायता से की जा सकती है। फार्मूला इस प्रकार है।
एचपी=टार्कxआरपीएम/5252
200Nm2x1200 RPM/5252 = 45 HP
200Nm2x1500 RPM/5252 = 47 HP
हॉर्स पावर एक इकाई है जिसका उपयोग शक्ति को मापने के लिए किया जाता है। हॉर्सपावर को दर्शाने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला संक्षिप्त नाम hp है। हॉर्स पावर यानि एचपी से ट्रैक्टर के दौड़ने की शक्ति का पता चलता है। मतलब ट्रैक्टर कितनी स्पीड से काम कर सकता है। यहां ध्यान देने योग्य बात यह है कि एचपी बढ़ने पर ट्रैक्टर की रोड पर चलने की स्पीड ज्यादा नहीं बढ़ती है। ट्रैक्टर के निर्माण में टॉर्क, एचपी और आरपीएम के चार्ट को ध्यान में रखकर नियम और सिद्धांतों का पालन किया जाता है और ट्रैक्टर की स्पीड मानकों के अनुसार निर्धारित की जाती है।
अब तक आप टॉर्क और एचपी में अंतर समझ गए होंगे। अब जानते हैं कि किसान को ट्रैक्टर खरीदते समय किस चीज पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए। ट्रैक्टर इंडस्टी के विशेषज्ञों के अनुसार अगर आपको धान के खेतों में पुडलिंग करनी है, सख्त मिट्टी में रोटावेटर चलाना है, खेती की जुताई करनी है तो ज्यादा टॉर्क वाले ट्रैक्टरों को अहमियत देनी चाहिए। लेकिन यहां पर टॉर्क और एचपी का संतुलन भी देखना चाहिए। अगर खेत की मिट्टी नरम है और आपको कम समय में ज्यादा काम करना है तो आपको ज्यादा एचपी वाला ट्रैक्टर लेना चाहिए।
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