अब कोरोना की तीसरी लहर का खौफ, तैयारियों में जुटी सरकार

Share Product Published - 15 May 2021 by Tractor Junction

अब कोरोना की तीसरी लहर का खौफ, तैयारियों में जुटी सरकार

जानें, कब होगा कोरोना की तीसरी लहर से सामना और क्या किए जा रहे हैं सरकारी इंतजाम? 

कोरोना की दूसरी लहर अभी खत्म भी नहीं हुई है कि भारत में तीसरी लहर से निपटने के प्रयास में सरकार जुट गई है। वैज्ञानिकों की ओर से भारत में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर के आने की संभावना जताई गई है। इसे चेतावनी को गंभीरता से लेते हुए सरकार इस तीसरी लहर से निपटने की तैयारियां करने में लगी हुई है। 

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सितंबर व अक्टूबर में तीसरी लहर आने की प्रबल आशंका

बता दें कि दूसरी लहर के बीच कुछ दिनों पहले भारत सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार ने कहा कि भारत में कोविड-19 की तीसरी लहर के आने की प्रबल आशंका है। उन्होंने कहा कि यह अनुमान लगाना संभव नहीं है कि तीसरी लहर कब आएगी और कितनी गंभीर होगी। महामारी विज्ञान के सिद्धांतों पर आधारित यह घोषणा सही है। जब तक अतिसंवेदनशील आबादी रहती है, तब तक लहरों का खतरा बना रहता है। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि इस वर्ष सितंबर व अक्टूबर में तीसरी लहर आने की प्रबल आशंका है। यह भी संभावना व्यक्त की जा रही है कि कोरोना की तीसरी लहर कम उम्र वालों को ज्यादा प्रभावित करेगी। 


तीसरी लहर से बच्चों को होगा सबसे अधिक खतरा

तीसरी लहर से सबसे अधिक बच्चों को खतरा बताया जा रहा है। हालांकि इस बात का कोई वैज्ञानिक अध्ययन नहीं है। हो सकता है कि तीसरी लहर में बच्चों में संक्रमण की दर में कोई बढ़ोतरी न हो और यह भी हो सकता है कि इस बार बच्चों पर इसका असर अधिक दिखाई दे। ऐसा इसलिए माना जा रहा है कि कोरोना की पहली लहर बुजुर्ग लोगों के लिए घातक साबित हुई थी। दूसरी लहर में सबसे अधिक युवाओं पर प्रभाव पड़ा। इस हिसाब से इस बार यह माना जा रहा है कि तीसरी लहर कहीं बच्चों के लिए घातक साबित न हो। यदि ऐसा हुआ तो इसके लिए पहले से इंतजाम करने की जरूरत होगी ताकि नौनिहालों को कोरोना संक्रमण की इस तीसरी लहर के प्रकोप से बचाया जा सके। बता दें कि अब तक अधिकांश संक्रमण वयस्क और बुजुर्ग आबादी में हुए हैं। यह वही आयु वर्ग है, जिसका टीकाकरण हो रहा है। इसलिए वयस्कों में अतिसंवेदनशील आबादी में गिरावट की संभावना है, जबकि, 18 से कम आयु वर्ग की आबादी बिना प्रतिरक्षा के रहेगी और इस तरह अतिसंवेदनशील होगी। इसलिए तीसरी लहर से बच्चों में संक्रमण अधिक होने का खतरा सता रहा है।


कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए क्या है सरकारी इंतजाम

कोरेना की तीसरी लहर आने की संभावना को देखते हुए केंद्र के साथ ही राज्य सरकारों ने भी इससे निपटने के लिए कमर कस ली है। कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने अपने यहां विशेष बैठक करके कोरोना की तीसरी लहर को लेकर समीक्षा की। साथ ही चिकित्सकीय व्यवस्थाओं को पूर्ण रूप से दुरुस्त करने के निर्देश दिए है ताकि तीसरी लहर के दौरान लोगों को असुविधाओं का सामना नहीं करना पड़े। वहीं वैक्सीनेशन को लेकर भी केंद्र के साथ ही राज्य सरकारें भी अधिक-अधिक टीकाकरण पर जोर दे रही है ताकि तीसरी लहर से लोगों को बचाया जा सके। आइए जानते हैं कोरोना की तीसरी लहर के लिए राज्य सरकारों की क्या तैयारियां चल रही है।

