प्रकाशित - 20 May 2025
ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
देश की ट्रैक्टर इंडस्ट्री इस बार एक नया रिकॉर्ड बनाने की ओर बढ़ रही है। यदि सब कुछ योजना के मुताबिक रहा, तो वित्त वर्ष 2025-26 में ट्रैक्टरों की बिक्री पहली बार 10 लाख यूनिट का आंकड़ा पार कर सकती है। अनुकूल मानसून, बढ़ते न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और ग्रामीण इलाकों में सरकारी निवेश इस उम्मीद को मजबूती दे रहे हैं। कंपनियों और विशेषज्ञों की मानें, तो ट्रैक्टरों की बिक्री भारत के ग्रामीण बाजारों की आर्थिक सेहत का मजबूत संकेत है। FY23 में 9.45 लाख यूनिट की अब तक की सर्वाधिक बिक्री हुई थी, लेकिन अब यह रिकॉर्ड टूटने की कगार पर है। FY24 में जहां बिक्री 8.67 लाख रही, वहीं FY25 में यह आंकड़ा 9.39 लाख तक पहुंचा।
FY26 ट्रैक्टर इंडस्ट्री के लिए गेम चेंजर साल साबित हो सकता है। ऐसी उम्मीद की जा रही है कि अगर मानसून अनुकूल रहा, सरकारी नीतियों का असर जारी रहा और ग्रामीण मांग बनी रही, तो भारत पहली बार ट्रैक्टर बिक्री में 10 लाख यूनिट के ऐतिहासिक आंकड़े को पार कर सकता है।
महिंद्रा एंड महिंद्रा के कृषि उपकरण बिजनेस के प्रमुख विजय नकरा ने कहा कि हम कई सकारात्मक संकेतों को देख रहे हैं, इसमें सबसे बड़ा फैक्टर है सामान्य दक्षिण-पश्चिम मानसून का अनुमान। जलाशयों का भरपूर जलस्तर और मजबूत रबी फसल से किसान समुदाय में अच्छा आत्मविश्वास है। बता दें, ट्रैक्टर बाजार में महिंद्रा की हिस्सेदारी फिलहाल 43.3 प्रतिशत है।
एस्कॉर्ट्स कुबोटा के पूर्णकालिक निदेशक "भारत मदान" ने कहा कि पिछले साल के अच्छे मानसून के बाद बाजार में रिकवरी शुरू हो गई थी। मार्च तिमाही में हमने डबल डिजिट ग्रोथ देखी। इस बार भी मानसून के अच्छे रहने की संभावना है, जिससे FY26 एक रिकॉर्ड साल बन सकता है। भारतीय मौसम विभाग ने जून से सितंबर के बीच सामान्य से बेहतर मानसून का अनुमान जताया है, जो खेती और उससे जुड़े उद्योगों के लिए बड़ी राहत है। वहीं, ब्याज दरों में 50 बेसिस पॉइंट की कटौती से किसानों के लिए फाइनेंसिंग आसान हुई है।
अप्रैल 2025 के आंकड़े बताते हैं कि ट्रैक्टर बिक्री में 8 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है और करीब 83,000 यूनिट्स की बिक्री हुई। यह स्पष्ट संकेत है कि इंडस्ट्री ने नए वित्त वर्ष की शुरुआत मजबूत की है। इधर केंद्रीय जल आयोग (CWC) के अनुसार, देश के 161 प्रमुख जलाशयों में फिलहाल 57.974 बिलियन क्यूबिक मीटर पानी है, जो सामान्य से 15.9 प्रतिशत अधिक है। इससे खरीफ की फसलों की अच्छी शुरुआत की उम्मीद की जा रही है।
ट्रैक्टर एंड फार्म इक्विपमेंट लिमिटेड (TAFE) के सीईओ संदीप सिन्हा ने कहा कि हम FY26 की पहली तिमाही में 5–10 प्रतिशत की बढ़ोतरी की उम्मीद कर रहे हैं। यह भारत की कृषि अर्थव्यवस्था में ट्रैक्टर उद्योग की अहम भूमिका को दिखाता है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि मानसून का समय और उसका विस्तार आने वाले महीनों की बिक्री की दिशा तय करेगा।
एक वरिष्ठ उद्योग अधिकारी ने बताया कि ग्रामीण इलाकों में मजदूरी महंगी और कम उत्पादक हो गई है। मशीनीकरण से किसान अंधेरे में भी काम कर सकते हैं, जिससे उत्पादकता में सुधार होता है। इससे किसानों की मशीनों पर बढ़ती निर्भरता एक ऐसा कारण है जो ट्रैक्टर बिक्री की अच्छी उम्मीद जगाता है।
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