Published - 15 Apr 2021 by Tractor Junction
भारत में कोरोना की दूसरी लहर ने विकराल रूप ले लिया है। हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। इस बार कोविड-19 वायरस की संक्रमण फैलाने की क्षमता पहले से कई गुना ज्यादा बढ़ गई हैं। इसका अंदाजा आप इससे लगा सकते हैं कि यदि आप किसी कोरोना पीडि़त के संपर्क मेें एक मिनट भी आते हैं तो ये आपको संक्रमित करने के लिए काफी है। यही नहीं कि इससे आप ही संक्रमित होंगे, आपका पूरा परिवार भी सिर्फ कुछ मिनटों में आपके संपर्क में आने से संक्रमित हो जाएगा। यह बात हम आपको डराने के लिए नहीं सिर्फ आपको सतर्क रहने के लिए बता रहे हैं क्योंकि हाल ही में एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है।
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मीडिया से मिली जानकारी के आधार पर एनबीटी की रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली के बीएलके सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के रेस्पेरेटरी एक्सपर्ट डॉ. संजीव नय्यर ने इस संबंध में जानकारी दी है। उनका कहना है कि कोरोना वायरस बहुत तेजी से फैल रहा है। इस बार यह इतना शक्तिशाली है कि किसी को भी यह सिर्फ एक मिनट में संक्रमित कर दे रहा है। उनके अनुसार पिछली बार ऐसा नहीं था। पहले कोरोना संक्रमित के संपर्क में आने पर इससे संक्रमित होने में 10 मिनट लग रहे थे। वहीं एक अन्य डॉक्टर ने जानकारी दी है कि इस समय दिल्ली में 30 से 40 साल के युवा सबसे ज्यादा संक्रमित हो रहे हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि ये लोग ही बाहर अधिक निकल रहे हैं। हालात यह है कि अगर घर पर कोई एक व्यक्ति कोरोना संक्रमित होता है तो पूरा का पूरा परिवार ही पॉजिटिव पाया जा रहा है। इस बार आइसोलेशन में जाने के बावजूद घर पर रहने वाले अन्य लोग कोरोना संक्रमित हो रहे हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार इस बार कोरोना से संक्रमित व्यक्ति के लक्षण भी पहले से काफी भिन्न है। पहले कोरोना से संक्रमित व्यक्ति को सांस लेने परेशानी होती थी लेकिन इस बार का नया स्ट्रेन मुख्य रूप से वायरल बुखार के साथ, डायरिया, पेट दर्द, उल्टी दस्त, अपच गैस, एसिडिटी, भूख न लगना और बदन दर्द जैसे लक्षण के साथ सामने आया था लेकिन जैसे जैसे कोरोना का संक्रमण फैल रहा है कुछ और लक्षण भी सामने आने लगे हैं। इस बार तो उल्टी और दस्त की परेशानी भी हो रही है। साथ ही त्वचा पर लाल चकत्ते पड़ रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे कई मरीज हमारे सामने हैं जिन्हें दोनों कान से सुनना काफी कम हो गया है। इसके अलावा कुछ कोरोना संक्रमित मरीजों की ओर से दिखाई कम देने की भी शिकायतें सामने आई है।
चिकित्सकों का कहना है कि गंभीर हालत होने पर शरीर के कई अंग प्रभावित होने लगते हैं ऐसे में कान और आंख पर भी असर दिखाई दे रहा है। डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ में मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉक्टर विक्रम सिंह के मुताबिक कोरोना का दूसरा स्ट्रेन तेजी से लोगों को बीमार कर रहा है। ज्यादातर मरीजों में उलटी-दस्त, अपच,गैस, एसिडिटी के अलावा बदन दर्द और मांसपेशियों में अकडऩ तथा सुनने में परेशानी की शिकायत सुनने को मिल रही है।
स्वास्थ्य मंत्रालय की आंकड़ों अनुसार बुधवार को देश में कोरोना के 1 लाख 99 हजार 569 नए मामले दर्ज किए गए हैं। यह महामारी की शुरुआत से लेकर अब तक एक दिन में मिलने वाले नए कोरोना संक्रमितों का सर्वाधिक आंकड़ा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक पिछले 24 घंटे में 1037 लोगों की मौत हुई है। नए मामले सामने आने के बाद देश में कुल संक्रमितों की संख्या बढक़र 1 करोड़ 40 लाख 70 हजार 300 हो गई है। कोरोना से पीडि़त लोगों के ठीक होने की दर और गिरकर 89.51 प्रतिशत रह गई है।
कोरोना के बढ़ते मामलों को देखने के बाद डॉक्टरों का कहना है कि लापरवाही को छोडक़र कोरोना के प्रोटोकॉल का पालन करना ही एक मात्र उपाय है। इसमें स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना जरूरी है। प्रोटोकॉल के अनुसार बार-बार साबुन से हाथ धोना, मास्क लगाना और दो गज की दूरी रखना जैसे नियमों का पालन बेहद जरूरी है। वहीं डॉक्टरों का कहना है कि नए वैरिएंट के मामले में राहत देने वाली बात यह है कि नया स्ट्रेन अगर रोगी की प्रतिरोधक क्षमता ठीक है तो अधिक समय तक परेशान नहीं करता और अधिकतम पांच से छह दिनों में सामान्य भी होने लगता है।
चिकित्सकों के अनुसार कोरोना की दूसरी लहर से तेजी से फैल रहे संक्रमण से बचाव के लिए मास्क पहनना बेहद जरूरी है। अब प्रश्न ये उठता है कि क्या, हम जो मास्क यूज कर रहे हैं वे हमें कोरोना से बचाएगा? एक्सपर्ट्स की मानें तो वे सर्जिकल मास्क पहनने को सही नहीं मानते है। क्योंकि स्टैंडर्ड सर्जिकल मास्क कागज जैसे मटेरियल का बना होता है।
सर्जिकल मास्क नाक और मुंह को पूरी तरह से कवर नहीं करते हैं। सर्जिकल मास्क पहनने पर साइड से कुछ गैप रह जाता है, जिससे वायरस का खतरा और बढ़ जाता है। सर्जिकल मास्क के ऊपर अगर कपड़े वाले मास्क का इस्तेमाल किया जाए तो किसी भी तरह के वायरस से बचा जा सकता है। इससे ये साबित होती है कि सर्जिकल मास्क से ज्यादा कपड़े का मास्क संक्रमण को रोकने में ज्यादा कारगर है। कोरोना की दूसरी लहर के संक्रमण को देखते हुए दो मास्क लगाने की भी सलाह दी जा रही है। इसके पीछे तर्क ये हैं कि वर्तमान में कोरोना का संक्रमण जिस तरह तेजी से फैल रहा है ऐसे में अभी जिस तरह से हम मास्क लगाते हैं उससे किनारों के गैप से कोरोना के शरीर में प्रवेश की गुंजाइश बढ़ जाती है। डबल मास्किंग से मास्क के किनारों में गैप रह जाने की गुंजाइश लगभग खत्म हो जाती है और आप काफी हद तक सुरक्षित हो जाते हैं।
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