 

मध्य प्रदेश : 360 बिस्तरों के साथ आईसीआई वार्ड की तैयारी शुरू

कोरोना की तीसरी लहर की चेतावनी के बाद मध्यप्रदेश सरकार इससे निपटने की तैयारी में जुट गई है। प्रदेश के मेडिकल कॉलेज और कोविड अस्पतालों में सर्वसुविधायुक्त आईसीयू वार्ड तैयार हो रहा है। 360 बिस्तरों के साथ आईसीआई वार्ड की तैयारी शुरू हो गई है। भोपाल के हमीदिया अस्पताल में 50 बिस्तर का बच्चों का आईसी तैयार हो रहा है। इधर चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने संक्रमण से बच्चों के उपचार के लिए अस्पतालों में सभी जरूरी दवाइयां, इंजेक्शन, कंज्यूमेंबल्स के साथ स्वास्थ्य उपकरण उपलब्ध कराने के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। कोविड मरीजों की संख्या बढ़ने से पहले प्रदेश भर के कोविड अस्पतालों में ही बेड और आईसीयू वार्डों की संख्या बढ़ाई जा रही है। प्रदेश के 13 मेडिकल कॉलेज के अस्पतालों में पहले चरण में 1267 बेड बढ़ाए जा रहे हैं। 767, आईसीयू और एचडीयू बेड बढ़ाने तैयारियां शुरू हो गई है। 


विदिशा व राजगढ़ में माइक्रो कंटेंटमेंट जोन बनाने के निर्देश

पिछले दिनों मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वीडियों कांन्फ्रेंस के माध्यम से कोरोना की स्थिति एवं व्यवस्थाओं की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने जिलों की समीक्षा के दौरान विदिशा जिले के 272 गांव, राजगढ़ जिले के 189 गांव एवं सीधी जिले के 245 गांव में कोरोना संक्रमण होने से वहां माइक्रो कंटेंटमेंट जोन बनाकर कोरोना संक्रमण सख्ती से रोकने के निर्देश दिए। सिंगरौली जिले की साप्ताहिक पॉजिटिविटी दर 30.5 प्रतिशत पाए जाने पर विशेष ध्यान दिए जाने के निर्देश दिए। समीक्षा बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि जिन गांवों में कोरोना संक्रमण है, वहां माइक्रो कंटेंटमेंट जोन बनाकर कोरोना संक्रमण को सख्ती से रोका जाए। गांव-गांव में समितियां बनाई जाए तथा घर-घर सर्वे कर प्रत्येक मरीज की पहचान कर तुरंत उपचार किया जाए। श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में मुख्यमंत्री कोविड उपचार  योजना का तत्काल क्रियान्वयन प्रारंभ किया जाए एवं इसका लाभ पहले से भर्ती मरीजों को भी दिया जाए। इस योजना के क्रियान्वयन की समीक्षा प्रतिदिन की जाएगी। 


उत्तप्रदेश : मंडल मुख्यालय में बनेगा 100 बेड का आईसीयू अस्पताल

कोरोना की तीसरी लहर के आने की संभावना को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रत्येक मंडल मुख्यालय में 100 बेड का आईसीयू युक्त अस्पताल बनाने के लिए निर्देश दिए हैं। वहीं कोरोना की दूसरी लहर से कानपुर के बिगड़े हुए हालात से स्वास्थ्य विभाग ने सीख लेते हुए तैयारियां शुरू कर दी है। हैलट अस्पताल में 60 बेड का आईसीयू और प्राइवेट अस्पताल में 40 बेड की व्यवस्था कि जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार अभी 10 बेड की पीआइसीयू बेड उपलब्ध है। 30 बेड अगले एक सप्ताह में तैयार हो जाएंगे। 20 बेड अगले हफ्ते तैयार होंगे। इसी तरह एक माह में कुल 60 बेड का बाल चिकित्सालय तैयार होगा। इसमें सभी आईसीयू बेड होंगे। साथ ही 40 पीडियाट्रिक्स आईसीयू बेड के लिए प्राइवेट अस्पतालों में व्यवस्था की जा रही है। जिला प्रशासन की ओर से कड़े निर्देश जारी किए गए हैं कि हर हाल में निजी अस्पताल 15 दिन के अंदर व्यवस्था पूर्ण कर ले।


