Published - 30 Apr 2021 by Tractor Junction
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से देश में संक्रमितों का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। रोजाना लाखों की तादाद में लोग संक्रमित हो रहे हैं। वहीं इस संक्रमण से मरने वालों का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है। सरकारी प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं। वहीं अस्पतालों में ऑक्सीजन की किल्लत बनी हुई है। ऐसे में डॉक्टर्स हल्के लक्षण वाले मरीजों को घर पर ही रह कर होम आइसोलेशन में रिकवर होने की सलाह दे रहे है। अभी तक जितने भी मरीज कोरोना से पॉजिटिव आ रहे हैं उनमें फेफड़ों में संक्रमण शिकायत आ रही है जिससे उन्हें सांस लेने में परेशानी होती है। इसलिए यदि किसी मरीज को डॉक्टर ने घर पर आइसोलेशन होने को कहा है तो मरीज के शरीर के ऑक्सीजन लेवल को समय-समय पर जांच करते रहना चाहिए और यदि ऑक्सीजन का लेवल गिर रहा है तो बिना देरी किए मरीज को अस्पताल ले जाना चाहिए। अब प्रश्न उठता है कि हम घर पर ऑक्सीजन के लेवल की जांच कैसे कर सकते हैं तो इसमें आपकी मदद करेगा ये छोटा सा यंत्र पल्स ऑक्सीमीटर जिसकी सहायता से आप घर बैठे अपने शरीर के ऑक्सीजन लेवल चेक कर सकते हैं।
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पल्स ऑक्सीमीटर कपड़े की क्लिप के समान एक छोटा सा उपकरण होता है, इसे पोर्टेबल ऑक्सीमीटर भी कहा जाता है। ऑक्सीजन का स्तर मापने के लिए इसे हाथ की उंगली में फंसाया जाता है और कुछ एक सेकेंड में यह व्यक्ति के ऑक्सीजन स्तर को रीडिंग के माध्यम से स्क्रीन पर शो कर देता है। साथ ही यह शरीर में होने वाले छोटे से छोटे बदलाव को भी पकड़ लेता है।
एक स्वस्थ व्यक्ति का ऑक्सीजन स्तर 95 से 100 के बीच होना चाहिए। यदि कोरोना संक्रमित मरीजों का ऑक्सीजन स्तर 92, 93 आता है तो संक्रमित व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती कराने की आवश्यकता होती है। इसलिए कोरोना संक्रमित व्यक्तियों को हर एक घंटे में ऑक्सीमीटर द्वारा ऑक्सीजन स्तर की जांच करनी चाहिए।
पल्स ऑक्सीमीटर ऑन करने पर अंदर की ओर एक लाइट जलती हुई दिखाई देती है। यह आपकी त्वचा पर लाइट छोड़ता है और ब्लड सेल्स के रंग और उनके मूवमेंट को डिटेक्ट करता है। आपके जिन ब्लड सेल्स में ऑक्सीजन ठीक मात्रा में होती है वे चमकदार लाल दिखाई देती हैं, जबकि बाकी हिस्सा गहरा लाल दिखता है। बढिय़ा ऑक्सीजन मात्रा वाले ब्लड सेल्स और अन्य ब्लड सेल्स यानी कि चमकदार लाल और गहरे लाल ब्लड सेल्स के अनुपात के आधार पर ही ऑक्सीमीटर डिवाइस ऑक्सीजन सैचुरेशन को फीसदी में कैलकुलेट करती है और डिस्प्ले में रीडिंग बता देती है। इससे यह पता चलता है कि लाल रक्त कोशिकाएं (आरबीसी) कितना ऑक्सीजन ह्रदय से शरीर के अन्य भाग में पहुंचा रही हैं। इसमें फोटो इलेक्ट्रिक उपकरण होता है जो ऑक्सीजन सैचुरेशन के साथ हार्ट बीट को भी चेक करता है। ध्यान रखें कि आप एक ही उंगली को ऑक्सीमीटर में फंसा कर ऑक्सीजन लेवल की जांच करें। जांच के दौरान ऑक्सीमीटर में अपनी उंगली ठीक से सेट करें। ऐसा न करने पर रीडिंग गलत हो सकती है।
कोरोना के हल्के लक्षण वाले मरीजों जो होम आइसोलेशन हैं उन्हें डाक्टर्स पल्स ऑक्सीमीटर रखने की सलाह देते हैं। इस दौरान मरीज का हर घंटे बाद ऑक्सीजन का लेवल चेक करना जरूरी होता है ताकि ऑक्सीजन लेवल गिरने पर उसे समय पर अस्पताल में भर्ती करवाकर उसकी जान बचाई जा सके। लेकिन वर्तमान में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए डॉक्टर्स सभी लोगों को अपने घर में पल्स ऑक्सीमीटर रखने की सलाह दे रहे हैं ताकि उन्हें पता रहे कि मरीज को कब अस्पताल लेकर जाना है। बता दें कि इन दिनों अस्पताल में बैड और ऑक्सीजन की कमी के कारण सिर्फ कोरोना से संक्रमित गंभीर मरीजों को ही भर्ती किया जा रहा है। वहीं हल्के लक्षण वाले मरीजों को होम आइसोलेशन की सलाह दी जा रही है। ऐसे में हमारे घर पर पल्स ऑक्सीमीटर होना जरूरी है।
ये डिवाइस किसी भी बड़ी मेडिकल दुकान में मिल जाती है या इसे ऑनलाइन भी मंगवाया जा सकता है। इसकी कीमत की बात करें तो इन दिनों मार्केट में कई ब्रांड के पल्स ऑक्सीमीटर उपलब्ध हैं। आप डॉक्टर की सलाह पर किसी भी ब्रांड का पल्स ऑक्सीमीटर खरीद सकते हैं। अब बात करें इसकी कीमत की तो इस समय मार्केट में 1 हजार से लेकर 3 हजार रुपए तक की कीमत के पल्स ऑक्सीमीटर मिल रहे हैं।
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