आकाशीय बिजली गिरने से पहले के संकेत, बचाव के उपाय और सावधानियां

Share Product Published - 17 Jul 2021 by Tractor Junction

आकाशीय बिजली गिरने से पहले के संकेत, बचाव के उपाय और सावधानियां

आकाशीय बिजली : किसान भाई रखें इन बातों का ध्यान

वर्षाकाल में बारिश के साथ बिजली गिरने की घटनाएं होती है। कई बार बिजली गिरने से लोगों की मौत तक हो जाती है। अभी बीते दिनों 12 जुलाई को हुई बारिश के दौरान बिजली गिरने से उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्यप्रदेश के अलग-अलग इलाकों में 67 लोगों की मौत हो गई थी। आकाशीय बिजली का कहर देखते हुए ये जरूरी है कि हमें आकाशीय बिजली से बचाव के उपाय की जानकारी हो ताकि संभावित हानि से बचा जा सके। 

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घर से बाहर जाने से पहले लें मौसम की जानकारी

वर्षाकाल के दौरान यदि आपको घर के बाहर कहीं जाना हो तो सबसे पहले आप मौसम के पूर्वानुमान की जांच करें। मौसम की ताजा जानकारी रेडियो या टेलीविजन के माध्यम से ले सकते हैं। यदि पूर्वानुमान गडगड़ाहट के साथ बारिश की कहता है तो बाहर जाना स्थगित कर दें। यदि आवश्यक हो तो ही घर से निकलें।


गडग़ड़ाहट होने पर ये बरते सावधानियां

  • यदि आप घर से बाहर निकलें हैं और गडग़ड़ाहट शुरू हो जाए तो इन बातों का ध्यान रखें। इससे आप काफी हद तक अपने को सुरक्षित कर पाएंगे। ये इस प्रकार से हैं- 
  • गडग़ड़ाहट होने पर पक्के घर, जिनकी खिड़कियां बंद हों उनमें शरण लें। धातु की संरचना या निर्माण वाले आश्रय से बचें। 
  • 30 -30 का नियम याद रखें। यदि बिजली चमकने के बाद 30 तक गिनती करने से पहले गडग़ड़ाहट सुनाई दे तो घर के अंदर जाएं। गरज की अंतिम ताली सुनने के बाद 30 मिनट घर में ही रहें।  
  • यदि आप किसी सुरक्षित स्थान पर नहीं हैं तो तुरंत पहाडिय़ों या ऊंचे क्षेत्रों से दूर हो जाएं। बचने के लिए किसी चट्टान का उपयोग न करें। 
  • तालाबों, झीलों और अन्य जल स्रोतों से तुरंत बाहर आएं और दूर हो जाएं। निचले स्थानों पर शरण लें। जमीन पर सपाट न लेटे।  
  • यदि कोई आशय उपलब्ध नहीं है तो अपने पैरों को एक साथ रखें अर्थात एडिय़ों को एक दूसरे को स्पर्श करें। सिर को नीचे रखें, कान ढंक लें और आंखें बंद कर लें। यदि आपकी गर्दन के पीछे के बाल खड़े हो जाएं तो समझें कि बिजली गिरने वाली है। 
  • बिजली के खंबों, फोन, धातु की बाड़ और पवन चक्की से दूर रहें। पेड़ों के नीचे , खास तौर से अलग पेड़ के नीचे खड़े न रहें। ध्यान रहे कि रबड़ शोल के जूते और कार के टायर बिजली से सुरक्षा नहीं करते हैं। फोम पेड हो तो उसे अपने नीचे रखें। 
  • यदि आंधी के दौरान आप समूह में हों तो एक दूसरे से अलग हो जाएं। बच्चों, बुजुर्गों और पशुओं को विशेष सहायता देकर बचाएं।


यात्रा के दौरान रखें ये सावधानियां

  • यदि गरज -चमक के पूर्वानुमान की चेतावनी हो तो अपनी यात्रा स्थगित कर दें। इस दौरान खुले वाहनों जैसे बाइक, गोल्फ कार्ट से बचें।
  • साइकिल, मोटरसाइकिल और खेत के ऐसे वाहनों को, जो बिजली को आकर्षित कर सकते हैं, उन्हें हटाएं। 
  • यदि इस डॉयरान तैराकी या नौका विहार कर रहे हों तो पानी से तुरंत बाहर निकलें और सुरक्षित स्थान पर जाएं। तूफान के डॉयरान वाहन में तब तक रहें, जब तक कि मदद न पहुंचे या तूफान गुजर न जाए। 
  • धातु की छत सुरक्षा देगी यदि आप धातु को न छू रहे हों।


घर, ऑफिस या अन्य स्थानों को आकाशीय बिजली से कैसे करें सुरक्षा

घर, ऑफिस या अन्य स्थानों को आकाशीय बिजली (Lightning) से सुरक्षित माना जाता है। इसके बाद भी यदि कुछ सावधानियां हमें बरतनी चाहिए ताकि संभावित खतरे को कम किया जा सके। यहां कुछ सावधानियां बताई जा रही है जिन्हें ध्यान में रखकर आप घर और ऑफिस और अन्य जगह पर भी सुरक्षित रह सकते हैं-

