सिंचाई यंत्रों पर मिल रही 90 प्रतिशत तक सब्सिडी, यहां करें आवेदन

Share Product प्रकाशित - 04 Dec 2024 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा

सिंचाई यंत्रों पर मिल रही 90 प्रतिशत तक सब्सिडी, यहां करें आवेदन

जानें, सिंचाई यंत्रों पर अनुदान का लाभ लेने के लिए कैसे करना होगा आवेदन

किसानों को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से उन्हें आधुनिक कृषि सिंचाई यंत्रों (Modern Agricultural Irrigation Equipment) के उपयोग के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके लिए राज्य के किसानों को सिंचाई यंत्रों पर सब्सिडी दी रही है। खास बात यह है कि सिंचाई यंत्रों पर सरकार की ओर से किसानों को 90 प्रतिशत तक सब्सिडी (Subsidy) का लाभ प्रदान किया जा रहा है। ऐसे में किसान सस्ती कीमत पर सिंचाई यंत्रों की खरीद कर सकेंगे। सिंचाई यंत्रों पर सब्सिडी का लाभ लेने के लिए इच्छुक किसानों को इसके लिए आवेदन करना होगा।

किन सिंचाई यंत्रों पर मिल रही है सब्सिडी

प्रधानमंत्री सिंचाई योजना (PMKSY) के लिए जिलेवार लक्ष्य निर्धारित कर दिए गए हैं। राज्य में उद्यानिकी विभाग की ओर से संचालित योजना में किसानों को ड्रिप (Drip), मिनी स्प्रिंकलर (Mini Sprinkler), रेनगन (Raingun) और पोर्टेबल स्प्रिंकलर (Portable Sprinkler) आदि खरीदने के लिए 65 से 90 प्रतिशत तक सब्सिडी (Subsidy) दी जा रही है। किसान इन सिंचाई यंत्रों से सिंचाई करके पानी की बचत के साथ ही सिंचाई में आने वाली लागत में कमी कर सकेंगे। इससे फसलों की पैदावार के साथ ही किसान का मुनाफा भी बढ़ सकेगा।

लघु व सीमांत किसानों को कितनी मिलेगी सब्सिडी

प्रधानमंत्री सिंचाई योजना (पर ड्रॉप मोर क्रॉप) के तहत ड्रिप व मिनी स्प्रिंकलर पर लघु व सीमांत किसानों को 90 प्रतिशत और सामान्य किसान जिनके पास 2 हैक्टेयर से अधिक जोत है, उन किसानों को 80 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। वहीं पोर्टेबल सिस्टम और रेनगन पर लघु व सीमांत किसानों को 75 प्रतिशत और सामान्य किसानों को 65 प्रतिशत सब्सिडी (Subsidy) मिलेगी। किसानों को उपकरण खरीदने के बाद सब्सिडी की राशि सीधे उनके बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी जाएगी।

सब्सिडी पर सिंचाई यंत्र के लिए आवेदन हेतु किन दस्तावेजों की होगी आवश्यकता

प्रधानमंत्री सिंचाई योजना (पर ड्रॉप मोर क्रॉप) तहत राज्य के उद्यानिकी विभाग द्वारा चलाई जा रही योजना में ड्रिप, मिनी स्प्रिंकलर, रेनगन और पोर्टेबल स्प्रिंकलर आदि सिंचाई यंत्रों को अनुदान पर खरीदने के लिए किसानों को आवेदन करना होगा। आवेदन के लिए उन्हें जिन दस्तावेजों (Documents) की आवश्यकता होगी, वे दस्तावेज इस प्रकार से हैं-

  • आवेदन करने वाले किसान का आधार कार्ड
  • किसान के खेत के कागज जिसमें खसरा खतौनी की कॉपी
  • बैंक पासबुक की कॉपी
  • किसान का मोबाइल नंबर आदि।

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योजना के तहत सब्सिडी पर सिंचाई यंत्र हेतु आवेदन के लिए क्या रहेगी शर्तें

