Published - 29 May 2021 by Tractor Junction
इस समय दुनिया के सभी देश कोरोना की लड़ाई लड़ रहे हैं। लेकिन इन सभी देशों की अपेक्षा भारत में कोरोना ने ज्यादा तबाही मचाई हैं। यहां कोरोना से सबसे अधिक जानें गई और कोरोना संक्रमण के मामले मिले। हालांकि राहत भरी खबर यह रही कि कोरोना से ठीक होने वालों का आंकड़ा अब बढऩे लगा है और संक्रमण की दर भी धीमी हुई है। इन सबके बीच एक बड़ी जानकारी सामने आई है जो कोरोना मरीजों के लिए काफी उपयोगी साबित होगी। मीडिया से मिली जानकारी के मुताबिक रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन की ओर से विकसित की गई कोविड-19 रोधी दवा 2-डीजी जो कोरोना मरीजों के ऑक्सीजन में सुधार करने में का आने वाली दवा है। अब वह बाजार में प्रति पाउच कीमत 990 रुपए की दर से उपलब्ध हो सकेगी। हाल ही मेें इसकी यह बाजार कीमत तय की गई है। वहीं सरकारी अस्पतालों, केंद्र और राज्य सरकारों को ये दवा रियायती कीमत पर उपलब्ध कराई जाएगी। बता दें कि डीआरडीओ ने कोरोना की दूसरी लहर में तेजी से संक्रमित हुए कोरोना मरीजों में कम होते ऑक्सीजन लेवल को बेहतर करने के लिए कोविड-19 रोधी दवा 2-डीजी को लांच किया था। यह दवा कोरोना से पीडि़त लोगों के लिए काफी कारगर रही थी। इसके अच्छे परिणाम मिले थे। डीआरडीओ की ओर से तैयार की गई एंटी कोविड-19 दवा की पहली खेप कुछ दिन पहले ही जारी कर दी गई थी। इस दवा की लॉचिंग के समय केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन भी शामिल थे।
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डीआरडीओ की ओर से विकसित की गई 2-डीजी दवा को भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने 8 मई को इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए मंजूरी दी थी। डीआरडीओ की लैब इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर मेडिसिन एंड एलाइड साइंसेज ने 2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज को हैदराबाद स्थित डॉक्टर रेड्डी लैब के साथ मिलकर तैयार किया गया है।
विशेषज्ञों के अनुसार ये दवा एक तरह का सूडो ग्लूकोज मोलेकल है, जो कोरोना वायरस को बढऩे से रोकता है। ये दवा दुनिया की उन चंद दवाओं में शुमार हो गई है, जो खास तौर पर कोविड को रोकने के लिए बनाई गई हैं। मुंह के जरिये ली जाने वाली इस दवा को कोरोना वायरस के मध्यम से गंभीर लक्षण मरीजों के इलाज में इस्तेमाल करने की अनुमति सहायक पद्धति के रूप में दी गई है।
2-डीजी दवा पाउडर के रूप में पैकेट में आती है, इसे पानी में घोल कर पीना होता है। दवा के असर की बात की जाए तो जिन लक्षण वाले मरीजों का 2डीजी से इलाज किया गया वे मानक इलाज प्रक्रिया (एसओसी) से पहले ठीक हुए। इस दवा को कोरोना वायरस के ग्रोथ को नियंत्रित करने में प्रभावी पाया गया है। डीजीसीआई के मुताबिक इस दवा के प्रयोग से वायरस के ग्रोथ पर प्रभावी नियंत्रण से अस्पताल में भर्ती कोरोना मरीजों के स्वास्थ्य में तेजी से रिकवरी हुई। इसके अलावा यह मेडिकल ऑक्सीजन की जरूरत को कम करता है।
पिछले साल के शुरुआत में महामारी शुरू होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तैयारियां करने का आह्वान किया गया जिसके बाद डीआरडीओ ने इस परियोजना पर काम शुरू किया। अप्रैल 2020 से मार्च 2021 के बीच इस दवा का तीन बार क्लीनिकल ट्रॉयल किया जा चुका है जो इस प्रकार से है-
इस दवा को देश में इमरजेंसी इस्तेमाल की अनुमति दी गई। इसलिए सिर्फ दवा लेना ही काफी नहीं है हमें वैक्सीन भी लगवानी होगी तब ही हम कोरोना से सुरक्षित हो पाएंगे। केंद्र सरकार देश में वैक्सीनाइजेशन पर जोर दे रही है। अब तक 20,89,02,445 लोगों को वैक्सीन दी जा चुकी है। बता दें कि इन दिनों भले ही कोरोना की दूसरी लहर कमजोर पड़ रही है और हर रोज नए दर्ज मामलों में कमी भी देखी जा रही है लेकिन एतियात बरतना अब भी जरूरी है। साथ ही वैक्सीन लगवाना भी। जब तक भारत की अंतिम इकाई तक ये वैक्सीन नहीं लग जाती तब तक हम अपने को कोरोना से सुरक्षित मान सकते हैं।
29 मई 2021 को जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक पिछले 24 घंटों में 1.73 लाख नए मामले आए वहीं 3600 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। शनिवार की सुबह हेल्थ मिनिस्ट्री की जानिब से जारी किए आंकड़ों के मुताबिक पिछले 24 घंटों में 1,73,790 नए कोरोना मरीज सामने आए। जिसके बाद कुल मरीजों की तादाद 2,77,29,247 पहुंच गई। वहीं 3,617 लोगों की मौत के बाद कुल मरने वालों की तादाद 3,22,512 पहुंच गई है। पिछले 24 घंटों में 2,84,601 मरीजों ने कोरोना को शिकस्त दी है। जिसके बाद कुल ठीक होने वाले मरीजों की तादाद 2,51,78,011 पहुंच गई है। एक्टिव केसों की बात करें तो अभी भी देशभर में 22,28,724 केस एक्टिव है जिनका इलाज चल रहा है।
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