Published - 26 Nov 2021
by Tractor Junction
क्या आप किसान है और एक एकड़ से अधिक जमीन के मालिक हैं और खेत की उर्वरा शक्ति को बढ़ाना चाहते हैं तो आपको सरकार की ओर से 6 हजार रुपए मिल सकते हैं। योजना की जानकारी के लिए इस न्यूज को पूरा पढ़ेें।
खेतों की उर्वरा शक्ति बढ़ाने में वर्मी कंपोस्ट विशेष प्रभावशाली साबित होती है। वर्मी कंपोस्ट के फायदों की जानकारी नहीं होने के अभाव में किसान अपने खेतों में रसायनिक खाद का उपयोग करते हैं जबकि वर्मी कंपोस्ट रसायनिक खाद से सस्ती पड़ती है, किसान इसे अपने खेत में ही बना सकता है और मिट्टी को ज्यादा उपजाऊ बनाकर जैविक खेती को बढ़ा सकता है। अब तो सरकार भी खेत में केंचुअ आधारित वर्मी कंपोस्ट यूनिट बनाने के लिए सब्सिडी दे रही है। योजना के तहत 75 प्रतिशत सब्सिडी का प्रावधान है। ट्रैक्टर जंक्शन की इस पोस्ट में आपको वर्मी कंपोस्ट यूनिट पर सब्सिडी योजना के बारे में जानकारी दी गई है।
केंद्र व राज्य सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लिए प्रयासरत है। इसके लिए सरकार कई योजनाएं संचालित कर रही है। गांवों में वर्मी कंपोस्ट यूनिट की स्थापना किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में एक सार्थक कदम है। खेतों की मिट्टी में जीवांश तत्व, विशेषकर कार्बन बढ़ाने के उद्देश्य से जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए केंचुआ आधारित वर्मी कंपोस्ट इकाई को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। कृषि विभाग, उत्तरप्रदेश के अधिकारियों के अनुसार शाहजहांपुर जनपद के 1041 गांवों में केंचुआ आधारित एक-एक वर्मी कंपोस्ट इकाई की स्थापना की जाएगी। वर्मी कंपोस्ट यूनि की कुल लागत का 75 प्रतिशत अनुदान किसानों को दिया जाएगा।
गांवों में केंचुआ आधारित वर्मी कंपोस्ट यूनिट लगाने के लिए महिला किसानों को विशेष प्राथमिकता दी जाएगी। कृषि अधिकारियों के अनुसार योजना के तहत महिलाओं के लिए आरक्षित ग्राम पंचातयों में महिला किसानों का चयन किया जाएगा। योजना के तहत ऑनलाइन व ऑफलाइन आवेदन आमंत्रित किए गए हैं।
योजना में लाभार्थियों का चयन ग्राम पंचायतों के पूर्व निर्धारित आरक्षण के आधार पर किया जाएगा। जो ग्राम पंचायतों अनुसूचित जाति, जनजाति के लिए आरक्षित है, वहां इन्हीं वर्ग के किसानों का चयन किया जाएगा। सामान्य, ओबीसी और महिलाओं के लिए आरक्षित ग्राम पंचायतों में लाभार्थी के चयन की यही प्रक्रिया अपनाई जाएगी। अगर किसी गांव में आरक्षित श्रेणी का किसान वर्मी कंपोस्ट यूनिट के लिए आवेदन नहीं करता है तो वहां पर अन्य पंजीकृत पात्र किसानों का पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर चयन किया जाएगा।
उद्यान विभाग की ओर से किसानों को वर्मी कंपोस्ट इकाई लगाने के लिए आर्थिक अनुदान उपलब्ध कराया जा रहा है। जिलों को अलग-अलग लक्ष्य दिए जा रहे हैं। वर्तमान में शाहजहांपुर जनपद के 1041 गांवों में वर्मी कंपोस्ट यूनिट के लिए किसानों से आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। एक सप्ताह के दौरान करीब 125 किसान ऑनलाइन आवेदन कर चुके हैं। वर्मी कंपोस्ट की एक यूनिट की स्थापना पर आठ हजार रुपये की लागत का अनुमान है। इसमें सरकार 75 प्रतिशत अनुदान देगी। इस प्रकार किसान को सब्सिडी के रूप में छह हजार रुपए मिलेंगे बाकि 2 हजार रुपए उसे खर्च करने होंगे। यूपी सरकार का मानना है कि वर्मी कंपोस्ट यूनिट की गांव-गांव में स्थापना से जहां पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी, वहीं प्रधानमंत्री जैविक कृषि योजना का सफलता प्रतिशत भी बढ़ेगा।
वर्मी कंपोस्ट यूनिट की क्यारियों मेें गोबर के साथ केंचुए डाले जाते हैं। केंचुए गोबर खाते हैं और उसका 10 फीसदी तक ग्रहण करके बाकी उत्सर्जित करते हैं। उत्सर्जित तत्व ही वर्मी कंपोस्ट कहलाता है। 40 से 45 दिन के दौरान एक क्यारी में 30-35 किलोग्राम कंपोस्ट तैयार होता है।
वर्मी कंपोस्ट (जैविक खाद) में अन्य खाद की तुलना में 5 गुना नाइट्रोजन, 8 गुना फास्फोरस, 2 गुना मैग्नीशियम, 11 गुना पोटाश, 3 गुना कैल्शियम होता है। वर्मी कंपोस्ट का प्रयोग करने से खेत में पानी ग्रहण करने की क्षमता बढ़ जाती है। इसके लगातार उपयोग से खेत की भौतिक संरचना में भी सुधार आता है।
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