दिल्ली : डीडीए की खाली पड़ी जमीनों का किया जाएगा इस्तेमाल

राजधानी दिल्ली में तीसरी लहर को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं। इसी को लेकर डीडीए ने अपनी खाली पड़ी जगहों को सस्ती दरों पर कोविड केयर सेंटरों के लिए देने की पेशकश की है। डीडीए की खाली पड़ी जमीनों पर कोविड केयर सेंटर, कोविड अस्पताल, आइसोलेशन केंद्र, दवा और ऑक्सिजन भंडार गृह, वैक्सीनेशन सेंटर, एंबुलेंस शव वाहन आदि की पार्किंग, मरीजों की गाडिय़ों के लिए पार्किंग, तीमारदारों के लिए वेटिंग रूम आदि तैयार किए जा सकते हैं। मीडिया से मिली जानकारी के मुताबिक, दिल्ली सरकार, नगर निगम, आरडब्ल्यूए, एनजीओ, कंपनियां डीडीए की खाली जमीनों को 6 महीने के लिए किराये पर ले सकती हैं। इन सभी जगहों पर सफाई व बायोमेडिकल वेस्ट के इंतजाम इन्हें किराये पर लेने वालों को ही करना होगा। हालांकि किराये पर देने से पहले उक्त जगह का निरीक्षण भी किया जाएगा। जिसमें यह देखा जाएगा कि उक्त जगह को इन कामों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है या नहीं।


महाराष्ट्र : प्रदेश में ऑक्सीजन प्लांट लगाने का काम शुरू

तीसरी लहर से निपटने की तैयारी शुरू कर दी गई। पिछले दिनों इसकी जानकारी मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मीडिया दी गई जानकारी में बताया कि प्रदेश में हर रोज 3 हजार मीट्रिक टन ऑक्सीजन पैदा करने के लिए प्लांट लगाने का काम शुरू कर दिया दिया है। इस पूरे ऑपरेशन को मिशन ऑक्सीजन नाम दिया गया है। कुछ ही दिनों में प्रदेश में ऐसी स्थिति बनेगी कि यहां ऑक्सीजन की किल्ल हमेशा के लिए खत्म हो जाएगी। उन्होंने कहा कि रेमडेसिवीर भी प्रदेश में पहले के मुकाबले ज्यादा मिल रहा है। अभी भी यह पर्याप्त नहीं है लेकिन कोशिश की जा रही है कि यह पर्याप्त मात्रा में मिलने लगे। बता दें कि कोरोना की दूसरी लहर में लोगों की मौत का प्रमुख कारण ऑक्सीजन की कमी रहा था। इसे लेकर महाराष्ट्र सरकार काफी सचेत है और इसलिए सरकार की ओर से प्रदेश में ऑक्सीजन उत्पादन को बढ़ाने की दिशा में काम किया जा रहा है। 


राजस्थान : गांव में हैल्थ मशीनरी को मजबूत करने के निर्देश

कोरोना की तीसरी लहर के आने की संभावना को मध्यनजर रखते हुए मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने पिछले दिनों अधिकारियों की ली गई बैठक में कहा कि शहरों के साथ-साथ कोरोना संक्रमण गांवों में भी बड़ी तेजी से फैल रहा है। इसके प्रसार को रोकने और संक्रमितों को तत्काल इलाज उपलब्ध कराने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में हैल्थ मशीनरी को पूरी तरह एक्टिव किया जाए। साथ ही लोगों को जागरूक करने और अन्य व्यवस्थाओं के लिए राज्य सरकार के सभी कार्मिकों और पंचायत स्तर के जनप्रतिनिधियों की अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित की जाए। 

गहलोत ने ग्रामीण लोगों को टीकाकरण के प्रति जागरूक करने के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेशवासियों को जल्द से जल्द वैक्सीनेट करने के लिए यदि आवश्यकता है, तो राज्य सरकार विदेशों से आयात पर भी विचार करेगी। इधर  चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि प्रदेश में वैक्सीन अभियान को गति देने के लिए इसके आयात पर विचार किया जा सकता है। डीआरडीओ ने कई जिलों में ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने का आश्वासन दिया है। 

 

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