  • काले आसमान और गडग़ड़ाहट सुनाई देने पर 30 -30  नियम का पालन करें।  
  • घर के अंदर रहने पर भी खिड़कियां और दरवाजे बंद रखें।  
  • इलेक्ट्रॉनिक और बिजली के उपकरणों को अनप्लग कर दें। 
  • इस दौरान स्नान, बर्तन धोने या पानी के सम्पर्क से बचें। बहते पानी से दूर रहें।
  • बिजली किसी भी धातु के संपर्क में आकर नुकसान पहुंचा सकती है। घर के पोर्च, पार्क, खेल के मैदान, जल स्रोत, कंक्रीट के फर्श और कंक्रीट की दीवारों से दूर रहें।


बिजली से घायल व्यक्ति को ऐसे दें प्राथमिक उपचार

  • बिजली गिरने से पीडि़त को डॉक्टर के आने तक प्राथमिक उपचार दें। पीडि़त की सांस, धडक़न और नाड़ी जांचें।  नाड़ी की जांच के लिए सबसे अच्छी जगह कैरोटिड धमनी है, जो आपकी गर्दन पर सीधे आपके जबड़े के नीचे पाई जाती है। पीडि़त के सांस नहीं लेने पर मुंह से सांस दें। प्लस नहीं होने पर कार्डियक कम्प्रेशन (सीपीआर) भी शुरू करें।
  • बिजली गिरने से बचे व्यक्ति की हड्डियों, आंखें, चोटों के निशान और सुनने की जांच करें। लकवा या अधिक खून का स्त्राव कठिन हो सकता है।  उपचार का स्थान जोखिम वाला होने पर पीडित को सुरक्षित स्थान पर ले जाएं। ध्यान रहे बिजली की चपेट में आने वाले लोगों को विद्युत् आवेश नहीं होता है और उन्हें सुरक्षित रूप से नियंत्रित किया जा सकता है।  
  • हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करके सटीक स्थान और पीडि़त की जानकारी दें और फिर उसे अस्पताल ले जाएं।


खेती के काम के दौरान किसान क्या रखें ये सावधानियां

  • तेज हवाओं के साथ गरज होने पर बागों में मशीनी सहायता, सब्जियों में खूंटा लगाएं।  
  • यदि खेत में किसान को सुरक्षित आश्रय नहीं मिल रहा है तो क्षेत्र की सबसे ऊंची वस्तु से बचें।  यदि दूर -दूर पेड़ हैं तो सबसे अच्छा संरक्षण खुले में झुकना है।  
  • पशुओं को खुले में, पानी, तालाब और नदी से दूर रखें। पशुओं को पेड़ों के नीचे नहीं बांधें। जानवरों को ट्रैक्टर या अन्य धातुओं के कृषि उपकरणों से दूर रखें। 
  • खड़ी फसलों से अतिरिक्त पानी बाहर निकालें। कटी हुई उपज को पॉलीथिन शीट से ढंक दें। विद्युत् उपकरण और डोरियों के सम्पर्क से बचें। 
  • बिजली गिरने के दौरान किसी भी धातु, ट्रैक्टर, खेत के उपकरण, साइकिल से दूर रहें क्योंकि धातु की सतहें बिजली संचालक के रूप में काम करती है।

 

 क्या है आकाशीय बिजली और क्यों गिरती है? / आकाशीय बिजली की वजह 

बिजली चमकना एक प्राकृतिक क्रिया है। जब ज्यादा गर्मी और नमी मिलती है तो बिजली वाले खास तरह के बादल थंडर क्लाउड बन जाते हैं और तूफान का रूप लेते हैं। सतह से करीब 8-10 किलोमीटर ऊंचे इन बादलों के निचले हिस्से में निगेटिव और ऊपरी हिस्से में पॉजिटिव चार्ज ज्यादा रहता है। दोनों के बीच अंतर कम होने पर तेजी से होने वाला डिस्चार्ज बिजली कडक़ने के रूप में सामने आता है। बादलों के बीच बिजली कडक़ना हमें नजर आता है और उससे नुकसान नहीं है। नुकसान तब होता है जब बादलों से बिजली जमीन में आती है। जानकारी के अनुसार आका शीय बिजली का तापमान आमतौर पर 17 हजार डिग्री सेल्सियस से 27 हजार डिग्री सेल्सियस तक होता है, जबकि, सूरज का औसत तापमान 5505 डिग्री से लेकर 10 हजार डिग्री सेल्सियस तक रहता है। आकाश से धरती पर बिजली गिरने की गति बहुत ज्यादा होती है।

 

आकाशीय बिजली से सावधान

आकाशीय बिजली से सभी को सावधान रहने की जरूरत है, क्योंकि बिजली गिरने के दौरान एक साथ भारी मात्रा में ऊर्जा धरती के एक छोटे से हिस्से पर गिरती है। एक बार बिजली गिरने से कई करोड़ वॉट ऊर्जा पैदा होती है। आसमानी बिजली कई तरीकों से हमला कर सकती है। डायरेक्ट स्ट्राइक उतनी ज्यादा नहीं होती मगर यह सबसे जानलेवा मानी जाती है। अगर किसी इंसान पर सीधे बिजली गिरे तो वह डिस्चार्ज चैनल का हिस्सा बन जाता है। अधिकतर डायरेक्ट स्ट्राइक्स खुले इलाकों में होती हैं।          

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