Published - 10 Aug 2021 by Tractor Junction
टोक्यो ओलिंपिक (Tokyo Olympics 2020) भाला फेंक प्रतियोगिता में हरियाणा के एक छोटे से किसान के बेटे नीरज चोपड़ा ने स्वर्ण पदक जीतकर देश का परचम लहरा दिया। इससे एक बार फिर देश का मान विश्व पटल पर बढ़ा है। बता दें कि टोक्यो ओलिंपिक भाला फेंक प्रतियोगिता में स्वर्ण जीतने वाले नीरज चोपड़ा हरियाणा के एक छोटे से गांव खांद्रा में एक किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनके पिता सतीश कुमार पेशे से एक छोटे किसान हैं। नीरज की जीत से देश का हर नागरिक गदगद हो उठा है। वहीं नई खेल प्रतिभाओं के लिए भी नीरज एक आदर्श बनकर उभरे हैं। हालांकि नीरज को स्वयं ये आभास नहीं था कि वे ओलिंपिक में स्वर्ण जीत जाएंगे पर उनके साहस ने ये कर दिखाया। बता दें कि नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलिंपिक में शनिवार को भाला फेंक में स्वर्ण पदक जीतकर भारतीय खेलों में नया इतिहास रचा। नीरज ने अपने दूसरे प्रयास में 87.58 मीटर भाला फेंककर जीत को अपने नाम दर्ज किया। यह ओलिंपिक ऐथलेटिक्स में भारत का पहला पदक है। इससे उन्होंने भारत का ऐथलेटिक्स में ओलिंपिक पदक जीतने का पिछले 100 साल से भी अधिक का इंतजार समाप्त कर दिया। अंजू बॉबी जॉर्ज के बाद किसी विश्व चैम्पियनशिप स्तर पर एथलेटिक्स में स्वर्ण पदक को जीतने वाले वह दूसरे भारतीय है।
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एथलेटिक नीरज चौपड़ा के टोक्यो में स्वर्ण पदक जीतने पर पूरे भारत में खुशी की लहर छा गई और जगह-जगह जश्न मनाया गया। वहीं हरियाणा सहित कई राज्यों ने उनके लिए पुरस्कारों की घोषणा की। इस तरह स्वर्ण जीतते ही नीरज चोपड़ा पर धन वर्षा होनी शुरू हो गई। हरियाणा सरकार ने नीरज चोपड़ा को छह करोड़ रुपए और सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शनिवार को इसका ऐलान किया। सीएम खट्टर ने चोपड़ा को उनकी जीत के लिए बधाई देते हुए कहा कि उन्होंने न केवल पदक जीता, बल्कि पूरे देश का दिल भी जीता।
नीरज चोपड़ा का जन्म 24 दिसंबर 1997 में हरियाणा राज्य पालीपत के एक छोटे से गांव खांद्रा में एक किसान परिवार में हुआ था। उनके पिता सतीश कुमार है जो पेशे से एक छोटे किसान हैं और इनकी माता सरोज देवी एक गृहणी है। भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई हरियाणा से ही की है। प्राप्त जानकारी के अनुसार इन्होंने ग्रेजुएशन तक की डिग्री प्राप्त की है। अपनी प्रारंभिक पढ़ाई को पूरा करने के बाद नीरज चोपड़ा ने बीबीए कॉलेज ज्वाइन किया था और वहीं से उन्होंने ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की थी। जैवलिन थ्रो में नीरज की रुचि तब ही आ चुकी थी जब ये केवल 11 वर्ष के थे और पानीपत स्टेडियम में जय चौधरी को प्रैक्टिस करते देखा करते थे।
नीरज चोपड़ा एक भारतीय एथलिट हैं जो ट्रैक एंड फील्ड के जेवलिन थ्रो नामक गेम से जुड़े हुए हैं तथा राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय स्तर पर देश का प्रतिनिधित्व करते हैं। नीरज एक एथलीट होने के साथ-साथ भारतीय सेना में सूबेदार पद पर भी तैनात हैं। इस समय वो भारतीय सेना के राजस्थान राइफल्स में कार्यरत हैं। उन्होंने सेना में रहते हुए अपने बेहतरीन प्रदर्शन के बदौलत इन्हे सेना में विशिस्ट सेवा मैडल से भी सम्मानित किया जा चुका है। हाल ही में ट्रैक और फील्ड एथलीट प्रतिस्पर्धा में भाला फेंकने वाले खिलाड़ी हैं। नीरज ने 87.58 मीटर भाला फेंककर टोक्यो ओलंपिक 2020 में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रचा है। वर्तमान में उनके कोच गैरी गैरी कैल्वर्ट हैं।
टोक्यो ओलिंपिक में नीरज की इस सफलता के साथ भारत ने 1 स्वर्ण, 2 रजत और चार कांस्य पदक जीते हैं। टोक्यो 2020 खेलों में सात पदकों की दौड़ में भारत ने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। वहीं 2012 के लंदन ओलंपिक खेलों में छह पदकों की दौड़ को पार करते हुए 2016 के रियो ओलंपिक खेलों में भारत केवल दो पदक ही हासिल कर पाया था।
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