प्रकाशित - 19 Jul 2022 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
हौसलें बुलंद हो तो कोई भी काम कठिन नहीं होता है। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है पंजाब की गुरबीर कौर ने, यह नाम है पंजाब की एक महिला किसान का जिसने अपनी मेहनत और लगन से अपने पिता की विरासत को संभाला और उसे आगे बढ़ाया। इतना ही नहीं वे चाहती है कि खेती किसानी के साथ ही डेयरी फार्मिंग में एक नया मुकाम हासिल करें। आज हम ट्रैक्टर जंक्शन के माध्यम से आपको पंजाब की एक महिला किसान की सफलता की कहानी बता रहे हैं जिसने मुसीबत में भी हिम्मत नहीं हारी और साहस के साथ हर मुसीबत का सामना किया। आइए जानते है इस महिला किसान के हौंसले और जज्बे की कहानी।
परिवार में गुरबीर कौर अपने माता-पिता की सबसे बड़ी संतान है। पिता के अचानक निधन के बाद पूरे परिवार की जिम्मेदारी गुरबीर के कंधों पर आ गई। परिवार की आय का स्त्रोत कृषि था, इसलिए गुरबीर ने अन्य कोई काम करने की जगह अपने पुश्तैनी खेतीबाड़ी के काम को प्राथमिकता दी और पिता की खेती किसानी की विरायत को संभाला। गुरबीर खेती-किसानी के काम में लग गईं। आज गुरबीर के पास 4 एकड़ जमीन जिस पर वह खेती करती हैं। इसके अलावा उन्होंने गैर कृषि भूमि भी खरीदी है।
वे बताती है कि मैंने खुद को कभी लड़की नहीं समझा। मैं खुद को अपने माता-पिता का बेटा मानती रही। घर में गरीबी थी, इसलिए मैंने खेती किसानी का काम संभाला ताकि घर की जिम्मेदारी पूरी कर सकूं। आज मैं खेती-किसानी का काम बेखूबी संभाल रही हूं। अब मुझे इस काम में अच्छा लगने लगा है। मुझे काम में मजा आता है। काम मुझे खुश करता है। काम से ही व्यक्ति तरक्की कर सकता है।
पिता की मौत के बाद घर की जिम्मेदारी निभा रही थी कि मां बीमार हो गई। मैंने उनकी देखभाल और उनका इलाज करवाया। मैंने उनके इलाज में करीब 50-60 हजार रुपए लगाए, लेकिन अफसोस उन्हें नहीं बचा पाईं। पिता की मौत का गम तो था ही लेकिन मां की मौत ने मेरा दिल तोड़ दिया। अब मैंने शादी नहीं करने का निर्णय लिया और परिवार की जिम्मेदरी निभाई। भाई पहले से ही सेटिल था। बहन की शादी की और अब खेती किसानी को ही अपना शौक मान लिया। खेती-किसानी का काम मेरे मन को सुकून देता है। अब मुझे अपनी जमीन से प्यार हो गया है।
गुरबीर कौर खेत में खुद ट्रैक्टर चलाती है। समय बीतने के साथ खेती के काम में वे अब माहिर हो चुकी है। वे खेती का हर काम स्वयं करती है। चाहे वो खेत की जुताई का काम हो या फिर और कोई काम। यानि खेत की तैयारी से लेकर फसल बुवाई, कटाई और मंडी तक फसल ले जाना आदि काम वे स्वयं कर लेती हैं। गुरबीर खेती-किसानी के साथ ही डेयरी फार्मिंग के काम में आगे बढऩा चाहती है। गुरबीर के पास आज चार एकड़ के करीब कृषि भूमि है और उन्होंने गैर कृषि भूमि भी खरीदी है। इस पर वे खेती और डेयरी फार्मिंग का कार्य करती हैं।
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