Published - 03 May 2021 by Tractor Junction
कोरोना महामारी ने देश भर में कोहराम मचाया हुआ है। अस्पतालों में मरीजों की तादाद बढ़ती जा रही है जिससे अस्पतालों को ऑक्सीजन की कमी से जुझना पड़ रहा है। अस्पतालों को जितनी ऑक्सीजन चाहिए उतनी ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं मिल पा रही है और परिणामस्वरूप ऑक्सीजन के बिना मरीजों की सांसे थम रही है। इसी बीच मध्यप्रदेश सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। इसके अनुसार राज्य सरकार अब ऑक्सीजन उत्पादन के लिए अनुदान देगी। मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश सरकार के प्रवक्ता डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने सरकार के इस फैसले पर जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ऑक्सीजन की समस्या के दीर्घकालीन समाधान पर फैसला लिया है। इसके लिए ऑक्सीजन उत्पादन के लिए अधिकतम 75 करोड़ रुपए तक की सहायता का विशिष्ट पैकेज देने का फैसला किया है।
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ऑक्सीजन उत्पादन की क्षमता बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन के लिए विशिष्ट पैकेज के तहत प्रदेश में न्यूनतम 10 क्यूबिक मीटर प्रति घंटा ऑक्सीजन उत्पादन क्षमता की इकाइयों को मदद दी जाएगी। इकाइयों को यंत्र एवं संयंत्र तथा भवन में किए गए पूंजी निवेश पर 50 प्रतिशत की स्थिर दर से मूल निवेश प्रोत्साहन सहायता दी जाएगी। इसके तहत अधिकतम 75 करोड़ रुपए की सहायता दी जाएगी। इकाईयों को प्रचलित विद्युत टैरिफ पर एक रुपए प्रति यूनिट की छूट दी जाएगी। यह छूट एमपीईआरसी द्वारा दी जा रही छूट, के अतिरिक्त एक रुपये प्रति यूनिट होगी। इसकी प्रतिपूर्ति एमएसएमई या एमपीआईडीसी द्वारा पात्र इकाईयों को की जाएंगी।
प्रशासन द्वारा जारी आदेश के अनुसार योजना का लाभ नए प्लांट, पहले से संचालित इकाइयों, मेडिकल कॉलेजों, अस्पतालों और नर्सिंग होम को भी मिल सकेगा।
मध्यप्रदेश के 19 जिला अस्पतालों में ऑक्सीजन बनाने के लिए प्लांट लगाए जाएंगे। इसे लेकर मध्य प्रदेश पब्लिक हेल्थ सप्लाई कॉरपोरेशन ने कंपनी के चयन की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। कंपनी का चयन हो गया तो अगले साल जनवरी-फरवरी तक ऑक्सीजन का उत्पादन शुरू हो जाएगा। इससे सामान्य हालातों में इन जिला अस्पतालों में मेडिकल ऑक्सीजन की जरूरत पूरी हो जाएगी। कारपोरेशन ने टेंडर में यह भी साफ कर दिया है कि तैयार ऑक्सीजन की शुद्धता का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन के मापदंड के अनुसार 93 फीसद से कम नहीं होना चाहिए। किन्हीं विशेष कारणों से इसमें तीन फीसद तक की कमी स्वीकार की जा सकती है।
स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने मीडिया को बताया कि ऑक्सीजन बनाने की इस तकनीक में वातावरण से ऑक्सीजन खींचकर उसे शुद्ध किया जाता है। इसके बाद पाइपलाइन के जरिए सप्लाई किया जाता है। प्लांट लगाने वाली कंपनी को रोजाना की जरूरत से तीन दिन के लिए अतिरिक्त ऑक्सीजन स्टोर करके सिलिंडर में रखना होगा। इधर मप्र पब्लिक हेल्थ सप्लाई कारपोरेशन के एमडी सतीश कुमार एस ने बताया कि ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट के लिए टेंडर जारी कर दिया गया है।
प्रदेश के जिन 19 जिला अस्पतालों मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट लगाने की तैयारी है उनमें सतना, विदिशा, नरसिंहपुर, कटनी, रायसेन, बड़वानी, मंडला, छतरपुर, सीधी, बैतूल, दमोह, सागर, भिंड, खरगौन, राजगढ़, बालाघाट, धार, पन्ना और शहडोल जिला अस्पतालों का चयन किया गया है।
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