Published - 06 Mar 2020
by Tractor Junction
देश में बेहतर मानसून और सरकारी नीतियों का असर ग्रामीण बाजार पर दिखने लगा है। किसानों की आय 2022 तक दोगुना करने के प्रयासों में लागू की गई योजनाओं का लाभ किसानों को मिलने लगा है। साथ ही मानसून ने भी किसानों का साथ दिया। रबी उत्पादन के बेहतर आंकड़ों से किसानों की आमदनी बढऩे का संकेत मिल रहा है। ग्रामीण बाजार में मांग निकलने के कारण देश में विभिन्न ट्रैक्टर निर्माता कंपनियों ने फरवरी 2020 में घरेलू बाजार में 21.32 फीसदी ज्यादा ट्रैक्टर बेचे।
महिंद्रा एंड महिंद्रा के कृषि उपकण क्षेत्र (एफईएस) के अनुसार फरवरी 2020 में एम एंड एम की घरेलू बिक्री 21,877 इकाई थी, जो एक साल पहले फरवरी 2019 से 21 फीसदी अधिक थी। हालांकि, निर्यात 22 फीसदी घटकर 683 इकाई रह गया। फरवरी 2020 के दौरान घरेलू और निर्यात बाजार में कुल बिक्री 22,561 इकाई थी। यह फरवरी 2019 से 19 फीसदी ज्यादा है। एम एंड एम (एफईएस) अध्यक्ष राजेश जेजुरिकर ने कहा कि मजबूत रबी उत्पादन और फसल कीमतों के कारण ट्रैक्टर की मांग भविष्य में और मजबूत होगी। ग्रामीण और कृषि क्षेत्र पर सरकारी योजनाओं के माध्यम से ज्यादा खर्च आगामी महीनों में ट्रैक्टर उद्योग को सुखद संदेश देगा।
टैफे ने फरवरी 2020 में करीब 3 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी में नुकसान उठाया है। हालांकि भारतीय घरेलू बाजार में टैफे की बिक्री में 1.03 फीसदी की वृद्धि हुई है। फरवरी 2020 में बिक्री 8419 यूनिट दर्ज की गई और फरवरी 2019 में बिक्री 8333 यूनिट थी। 2019 की तुलना में 2020 में केवल 86 इकाइयों की बिक्री में वृद्धि हुई है।
सोनालिका ट्रैक्टर ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए अपनी नंबर तीन की पॉजिशन को बनाए रखा है। सोनालिका ट्रैक्टरों की बिक्री में 30.23 फीसदी का इजाफा हुआ है। आंकड़ों के अनुसार सोनालिका ने फरवरी 2020 में 8055 इकाइयां बेची थी जबकि फरवरी 2019 में यह 6185 यूनिट थी। बिक्री में इस ऊंची छलांग से सोनालिका ने फरवरी 2019 के मुकाबले बाजार में 1 फीसदी हिस्सेदारी बढ़ाई है।
एस्कॉर्ट्स के कृषि मशीनरी खंड ने 18.8 फीसदी की वृद्धि करते हुए फरवरी 2020 में 8,601 ट्रैक्टर बेचे हैं। एस्कॉर्ट्स की घरेलू बाजार में बिक्री 16.35 फीसदी बढक़र 8,049 इकाई हो गई और निर्यात 322 से बढक़र 552 यूनिट हो गया।
जनवरी 2020 में 46.4 प्रतिशत की आसमानी उड़ान के बाद जॉन डियर ट्रैक्टर की बिक्री अब चांद को छू गई है। फरवरी 2020 में जॉन डियर ट्रैक्टर की बिक्री 6220 इकाई थी जबकि फरवरी 2019 में यह संख्या 3735 इकाई थी। घरेलू बिक्री में यह 66.53 प्रतिशत उछाल दर्शाता है। जॉन डियर ने सभी ट्रैक्टर ब्रांडों में महीने की सबसे अधिक बिक्री दर्ज की है।
न्यू हॉलैंड ट्रैक्टरों की घरेलू बाजार में बिक्री 11.21 फीसदी बढ़ी है। फरवरी 2020 में 2023 इकाई बेची थी जबकि फरवरी 2019 में यह आंकड़ा 1819 यूनिट था। इस प्रकार घरेलू बाजार में 204 इकाइयां अधिक बेची गई।
कुबोटा ट्रैक्टर्स ने फरवरी 2020 में 24.63 फीसदी की वृद्धि दर्ज की है। फरवरी 2019 में ट्रैक्टरों की बिक्री 800 इकाई थी जबकि फरवरी 2020 में 997 इकाई बेची गई है।
