प्रकाशित - 22 Jun 2024
ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
सरकार की ओर से खेती-किसानी में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं ताकि पुरुष किसान के साथ ही महिला किसान भी खेतीबाड़ी के काम से अच्छी इनकम प्राप्त कर सके और आत्मनिर्भर बनें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लखपति दीदी योजना (Lakhpati Didi Yojana) के बाद अब कृषि सखी योजना की काफी चर्चा है। पिछले दिनों केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कृषि सखी योजना (Krishi Sakhi Yojana) को लखपति दीदी योजना का एक आयाम बताया था।
वहीं 18 जून को पीएम मोदी ने पीएम किसान योजना (PM Kisan Yojana) के तहत पीएम किसान सम्मान निधि की राशि जारी करने दौरान करीब 30,000 कृषि सखियों को प्रमाण-पत्र प्रदान किए थे। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि सखी पहल को 3 करोड़ लखपति दीदी बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम बताया।
कृषि सखी योजना (Krishi Sakhi Yojana) के तहत ग्रामीण महिलाएं किस तरह अन्य किसानों का सहयोग कर खेती में उत्पादन को बढ़ाने में सहायता कर सकती है, इस बात का प्रशिक्षण दिया जाता है। देश में फसल उत्पादन बढ़ाने और खेती में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करना ही इस योजना का लक्ष्य है। कृषि सखी के माध्यम से खेती-किसानी के काम को आसान बनाया जा रहा है। इस योजना के तहत महिलाओं को कृषि क्षेत्र के विभिन्न विषयों पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके लिए 30 अगस्त 2023 को कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय एवं ग्रामीण विकास मंत्रालय के बीच एमओयू किया गया है। इसके तहत प्रशिक्षित महिलाओं को कृषि सखी सर्टिफिकेशन कार्यक्रम चलाया जा रहा है।
सरकार की ओर से चलाए जा रहे कृषि सखी कार्यक्रम में अभी तक 70,000 प्रशिक्षण प्राप्त कृषि सखियों मे से 34,000 कृषि सखियों को पैरा विस्तार कार्यकर्ता के रूप में प्रमाणित किया जा चुका है। अब शेष रही कृषि सखियों को भी प्रमाण-पत्र वितरित किए जाएंगे ताकि वे भी कृषि क्षेत्र में अपना योगदान दे सकें।
यदि आप भी कृषि सखी (Krishi Sakhi) बनकर कृषि के कामों में सहायता देना चाहती हैं तो आपको इसके लिए प्रशिक्षण लेना होगा। प्रशिक्षण के उपरांत आपको प्रमाण-पत्र प्रदान किया जाएगा। प्रमाण-पत्र मिलने के बाद आप कृषि सखी के रूप में काम कर सकेंगी। कृषि सखी कार्यक्रम के तहत महिलाओं को कृषि से संबंधित विभिन्न विषय में से किसी एक विषय पर 56 दिन का प्रशिक्षण प्राप्त करना होता है। इसके बाद परीक्षा होती है। यदि आप परीक्षा में पास हो जाती है तो आपको कृषि सखी का प्रमाण-पत्र प्रदान किया जाता है। कृषि सखी सर्टिफिकेशन कार्यक्रम (Krishi Sakhi Certification Programme) का उद्देश्य कृषि सखियों को प्रशिक्षण और प्रमाण-पत्र प्रदान करने साथ ही उन्हें कृषि पैरा-एक्सटेंशन सहायक बनाना है। कृषि सखी सर्टिफिकेशन कार्यक्रम लखपति दीदी योजना के उद्देश्यों को भी पूरा करता है।
वर्तमान समय में कृषि सखी कार्यक्रम के लिए देश के 12 राज्यों चयन किया गया है। इसमें राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, तमिलनाडु, झारखंड, आंध्रप्रदेश, ओडिशा व मेघालय राज्य शामिल किए गए हैं जिनमें यह प्रशिक्षण दिया जाएगा।
देश की महिलाओं को कृषि में अपना योगदान देने के साथ ही अपनी आमदनी बढ़ाने को लेकर उन्हें कृषि से संबंधित विभिन्न विषयों का प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह प्रशिक्षण 56 दिनों का होगा। कार्यक्रम के तहत जिन विषयों का प्रशिक्षण दिया जाएगा, उसका विवरण इस प्रकार से है-
इसके अलावा अभी कई कृषि सखियों को मनरेगा और डे-एनआरएलएम के माध्यम से प्राकृतिक खेती और मृदा स्वास्थ्य पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
सबसे पहले कृषि सखी (Krishi Sakhi) बनने के लिए सरकार की ओर से प्रशिक्षण लेना जरूरी है। प्रशिक्षण के बाद कृषि सखियों को एक परीक्षा देनी होती है। परीक्षा पास होने पर उन्हें पैरा विस्तार कार्यकर्ता के रूप में प्रमाणित किया जाता है ताकि वे निर्धारित संसाधन शुल्क पर कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं की गतिविधियों में भाग ले सकें। कृषि मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के मुताबिक एक कृषि सखी एक वर्ष में औसतन 60 से 80 हजार रुपए तक की कमाई कर सकती है।
वर्तमान में MOVCDNER (पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए जैविक मूल्य श्रृंखला विकास मिशन) की योजना के तहत 30 कृषि सखियां लोकल रिसोर्सेस पर्सन (एलआरपी) के रूप में काम कर रही हैं, जो हर महीने में एक बार प्रत्येक खेत पर जाकर कृषि गतिविधियों की निगरानी करती हैं और किसानों के सामने आने वाली चुनौतियों को समझती हैं। वे किसान को प्रशिक्षित करने, किसान के सामने आने वाली चुनौतियों, एफपीओ के कामकाज एवं विपणन गतिविधियों को समझने और किसान डायरी रखने के लिए हर हफ्ते किसान हित समूह (एफआईजी) स्तर की बैठकें भी आयोजित करती हैं। इस काम के लिए कृषि सखियों को हर महीने 4,500 रुपए का संसाधन शुल्क मिल रहा है।
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