लांसेट कोविड-19 कमीशन रिपोर्ट : जून में पहुंच सकता है रोजाना 2500 मौत का आंकड़ा

Share Product Published - 17 Apr 2021 by Tractor Junction

लांसेट कोविड-19 कमीशन रिपोर्ट : जून में पहुंच सकता है रोजाना 2500 मौत का आंकड़ा

मिलने-जुलने पर रोक लगाए सरकार, जानें, क्या है लांसेट कोविड-19 कमीशन की रिपोर्ट

कोरोना की दूसरी लहर ने देश में चारों ओर तांडव मचा रखा है। कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्तियों के आंकड़े लगातार बढ़ते जा रहे हैं। हालात ये हो गए हैं कि हर संक्रमितों लोगों को न अस्पताल में बैड मिल पा रहे हैं, न आक्सीजन और न दवाएं, क्योंकि संक्रमितों का आंकड़ा इतना बढ़ चुका है कि सारे इंतजाम नाकाफी साबित हो रहे हैं। वहीं कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है। 

Buy Used Tractor

 

सबसे पहले सरकार की सभी योजनाओ की जानकारी के लिए डाउनलोड करे, ट्रेक्टर जंक्शन मोबाइल ऍप - http://bit.ly/TJN50K1


भारत की दूसरी कोरोना लहर के प्रबंधन के लिए जरूरी कदम

पिछले 24 घंंटों के दौरान देश में 1338 लोगों की मौत हुई है। इसमें सबसे अधिक 398 महाराष्ट्र से हैं। इस दौरान दिल्ली के 141, छत्तीसगढ़ के 138 यूपी 103, गुजरात 94, कर्नाटक 78, मध्य प्रदेश 60 और पंजाब के 50 लोगों की मौत हुई है। कोरोना से मौतों का सिलसिला जारी है। मीडिया और समाचारपत्रों में प्रकाशित जानकारी के आधार पर भारत में कोरोना संक्रमण की स्थिति को लेकर लांसेंट जर्नल में प्रकाशित हुए एक अध्ययन में यह दावा किया गया है कि जून में हर दिन देश में कोरोना से होने वाली मौतों का आंकड़ा ढाई हजार के पार पहुंच सकता है। ‘भारत की दूसरी कोरोना लहर के प्रबंधन के लिए जरूरी कदम’ शीर्षक वाली इस रिपोर्ट में बताया गया है कि जल्द ही देश में हर दिन औसतन 1750 मरीजों की मौत हो सकती है। रोजाना मौतों की यह संख्या बहुत तेजी से बढ़ते हुए जून के पहले सप्ताह में 2320 तक पहुंच सकती है। रिपोर्ट के मुताबिक, इस बार कोरोना से देश के टीयर-2 व टीयर-3 श्रेणी वाले शहर सबसे ज्यादा संक्रमित हैं। यानी दस लाख तक की आबादी वाले शहरों में इस बार हाल ज्यादा खराब हैं। साथ ही कहा गया है कि भौगोलिक स्थिति के हिसाब से देखें तो पहली लहर और दूसरी लहर में संक्रमणग्रस्त क्षेत्र लगभग वही हैं।


पहली लहर और दूसरी लहर का तुलनात्मक अध्ययन

मीडिया में प्रकाशित लांसेट कोविड-19 कमीशन की रिपोर्ट के अनुसार पहली लहर के दौरान 50 फीसदी मामले 40 जिलों से आते थे जो अब घटकर 20 जिले रह गया है। यानी कुछ जिलों में संक्रमण ज्यादा कहर बरपा रहा है। पिछले साल जब पहली लहर चरम पर थी तब 75 फीसदी मामले 60 से 100 जिलों से दर्ज हो रहे थे। जबकि इस बार इतने ही फीसद केसों में मात्र 20 से 40 जिलों का योगदान है।

पहली लहर के दौरान दस हजार प्रतिदिन नए केसों से 80 हजार प्रतिदिन नए केस होने में 83 दिन का समय लगा था। जबकि इस बार फरवरी से अप्रैल की शुरुआत तक प्रतिदन मामले 80 हजार होने में मात्र 40 दिन लगे। शोध के मुताबिक, इस बार कोरोना के बिना लक्षण वाले मरीज ज्यादा तादाद में मिल रहे हैं जिससे तुलनात्मक रूप से कम मौतें हो रही हैं। जबकि पहली लहर में लक्षण वाले मरीजों की तादाद बहुत अधिक थी जिससे ज्यादा मौतें हो रही थीं। भारत में संक्रमण शुरू होने के बाद केस फैटालिटी रेट 1.3 प्रतिशत बना हुआ है। इस साल जनवरी के बाद से संक्रमित होने वाले मरीजों की केस मृत्यु दर 0.87 प्रतिशत बनी हुई है जो तुलनात्मक रूप से कम है पर जैसे -जैसे संक्रमण बढ़ेगा, इसमें वृद्धि होगी। 10 अप्रैल तक भारत का साप्ताहिक औसत मृत्यु आंकड़ा 664 है।


