Published - 07 Dec 2021 by Tractor Junction
सरकार खेतीबाड़ी, बागवानी और पशुपालन को बढ़ावा दे रही है। इसके लिए सरकार की ओर से कई योजनाएं संचालित की जा रही है। इन्हीं योजनाओं में से एक बकरी, भेड़ पालन योजना है। सरकार की ओर से इस योजना को शुरू करने का उद्देश्य ग्रामीण इलाकों में स्वरोजगार को बढ़ावा देना है। बकरी,भेड़ पालन योजना कई राज्यों में संचालित है जिसमें राजस्थान, मध्यप्रदेश, बिहार, उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड आदि हैं। इस योजना के तहत सरकार की ओर कम ब्याज दर पर लोन उपलब्ध कराया जाता है। साथ में सब्सिडी का लाभ भी प्रदान किया जाता है। ऐसी ही एक योजना तमिलनाडु के विरुधानगर जिले में शुरू की गई है। यहां शुरू की गई इस योजना की खास बात ये हैं कि इसमें गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाली विधावा और बेसहारा महिलाओं को बकरी/ भेड़ पालन के लिए 100 प्रतिशत तक सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जा रहा है।
तमिलनाडु के विरुधानगर में गरीब विधावा और बेसहारा महिलाओं के लिए बकरी, भेड़ योजना शुरू की गई है। इस योजना में लाभार्थी महिलाओं को 100 प्रतिशत तक सब्सिडी के साथ 5 बकरियां या भेड़ प्रदान की जाएगी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जिला कलेक्टर जे. मेघनाथ रेड्डी अपने अधिकार क्षेत्र के तहत प्रत्येक पंचायत में 100 लाभार्थियों को विरुधानगर जिले में 100 भेड़ या बकरी प्रदान की जाएंगी।
बकरी, भेड़ पालन योजना में आवेदन करने के इच्छुक और योग्य व्यक्तिअपने क्षेत्र के पशुपालन विभाग के औषधालयों में आवेदन ले सकते हैं फॉर्म भरकर 9 दिसंबर 2021 तक औषधालयों में जमा करा सकते हैं।
सरकारी योजनाओं के तहत उत्तर प्रदेश में बकरी पालन योजना को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इस योजना के तहत किसानों को बकरी पालन के लिए चार लाख रुपए तक का लोन दिया जाता है, जिसमें अधिकतम 60 फीसदी तक की अनुदान (सब्सिडी) दी जाती है, ताकि किसान बकरी पालन का काम शुरू कर सकें। मीडिया में प्रकाशित खबरों के अनुसार सुलतानुपर के मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. रमाशंकर सिंह ने बताया कि गोट फार्म योजना का उद्देश्य छोटे किसानों व गरीब लोगों की आय बढ़ाना है। इसके अलावा बकरी पालन को बढ़ावा देना एवं उन्नत नस्ल के बकरी, बकरा की उपलब्धता सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि कोई भी इच्छुक व्यक्ति गोट फार्म योजना के तहत आवेदन कर योजना का लाभ ले सकता है।
बकरी पालन योजना में आर्थिक सहायता प्राप्त करने के लिए बकरी, बकरा खरीदी परवाना (रसीद), बकरियों को रखने के लिए आवास, बकरियों का एक वर्ष के लिए चिकित्सा, बीमा, तथा भोजन पर आने वाले खर्च को दिखाना होगा। इसके साथ ही एक वर्ष के बाद कितनी आमदनी होगी यह भी दिखाना होगा, जिसके बाद बैंक लोन आसानी से प्राप्त किया जा सकता है।
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. रमाशंकर सिंह ने बताया कि बकरी पालन योजना में सामान्य वर्ग, अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति वर्ग के आवेदकों को सब्सिडी मिलती है। किसानों के लिए 20 बकरी+1 बकरा के लिए अधिकतम 2 लाख रुपए, 40 बकरी+2 बकरा के लिए अधिकतम चार लाख रुपए की राशि निर्धारित की गई है। इस योजना में सामान्य वर्ग के लिए 50 फीसदी और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के लाभार्थियों को 60 प्रतिशत की सब्सिडी मिलती है।
गोट फार्म योजना के तहत बकरी पालन पर सब्सिडी का लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदनकर्ता को कुछ दस्तावेजों की जरूरत होगी जो इस प्रकार से हैं-
जो भी व्यक्ति इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं उन्हें योजना का लाभ लेने के लिए प्रार्थना-पत्र विकास खंड स्तरीय पशु चिकित्सा अधिकारी को देना होता है। लाभार्थी का प्रारंभिक चयन स्थानीय समिति द्वारा किए जाने के बाद अंतिम चयन जिला स्तरीय जिला पशुधन मिशन समिति के अनुमोदन के उपरांत किया जाता है।
गोट फॉर्म योजना का लाभ प्राप्त के लिए अपने जिले के पशुपालन विभाग में संपर्क कर आवेदन करना चाहिए। इस योजना में लाभ पाने के लिए जिले के मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारी से संपर्क कर योजना के संबंध में जानकारी ले सकते हैं।
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