वीएसटी ट्रैक्टर ने फरवरी 2020 में घरेलू ट्रैक्टर बाजार में 6.19 फीसदी की गिरावट दर्ज की है। वीएसटी ट्रैक्टर ने फरवरी 2020 में 211 इकाइयों की बिक्री दर्ज की है जबकि फरवरी 2019 में 295 इकाई बेची गई थी।
एसडीएफ ट्रैक्टर की बिक्री 39.81 फीसदी कम हुई है। कंपनी ने फरवरी 2020 में 211 ट्रैक्टर बेचे हैं। जबकि फरवरी 2019 में कंपनी ने 295 इकाई बेची थी।
कैप्टन ट्रैक्टर ने फरवरी 2020 में 114 फीसदी की बढ़ोत्तरी दर्ज की है। कैप्टन ने फरवरी 2019 में 191 यूनिट बेची थी जबकि फरवरी 2020 में यह आंकड़ा 409 यूनिट को छू गया।
फोर्स मोटर्स ने ट्रैक्टर बिक्री में 24.73 फीसदी की वृद्धि दर्ज की है। फोर्स ट्रैक्टर ने फरवरी 2020 में 358 ट्रैक्टर घरेलू बाजार में बेचे हैं।
वीएसटी शक्ति ट्रैक्टर की बिक्री फरवरी 2020 में 6.19 फीसदी कम हुई है। वीएसटी शक्ति ने फरवरी 20 में 500 ट्रैक्टर बेचे जबकि फरवरी 19 में यह आंकड़ा 533 इकाई था।
ऐस (ACE) ट्रैक्टर की बिक्री फरवरी 2020 में 131 फीसदी बढ़ी है। ऐस ने फरवरी 20 में 194 ट्रैक्टर बेचे हैं जबकि फरवरी 19 में यह आंकड़ा 84 इकाई था।
प्रीत ट्रैक्टर की बिक्री में भी वृद्धि हुई है। प्रीत ट्रैक्टर ने फरवरी 20 में 150 इकाई बेची है जबकि फरवरी 19 में 130 इकाई बेची थी।
इंडो फार्म इक्विपमेंट ने फरवरी 20 में ट्रैक्टरों की बिक्री में 64.82 फीसदी वृद्धि दर्ज की है। कंपनी ने फरवरी 20 में 239 ट्रैक्टर घरेलू बाजार में बेचे हैं जबकि फरवरी 19 में यह आंकड़ा 145 इकाई था।
भारत में ट्रैक्टर निर्माताओं को भविष्य के उत्पादन के बारे में चिंतित होने का कोई आधार नहीं है। लेकिन बीएस-6 (Bharat Stage-VI) उत्सर्जन नियम घरेलू मांग-आपूर्ति चक्र में नुकसान उत्पन्न कर रहा है। दूसरी ओर, यह अनुमान लगाया गया है कि ट्रैक्टरों की बिक्री को कम से कम प्रभावित करने के लिए बीटी-6 (Bharat Trem-VI) उत्सर्जन नियम है जो अक्टूबर से लागू होगा।
ट्रैक्टरों में नए परिवर्तनों के कारण भविष्य में इनकी कीमतों में 10 से 15 फीसदी की वृद्धि संभव है। आईसीएआर के सहायक उपाध्यक्ष रोहन गुप्ता के अनुसार, तकनीकी परिवर्तनों के कारण ट्रैक्टरों की कीमतों में वृद्धि भविष्य में किसानों के लिए एक चुनौती सिद्ध होगी। लेकिन मूल उपकरण निर्माता (ओईएम) लागत को कम करने में सहयोग दे सकता है। फिर भी, 50 एचपी से अधिक रेंज के ट्रैक्टर कंपनियों के मुनाफे को नुकसान नहीं पहुंचाएगा। इसके अलावा, पिछले दस महीनों के दौरान बड़े ट्रैक्टर निर्माताओं के लाभ को सही कहा जा सकता है। जबकि अन्य सैक्टर इस समय कठिन दौर से गुजर रहे थे। एम एंड एम और एस्कॉर्ट्स दोनों ने पिछली कुछ तिमाहियों में ई बिट (ब्याज और टैक्स से पहले की कमाई) को डबर-फिगर (12-15 प्रतिशत) में दर्ज किया है। कृषि उपकरण खंड ने अन्य खंडों की अपेक्षा अच्छा प्रदर्शन किया है।
देश में बीटी-4 (Bharat Trem-IV) उत्सर्जन मानदंडों का अनुपालन केवल अक्टूबर 2023 तक अनुमानित है। इसका चरणबद्ध कार्यान्वयन लागत में बढ़ोत्तरी, तकनीकी कौशल और मांग की डिमांड के अनुसार होगा।
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