भारत में कोरोना संक्रमण की स्थिति पर एक नजर

वर्ल्डोमीटर के मुताबिक, देश में शुक्रवार रात 12 बजे तक 24 घंटों में कोरोना के रिकॉर्ड 2,33,757 नए मामले सामने आए, जिससे भारत में कुल संक्रमितों की संख्या बढक़र 1,45,21,683 हो गई। महामारी की शुरुआत से लेकर अब तक एक दिन में नए संक्रमितों की यह सर्वाधिक संख्या है।

लगातार तीसरे दिन नए मामले दो लाख से अधिक दर्ज किए गए। आंकड़ों के मुताबिक, इस अवधि में 1338 मरीजों की मौत हो गई। महामारी से मरने वालों की कुल संख्या बढक़र 1,75,673 हो गई है। इसी के साथ कोरोना के इलाजरत मरीजों की संख्या साढ़े 16 लाख का आंकड़ा पार कर गई है। उपचाराधीन मरीजों की संख्या 16,73,016 दर्ज की गई जो संक्रमण के कुल मामलों का करीब 11.52 प्रतिशत है। कोरोना से स्वस्थ होने वाले लोगों की दर घट कर 87.2 प्रतिशत हो गई है। कोरोना से ठीक होने वाले लोगों की संख्या बढक़र 1,26,66,889 हो गई है और मृत्यु दर गिरकर 1.22 प्रतिशत हो गई है।


कोरोना की दूसरी लहर पर काबू पाने के लिए क्या किए जा सकते हैं प्रयास

  • लांसेट कोविड-19 कमीशन की रिपोर्ट में सलाह दी गई है कि सरकार तालाबंदी न लगाएं, तालाबंदी से गरीबों को नुकसान होगा। स्थानीय स्तर पर पाबंदी से राहत मिल सकती है। स्थानीय सरकारें सबसे संक्रमित स्थानों को आइसोलेट करने, चरणबद्ध पाबंदियां लगाने जैसे कदम उठाएं।
  • सितंबर, 2021 तक भारत सरकार को कोविड-19 जांचों पर 7.8 अरब डॉलर और स्वास्थ्य संसाधनों पर 1.7 अरब डॉलर का खर्च करने की जरूरत है।
  • 45 साल से कम उम्र के लोगों व अन्य रोगों से जूझ रहे लोगों को टीका दिया जाए।
  • अभी हर माह 7-8 करोड़ टीके की डोज बन रही हैं, जिससे घरेलू जरूरत पूरी नहीं हो सकती। भारत बायोटेक अपने उत्पादन को बढ़ाकर 15 करोड़ प्रतिदिन करने वाला है, इससे कुछ राहत मिल सकती है पर वैश्विक मदद के लिए टीके देना भी एक अहम फैक्टर रहेगा।
  • भारत में कोरोना संस्करणों को जांचने को लेकर बहुत कम नमूनों का ही अध्ययन हो रहा है इसलिए जिनोम सीक्वेंसिंग को बढ़ाना चाहिए।
  • घरेलू स्तर पर दस से अधिक लोगों के एक साथ घूमने या बाहर जाने को लेकर पाबंदी लगाने से लाभ होगा।
  • जांच के नियम में बदलाव करते हुए यह शामिल कराना जरूरी है कि जो जांच कराने आया है, क्या उसने टीका ले रखा है।

 

अगर आप अपनी कृषि भूमि, अन्य संपत्ति, पुराने ट्रैक्टर, कृषि उपकरण, दुधारू मवेशी व पशुधन बेचने के इच्छुक हैं और चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा खरीददार आपसे संपर्क करें और आपको अपनी वस्तु का अधिकतम मूल्य मिले तो अपनी बिकाऊ वस्तु की पोस्ट ट्रैक्टर जंक्शन पर नि:शुल्क करें और ट्रैक्टर जंक्शन के खास ऑफर का जमकर फायदा उठाएं।

Quick Links

Call Back Button
scroll to top
Close
Call Now Request Call Back