औषधीय एवं सुगंधित फसल क्षेत्र विस्तार योजना : जानें खास बातें
ट्रैक्टर जंक्शन पर किसान भाइयों का स्वागत है। देश - दुनिया में हर्बल उत्पादों की बढ़ती मांग के कारण देश के विभिन्न क्षेत्रों में किसान परंपरागत खेती के अलावा औषधीय और जड़ी-बूटियों की तरफ भी अपना रूख कर रहे हैं। कोरोना संक्रमण काल में कोरोना वायरस के उपचार के लिए देश-दुनिया भारतीय आयुर्वेद को आशाभरी दृष्टि से देख रही है। आयुर्वेद पद्धति से देश में सैकड़ों मरीजों को ठीक करने का दावा भी किया जा रहा है। ऐसे में केंद्र व राज्य सरकारों द्वारा औषधीय खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत है। सरकार की ओर से औषधीय फसलों की खेती करने पर अनुदान भी किया जा रहा है।
यह अनुदान 50 फीसदी तक है। देश-विदेश में औषधीय फसलों की मांग होने के कारण किसान इनकी खेती से कई गुना ज्यादा मुनाफा कमा रहे हैं, तो आज हम ऐस ही एक योजना की बात करते हैं। इन दिनों मध्यप्रदेश सरकार की ओर से किसानों को हर्बल खेती के लिए अनुदान उपलब्ध कराया जा रहा है। अनुदान मिलने के बाद किसानों खेती में कम खर्च करना होगा। मध्यप्रदेश में औषधीय एवं सुगंधित फसल क्षेत्र विस्तार योजना के तहत आवेदन मांगे जा रहे हैं।
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आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत हर्बल खेती के लिए सब्सिडी
कोरोना लॉकडाउन के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने 20 लाख करोड़ रुपए के राहत पैकेज की घोषणा की थी। इसे अलग-अलग सेक्टरों में खर्च किया जाना है। इस राहत पैकेज के तहत वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने हर्बल खेती को बढ़ावा देने के लिए चार हज़ार करोड़ रुपये के फंड का ऐलान किया था। इससे 10 लाख हेक्टेयर ज़मीन में हर्बल खेती हो पाएगी। इससे किसानों को पांच हज़ार करोड़ रुपये के लगभग आय होगी। औषधीय पौधों की खेती के लिए स्थानीय किसानों और मंडियों को प्रोत्साहित किए जाने की योजना है। गंगा के किनारे 800 एकड़ की ज़मीन में हर्बल खेती के लिए कॉरिडोर बनाया जाएगा। औषधीय खेती के बारे में सरकार की ओर से सब्सिडी भी उपलब्ध कराई जाएगी।
औषधीय एवं सुगंधित फसल क्षेत्र विस्तार योजना
औषधीय एवं सुगंधित फसल क्षेत्र विस्तार योजना मध्यप्रदेश सरकार की योजना है। मध्यप्रदेश सरकार औषधीय पौधों की खेती को बढ़ावा देने के लिए इस योजना के तहत किसानों को अनुदान देती है। योजना के अनुसार किसानों को क्षेत्र के अनुकूल औषधीय एवं सुगंधित फसल के क्षेत्र विस्तार के लिए 20 से 50 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाता है। योजना में प्रत्येक किसान को 0.25 हेक्टेयर से 2 हेक्टेयर तक लाभ देने का प्रस्ताव है। मध्यप्रदेश सरकार के उद्यानिकी विभाग द्वारा किसानों से औषधीय एवं सुगंधित फसल क्षेत्र विस्तार योजना एवं नश्वर उत्पादों की भंडारण क्षमता की वृद्धि की विशेष योजना के तहत किसानों से आवेदन आमंत्रित किए गए हैं।
मध्यप्रदेश के किसान इन औषधीय फसलों के लिए कर सकते हैं आवेदन
मध्यप्रदेश के किसान औषधीय एवं सुगंधित फसल क्षेत्र विस्तार योजना के तहत छह औषधीय फसलों के लिए आवेदन कर सकते हैं। आवेदन 15 जून से शुरू हुए हैं। किसान अश्वगंधा, तुलसी, स्टीविया, सतावर, कालमेघ और गुग्गल की खेती के लिए आवेदन कर सकते हैं।
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औषधीय फसलों की सब्सिडी के लिए आवेदन / Aushadhiya Kheti
मध्यप्रदेश सरकार ने फिलहाल औषधीय फसलों की खेती के लिए सब्सिडी देने के लिए चार जिलों के किसानों से आवेदन मांगें हैं। इन जिलों में श्योपुर, शिवपुरी, मुरैना व अनूपपुर शामिल है। अश्वगंधा, तुलसी व स्टीविया के लिए श्योपुर जिले के सभी वर्ग के किसान आवेदन कर सकते हैं। वहीं सतावर की खेती के लिए सामान्य वर्ग के किसान आवेदन कर सकते हैं। शिवपुरी जिले के सभी वर्गों के किसान कालमेघ, तुलसी व स्टीविया के लिए आवेदन कर सकते हैं। मुरैना जिले के सामान्य वर्ग के किसान गुग्गल की खेती के लिए आवेदन कर सकते हैं। अनूपपुर के सभी वर्गों के किसान स्टीविया के लिए आवेदन कर सकते हैं। औषधीय एवं सुगन्धित फसल क्षेत्र विस्तार योजना के लिए राज्य के किसानों के लिए 15 जून से आवेदन प्रक्रिया शुरू हो गई है। आवेदन लक्ष्य पूरा होने तक जारी रहेगा तथा लक्ष्य से 10 प्रतिशत अधिक तक आवेदन स्वीकार किए जाएंगे।
औषधीय एवं सुगंधित फसल क्षेत्र विस्तार योजना के नियम और शर्तें
- यह योजना सभी वर्ग के किसानों के लिए है। किसान को आधार नंबर सहित ऑनलाइन आवेदन करना हेगा।
- आवेदक किसान के पास कम से कम दो हेक्टेयर भूमि होनी चाहिए।
- योजना के तहत किसान निजी भूमि पर ही औषधीय पौधों की खेती कर सकता है।
- आवेदक के पास सिंचाई के पर्याप्त साधन उपलब्ध होने चाहिए।
- वनाधिकार प्रमाण पत्र प्राप्त आदिवासियों को भी अनुदान की पात्रता होगी।
औषधीय पौधों पर अनुदान के लिए आवदेन
उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग मध्यप्रदेश ने किसानों से आवेदन आमंत्रित किए हैं। किसान भाई योजना के विषय में अधिक जानकारी पा्रप्त करना चाहते हैं उद्यानिकी विभाग मध्यप्रदेश की वेबसाइट पर सर्च कर सकते हैं। इसके अलावा जिला उद्यानिकी विभाग से संपर्क कर सकते हैं। मध्य प्रदेश में किसानों को आवेदन करने के लिए आनलाइन पंजीयन उद्यानिकी विभाग मध्यप्रदेश फार्मर्स सब्सिडी ट्रैकिंग सिस्टम https://mpfsts.mp.gov.in/mphd/#/ पर लॉगिन करना होगा।
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