पानी बचाने की मुहिम रंग लाई, ‘मेरा पानी-मेरी विरासत’ योजना 2020 से जुड़े 53,000 से अधिक किसान
हरियाणा सरकार की ‘मेरा पानी-मेरी विरासत’योजना रंग लाने लगी है। किसान पानी का महत्व समझते हुए इस योजना से जुडऩा शुरू हो गए है। इस योजना से अब तक करीब 53,000 से अधिक किसान जुड़ चुके हैं और अन्य किसान भी इससे जुड़ रहे हैं। इससे इस अभियान को बल मिल रहा है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य पानी बचाना है। देश में जल के अत्यधिक दोहन से प्रतिवर्ष भूमि में जल स्तर गिराता जा रहा है। गिरते जल स्तर के कारण कृषि के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी किसानों को नहीं मिल पा रहा है। ऐसे हालातों में पानी की बचत ही एक रास्ता है जिसे लोगों को समझाना चाहिए क्योंकि अब भूमि पर सीमित मात्रा में ही पानी है जिसका मित्तव्यतापूर्ण उपयोग किया जाना आवश्यक है। जल का उत्पादन नहीं किया जा सकता अपितु इसका संरक्षण कर के इसे बचाया जरूर जा सकता है। जल संरक्षण के लिए सरकार समय-समय पर जागरुकता के लिए कार्यक्रम आयोजित कर किसानों को समझाइश करती है।
इसके अलावा सरकार की ओर से ड्रिप सिंचाई, फव्वारा सिंचाई आदि पानी बचाने वाले कृषि यंत्रों पर अनुदान भी दिया जाता है। इसके बावजूद आज पानी की कमी से किसानों को जुझना पड़ रहा है। आज हालत ये है कि अधिक पानी में उगने वाली फसलों के लिए पानी मुहैया करना राज्य सरकारों के बूते से बाहर होता जा रहा है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए हरियाणा सरकार ने ‘मेरा पानी-मेरी विरासत’योजना शुरू कर किसानों को कम पानी में उगने वाली फसलें जैसे कपास, दालों और बाजरा आदि उगाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। गिरते जल स्तर को देखते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने किसानों से क्षेत्र में धान की खेती नहीं करने का आह्वान किया है। वहीं यह विकल्प भी दिया है कि यदि किसान धान की जगह किसी अन्य कम पानी में उगने वाली उपज उगाता है तो उसे प्रति एकड़ 7 हजार रुपए का अनुदान दिया जाएगा। इसके अलावा बागवानी अपनाने वाले किसानों को 30 हजार रुपए प्रति एकड़ अनुदान देने का इंतजाम भी सरकार द्वारा किया गया है।
सबसे पहले सरकार की सभी योजनाओ की जानकारी के लिए डाउनलोड करे, ट्रेक्टर जंक्शन मोबाइल ऍप - http://bit.ly/TJN50K1
किसान क्यों नहीं करे धान की खेती
हरियाणा में भू-जल स्तर रिकॉर्ड 81 मीटर (265.748 फुट) से नीचे चला गया है। पिछले एक दशक में लगभग दो गुना संकट बढ़ा है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के मुताबिक 10 साल पहले यहां का भू-जल 40 से 50 मीटर नीचे मिला करता था। जाहिर है कि अत्यधिक दोहन से ऐसे हालात पैदा हुए हैं। माना जा रहा है कि सबसे ज्यादा पानी का दोहन यहां कृषि क्षेत्र में हुआ है। कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक एक किलोग्राम चावल पैदा करने में 5000 लीटर तक पानी की जरूरत होती है। ऐसे में अब सरकार ने धान की खेती नहीं करने की नीति बनाई है जिससे इससे बचे पानी से अन्य फसलें उगाई जा सके।
क्या है ‘मेरा पानी-मेरी विरासत’योजना ( Mera Pani Meri Virasat )
हरियाणा राज्य सरकार द्वारा जल संरक्षण के उद्देश्य से ‘मेरा पानी मेरी विरासत’ योजना की शुरुआत की गई है।
इस योजना के माध्यम से राज्य सरकार पानी की अधिक खपत वाले धान के स्थान पर ऐसी फसलों को प्रोत्साहित करेगी जिनके लिये कम पानी की आवश्यकता होती है।
योजना के तहत, आगामी खरीफ सीजन के दौरान धान के अलावा अन्य वैकल्पिक फसलों की बुवाई करने वाले किसानों को प्रोत्साहन राशि के रूप में प्रति एकड़ 7,000 रुपए की राशि दी जाएगी।
प्रदेश के इन आठ ब्लॉकों में लागू है ये योजना
प्रदेश के वो 8 ब्लॉक इसके लिए चयनित किए गए हैं इनमें रतिया, सीवान, गुहला, पीपली, शाहबाद, बबैन, ईस्माइलाबाद व सिरसा को शामिल किया गया है। यहां धान की बिजाई होती है। इनमें किसानों को बागवानी अपनाने के लिए 30 हजार रुपए प्रति एकड़ अनुदान देने का इंतजाम किया गया है। इसके अलावा तीन ब्लॉक में विशेष छूट भी दी गई है। इसमेें रतिया, इस्माइलाबाद और गुहला ब्लॉक शामिल है। ये बाढग़्रस्त क्षेत्र में आते है। इसलिए सरकार ने ‘मेरा पानी-मेरी विरासत’ में खुद रजिस्ट्रेशन करवाने वालों को विशेष छूट दी है। ऐसे किसानों के प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का प्रीमियम भी सरकार भरेगी।
इस योजना का फायदा लेने के लिए किसान को क्या करना होगा
मेरा पानी मेरी विरासत योजना के तहत किसान को पहले धान नहीं उगाने का संकल्प पत्र भरना होगा। इसके बाद उसे अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा। रजिस्ट्रेशन ऑन और ऑफ लाइन दोनों तरीके से कर सकते हैं। ऑफ लाइन रजिस्ट्रेशन के लिए कृषि विभाग के कार्यालय जाकर फॉर्म भर कर जमा कराना होगा। वहीं ऑनलाइन आवेदन कैसे करना है यह हम आपको बता रहे हैं। इसकी प्रक्रिया इस प्रकार है-
- सबसे पहले इसकी ऑफिशियल बेवसाइट http://www.agriharyanaofwm.com/ पर जाना होगा।
- वेबसाइट के होमपेज पर आपको ‘किसान पंजीकरण करें’ विकल्प पर क्लिक कर देना है। इस विकल्प पर क्लिक करने के बाद आपके सामने एक नया पेज खुल जाएगा।
- इस पेज पर आपको ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन फॉर्म दिखाई देगा। आपको इस फॉर्म में सभी पूछी गई जानकारियों को दर्ज कर देना है।
- यहां आपको वित्तीय वर्ष , योजना जिला , ब्लॉक, किसान का नाम, पिता या पति का नाम, माता का नाम मोबाइल नंबर आदि की जानकारी साझा करनी होगी।
- अभी जानकारी दर्ज करने के बाद आप सम्बंधित दस्तावेजों को उपलोड करके अपने द्वारा दर्ज जानकारी की जांच के बादो "स्ह्वड्ढद्वद्बह्ल" के बटन पर क्लिक कर दे।
- इस प्रकार आपका इस योजना में रजिस्ट्रेशन हो जाएगा।
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