प्रधानमंत्री सिंचाई योजना (पर ड्रॉप मोर क्रॉप) तहत सिंचाई यंत्रों पर सब्सिडी के लिए आवेदन के लिए जो शर्तें रखी गई हैं, वे इस प्रकार से हैं-

  • आवेदन करने वाले किसान के पास स्वयं की जमीन होना जरूरी है।
  • किसान के पास निजी सिंचाई की सुविधा होना अनिवार्य है।

सिंचाई यंत्रों पर सब्सिडी के लिए कैसे करें आवेदन

यदि आप यूपी के किसान हैं तो आप इस योजना के तहत सिंचाई यंत्रों पर सब्सिडी के लिए आवेदन कर सकते हैं, क्योंकि इस समय उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से राज्य के किसानों को सिंचाई यंत्रों पर अनुदान का लाभ प्रदान किया जा रहा है। योजना के तहत आवेदन करने वाले किसानों का चयन पहले आओ पहले पाओ के आधार पर किया जाएगा। विभाग की ओर से अनुदान पर कृषि यंत्रों की खरीद के लिए किसानों से आवेदन मांगे गए हैं। किसान योजना का लाभ लेने के लिए इसमें आवेदन कर सकते हैं। किसान योजना के संबंध में अधिक जानकारी के लिए इसकी आधिकारिक वेबसाइट uphorticulture.gov.in पर विजिट कर सकते हैं। इसके अलावा आप अपने जिले के उद्यानिकी विभाग से संपर्क कर सकते हैं।

क्या है ड्रिप व स्प्रिंलकर सिंचाई यंत्र

ड्रिप सिंचाई तकनीक में पाइप, टयूबिंग व एमिटर या स्प्रिंकलर की सहायता से पानी को पौधों की जड़ों में धीरे-धीरे टपकाया जाता है। इसे ट्रिकल सिंचाई या माइक्रो-सिंचाई भी कहा जाता है। ड्रिप सिंचाई में पानी को कम मात्रा में लंबे समय तक दिया जाता है। इसमें पौधों की जड़ों में बूंद-बूंद पानी टपकाया जाता है, इसलिए इसे बूंद-बूंद सिंचाई तकनीक भी कहा जाता है। इसमें पानी की बर्बादी बहुत कम होती है जिससे पानी का 95 से 100 प्रतिशत तक उपयोग हो जाता है। वहीं स्प्रिंकलर सिंचाई तकनीक जमीन में धंसी हुई ट्यूबिंग के ऊपर नोजल लगे होते हैं जो पौधों पर पानी छिड़कते हैं। यह सिंचाई तकनीक बारिश की बौछार जैसी होती है। स्प्रिंकलर सिंचाई में पानी को प्रेशर के साथ पाइप के माध्यम से फैलाया जाता है। इस तकनीक से सिंचाई करने पर पानी की 80 से 85 प्रतिशत तक जल का उपयोग होता है। इस तकनीक में भी पानी की बर्बादी कम होती है।

क्या है रेनगन और पोर्टेबल स्प्रिंकलर

रेनगन और पोर्टेबल स्प्रिंकलर भी कम पानी फसलों की सिंचाई के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला सिंचाई यंत्र है। रेनगन एक तरह से स्प्रिंकलर जैसा ही होता है जिसका उपयोग खेतों में सिंचाई लिए किया जाता है। इससे एक बार में 0.5 एकड़ से 2.5 एकड़ तक एरिया की जमीन की सिंचाई की जा सकती है। रेनगन में पानी की सप्लाई होने पर दबाव पड़ता है जिससे इसके छिद्रों से पानी फव्वारों के रूप में पौधों पर गिरता है। इससे भी पानी की बचत करके सिंचाई का काम किया जा सकता है। वहीं पोर्टेबल स्प्रिंकल सिंचाई का एक ऐसा तरीका है जिसमें पानी को पार्श्व हैंडहेल्ड एल्युमिनियम पाइप से लॉन में घूमकर छिड़काव किया जाता है। इसे हैंडहेल्ड या पोटेंबल सिंचाई तकनीक के नाम से जाना जाता है। इससे भी पानी की बचत होती है और पानी की बर्बादी को रोका जा सकता है।

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