प्रकाशित - 22 May 2025
ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
ट्रैक्टर खेती–किसानी के काम में आने वाली प्रमुख कृषि मशीन है। आज अधिकांश किसान ट्रैक्टर से खेती करना पसंद करते हैं। ट्रैक्टर से खेती में क्रांति आई है और उत्पादन बढ़ा है। जहां कभी बैलों की सहायता से खेत की जुताई की जाती थी, इसके साथ ही खेती के सभी काम बैलों की सहायता से किए जाते थे वही धीरे–धीरे भारतीय खेती आधुनिकता की ओर बढ़ी और बैलों का काम ट्रैक्टरों ने संभाल लिया। आज हर किसान यही चाहता है कि उसके पास ट्रैक्टर हो। इस तरह ट्रैक्टर किसानों की पहली पसंद बनता जा रहा है।
UP Tractor Sales Record की बात करें तो यहां के किसानों ने पिछले 8 सालों के दौरान रिकॉर्ड तोड़ ट्रैक्टर की खरीदारी की है। एक अनुमान के मुताबिक यूपी में आठ सालों के दौरान ट्रैक्टर की बिक्री में 62 प्रतिशत तक का उछाल आया है। यह उत्तर प्रदेश में ट्रैक्टर कंपनियों के लिए उत्साहपूर्ण बात है। हालांकि अन्य राज्यों में भी ट्रैक्टर की खरीद बढ़ी है, इससे इनकार नहीं किया जा सकता है, लेकिन यूपी में सबसे अधिक ट्रैक्टर की बिक्री हुई है जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है।
ट्रैक्टर सिर्फ मशीन नहीं, खेती में क्रांति का प्रतीक बन चुका है। आज ट्रैक्टर केवल खेत जोतने वाली मशीन नहीं है, बल्कि किसान की पहचान, उसका आत्मविश्वास और उसकी उन्नति का प्रतीक बन चुका है। इसकी सबसे बड़ी मिसाल पेश की है उत्तर प्रदेश ने, जहां रिकॉर्ड तोड़ ट्रैक्टर पिछले 8 सालों में किसानों ने खरीदे हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश में सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले आठ सालों के अंदर किसानों ने जिस तेजी से ट्रैक्टर की खरीद की है, वह राज्य की कृषि अर्थव्यवस्था में बदलाव की ओर इशारा करता है। वित्तीय वर्ष 2016–17 में जहां प्रदेश में कुल 88,000 ट्रैक्टर दर्ज थे, वहीं 2024–25 तक यह संख्या बढ़कर 1,42,200 तक पहुंच गई है। इस तरह यूपी में ट्रैक्टर की बिक्री में 62 प्रतिशत की जबरदस्त बढ़ोतरी इन 8 सालों के दौरान देखी गई।
यूपी में ट्रैक्टर की रिकॉर्ड खरीद के पीछे कई कारण रहे हैं। उनमें से प्रमुख कारणों में सबसे बड़ा कारण सरकार की वो नीतियां हैं, जिन्होंने किसानों को न केवल आर्थिक रूप से मजबूत किया, बल्कि उन्हें आधुनिक कृषि यंत्रों के उपयोग के लिए भी प्रेरित किया। बता दें कि उत्तर प्रदेश ट्रैक्टर सब्सिडी योजना के तहत किसानों को ट्रैक्टर सहित अन्य कृषि यंत्र/मशीनों की खरीद पर सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाता है। वहीं दूसरा कारण यह है कि खेती में खेत की तैयारी हो या लेवलिंग, बुवाई हो या कटाई, कीटनाशक छिड़काव हो या फसल अवशेष प्रबंधन का काम, सब जगह ट्रैक्टर ही कारगर साबित हो रहा है। ट्रैक्टरों से जुड़ी मशीनें जैसे– रोटावेटर, पावर स्प्रेयर, सीड ड्रिल, डिस्क हैरो, आलू खुदाई मशीन आदि सभी को ट्रैक्टरों से जोड़कर चलाया जाता है। इस तरह ट्रैक्टर खेती के काम की एक प्रमुख आवश्यकता बन चुका है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों को ट्रैक्टर खरीदने और उसका भरपूर उपयोग करने के लिए हर संभव सहायता प्रदान की है। सीएम योगी ने अपने पहले कार्यकाल की पहली कैबिनेट बैठक में ही सीमांत किसानों की एक लाख तक की कर्ज माफी की थी। इसके बाद सरकार ने ट्रैक्टर और कृषि यंत्रों पर सब्सिडी दी। किसानों को जागरूक करने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र, किसान पाठशालाएं और मिलियन फार्मर्स स्कूल जैसे कार्यक्रम चलाए गए। इसी के साथ ही, सरकार ने वर्षों से लंबित पड़ी बड़ी सिंचाई परियोजनाएं जैसे– राष्ट्रीय सरयू नहर परियोजना, अर्जुन सहायक नहर योजना और बाणसागर को पूरा किया, जिससे सिंचाई क्षमता में भारी इजाफा हुआ। इससे किसानों को ट्रैक्टरों का भरपूर उपयोग करने का अवसर मिला।
प्रदेश के करीब 50 लाख गन्ना किसान योगी सरकार की विशेष प्राथमिकता में रहे हैं। समय पर गन्ने का भुगतान, चीनी मिलों का आधुनिकीकरण और नई मिलों की स्थापना जैसे फैसलों ने उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत किया है। इससे वे ट्रैक्टर जैसी मशीन में निवेश कर पाने में सक्षम हुए हैं। ट्रैक्टरों और उससे जुड़ी मशीनों के उपयोग से खेती की लागत घटती है, समय की बचत होती है और उत्पादन में बढ़ोतरी होती है। आज जब मिलेट्स, दलहन और तिलहन जैसी फसलें भी MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) के दायरे में आई हैं, तो ट्रैक्टर की सहायता से इनकी बुवाई और कटाई भी आसान हो गई है।
यह ट्रेंड सिर्फ यूपी का नहीं, पूरे देश में देखा जा रहा है। एक अनुमान के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2023 में देशभर में 9.39 लाख ट्रैक्टर बिके, जबकि 2024 में यह संख्या 8.67 लाख रही। 2025 में अनुमान लगाया जा रहा है कि ट्रैक्टर बिक्री 10 लाख के पार जा सकती है, जो अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि रबी की शानदार पैदावार, खरीफ के लिए अच्छा मानसून पूर्वानुमान और सरकारी योजनाओं का असर ट्रैक्टर बिक्री को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।
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