एक ही ट्रैक्टर का दो बार फाइनेंस कराकर किसान से 5 लाख की ठगी

Share Product Published - 25 Jun 2021 by Tractor Junction

एक ही ट्रैक्टर का दो बार फाइनेंस कराकर किसान से 5 लाख की ठगी

जानें, क्या है पूरा मामला और किसान क्या रखें सावधानियां

किसान से धोखाधड़ी (Fraud with farmer) की घटनाएं बढऩे लगी है। कई कंपनियां अपने लाभ के लिए भोले-भाले किसानों से सुयोनिजित तरीके से धोखाधड़ी करती हैं और किसान इन लोगों के जाल में फंस जाता है जिससे उसे आर्थिक हानि उठानी पड़ती है। कई घटनाएं तो ऐसी होती है कि किसान को खुद पता नहीं चल पाता कि उसके साथ किस तरह से धोखाधड़ी कर उसकी मेहनत की कमाई को हड़पा जा रहा है। ऐसा ही एक मामला छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले के शंकरगढ़ से सामने आया है। एक ट्रैक्टर फाइनेंस कंपनी के एजेंट और डीलर ने किसान से धोखाधड़ी कर एक ही ट्रैक्टर को दो बार फाइनेंस करा कर 4.80 लाख रुपए की चपत लगाई। मामले का खुलासा होने पर शंकरगढ़ पुलिस ने एजेंट और डीलर के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है।

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क्या है मामला

मीडिया में प्रकाशित खबरों के अनुसार बलरामपुर जिले के शंकरगढ़ थाना क्षेत्र के गांव डीपाडीहखुर्द के नवापारा निवासी रामकेश्वर लकड़ा खेती-किसानी का काम करते हैं। उन्होंने कृषि कार्य के लिए ट्रैक्टर खरीदने के लिए साल 2019 में अपने पास के गांव जगिमा निवासी विनोद यादव से संपर्क किया जो बलरापुर की कुष्मांडा ट्रैक्टर एजेंसी के शंकरगढ़ बचवार शाखा में ट्रैक्टर एजेंट हैं। उसने उनका संपर्क एक अन्य एजेंट वाड्रफनगर निवासी वृषकेशु सिंह और  ट्रैक्टर डीलर कमलेश सिंह परमार से कराया। इसके बाद किसान को स्वराज कंपनी का ट्रैक्टर 6 लाख 50 हजार रुपए में देने की बात तय हुई। इसकी मार्जिन राशि 1 लाख 70 हजार रुपए किसान द्वारा नकद जमा कर शेष राशि 4 लाख 30 हजार रुपए महिंद्रा एंड महिंद्रा फाइनेंसियल सर्विस लिमिटेड से फाइनेंस कराए गए। इसमें 6 माह में 10 किस्तों में ट्रैक्टर लोन राशि जमा कराना सुनिश्चित किया गया। लेकिन रामकेश्वर को बिना पूर्व सूचना दिए ट्रैक्टर एजेंसी द्वारा छलपूर्वक अन्य फाइनेंस कंपनी कोटक महिंद्रा से भी करीब 5 लाख रुपए फाइनेंस कराकर गबन कर लिया गया। इस तरह से एक ट्रैक्टर का दो बार फाइनेंस करा कर किसान के साथ करीब 5 लाख रुपए की धोखाधड़ी कर ली गई। प्रथम फाइनेंस कंपनी महिंद्रा एंड महिंद्रा कंपनी के किस्तों को किसान की ओर से नियमित रूप से जमा कराया जा रहा था। लेकिन इसी बीच कोटक महिंद्रा कंपनी के अधिकारी कर्मचारियों ने 18 दिसंबर 2020 को अचनाक नोटिस दिखाकर जबरन ट्रैक्टर जब्त कर लिया। 


किसान की शिकायत पर पुलिस ने किया मामला दर्ज

किसान मामले को शांतिपूर्वक सुलझाना चाहता था। इसलिए उसने एजेंट विनोद यादव, वृषकेशु सिंह एवं डीलर कमकेश सिंह परमार से जल्द मामले को आपसी समझाइश से सुलझाने की बात कही। लेकिन इन लोगों ने किसान की बातों को अनसुना कर दिया और किसान रामकेश्वर लकड़ा को धमकी देने लगे। इस पर पीडि़त किसान ने इन लोगों के खिलाफ थाने में शिकायत की। इस पर पुलिस ने  किसान से आवश्यक दस्तावेज लेकर जांच की तो प्रथम दृष्टा राशि की हेराफेरी किए जाने का मामला सामने आया। इस पर पुलिस ने आरोपी एजेंट वृषकेश सिंह और कमलेश सिंह परमार के खिलाफ धारा 420 के तहत मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस मामले की गहनता से जांच कर रही है। 


किसानों के साथ धोखाधड़ी के कई मामले पहले भी सामने आए

  • छत्तीसगढ़ में इससे पहले भी कई मामले ठगी के सामने आ चुके हैं जिनमें ट्रैक्टर के लिए फाइनेंस के नाम किसानों से धोखाधड़ी की गई। 
  • दो साल पहले छत्तीसगढ़ के तोकापाल ब्लॉक के साकर गांव में रहने वाला किसान मंगल राम पोडय़ामी, केसीसी के तहत जमीन गिरवी रख चार लाख रुपए का कर्ज लिया। यह चार लाख सिंडिकेट से जुड़े लोगों ने मंगल के खाते के बदले सीधे बैंक से ही ट्रैक्टर बेचने वाले के खाते में ट्रांसफर करवा दिए। ट्रैक्टर खरीदने के चक्कर में मंगल राम दोहरे कर्ज आ गए।
  • ऐसा ही एक मामला दरभा ब्लाक के चंद्रगिरी के रहने वाले किसान जोगा को भी सिंडिकेट के सदस्यों ने बिचौलिए के माध्यम से फंसाया। जोगा को भी केसीसी से तीन लाख रुपए दिलाए गए और रकम बैंक से ही सीधे ट्रैक्टर एजेंसी के खाते में ट्रांसफर हो गई। जिससे जोगा दोहरे कर्ज में आ गए।
  • वहीं दरभा के ही चंद्रगिरी में रहने वाले किसान महादेव को भी दोहरे कर्ज में फंसाया गया। पहले महादेव की जमीन के आधार पर केसीसी से लोन लिया गया और कर्ज के रूप में जो पैसे मिले उसे ट्रैक्टर खरीदने के लिए सीधे बैंक से ही संबंधित ट्रैक्टर एजेंसी के खाते में ट्रांसफर कर दिया गया।


धोखाधड़ी से बचने के लिए किसान क्या रखें सावधानियां

  • किसानों भाइयों को चाहिए कि वे सही एजेंट और डीलर से संपर्क करें और उनसे फाइनेंस से संबंधित हर बात पर चर्चा करें। जैसे कि किन फाइनेंस कंपनियों (Finance companies) से फाइनेंस कराया जा रहा है और कितना।
  • किसी भी कागजात पर साइन करने से पहले उसे अवश्य पढ़े। कहीं भी ऐसा लगे कि कुछ मामला गड़बड़ है तो तुरंत संबंधित अधिकारी से इसकी शिकायत करें।   
  • जिस कंपनी से फाइनेंस कराया गया है उनका नंबर अपने पास रखें और आवश्यकता पडऩे पर फोन करके जानकारी लें। 

 

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