प्रकाशित - 10 Jun 2025
ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
New Scheme for Cheap Electricity for Farmers : भारत में कृषि को और अधिक सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में सरकार लगातार प्रयास कर रही है। इसके लिए सरकार की ओर से किसानों के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं तो कुछ नई योजनाओं को शुरू किया जा रहा है। इसी कड़ी में किसानों की सिंचाई संबंधी समस्या के समाधान के लिए मध्यप्रदेश सरकार की ओर से “सूर्य मित्र फीडर योजना” की शुरुआत की गई है।
इस योजना से प्रदेश के किसानों को सस्ती कीमत पर बिजली मिल सकेगी जिससे उनके लिए सिंचाई का काम आसान हो जाएगा जिससे उनकी खेती बढ़ेगी और मुनाफा भी। किसान इस योजना के तहत स्वयं बिजली का उत्पादन कर सकेंगे और सस्ती बिजली की सुविधा प्राप्त कर सकेंगे। इस योजना से किसानों को भारी–भरकम बिजली के बिल से निजात मिलेगी।
मध्य प्रदेश के नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री राकेश शुक्ला ने हाल ही में पत्रकार वार्ता के दौरान जानकारी दी कि “सूर्य मित्र कृषि फीडर योजना” के माध्यम से किसानों को दिन में भी सस्ती बिजली दी जा सकेगी। इसके तहत कृषि पंपों को सौर ऊर्जा से जोड़ा जाएगा, जिससे डीजल और परंपरागत बिजली की खपत कम होगी। मंत्री ने बताया कि अब किसान छोटे निवेशकों की तरह सौर ऊर्जा में निवेश कर “बिजली उत्पादक” बन सकते हैं और इससे उन्हें आर्थिक लाभ प्राप्त होगा। योजना का उद्देश्य फसल उत्पादन लागत को कम करना और सिंचाई को आसान व सुलभ बनाना है।
सौर ऊर्जा आधारित इस योजना का सीधा फायदा प्रदेश के लाखों किसानों को मिलेगा। इस योजना के तहत किसानों को खेत में दिन के समय स्थाई और किफायती बिजली आपूर्ति दी जाएगी, जिससे वे रात के समय बिजली कटौती या लो-वोल्टेज की समस्या से बच सकेंगे। सरकार का मानना है कि इस पहल से न केवल कृषि उत्पादन में बढ़ोतरी होगी, बल्कि किसानों को बिजली बिल में राहत और अतिरिक्त आय प्राप्त करने का अवसर भी मिलेगा।
योजना में सबसे अहम बात यह है कि ग्रिड से जुड़े कृषि पंपों को सौर ऊर्जा से बिजली देने के लिए फीडर स्तर पर सोलर प्लांट लगाए जाएंगे। पत्रकार वार्ता में यह भी बताया गया कि अब तक 8000 अलग से कृषि फीडर्स स्थापित किए जा चुके हैं, जिन पर करीब 35 लाख कृषि पंप काम कर रहे हैं। इन फीडर्स पर सोलर संयंत्र स्थापित कर सीधे 11 किलो वोल्ट साइड पर बिजली दी जाएगी। इससे न केवल सब-स्टेशनों का लोड घटेगा, बल्कि ओवरलोडिंग, लो वोल्टेज और पावर कट जैसी समस्याओं का समाधान हो सकेगा।
सूर्य मित्र कृषि फीडर योजना का मुख्य उद्देश्य है कि किसानों को दिन में बिजली उपलब्ध कराई जाए ताकि वे अपने खेतों में सिंचाई के कार्य सुरक्षित और सुविधाजनक रूप से कर सकें। इससे किसानों की जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव आएगा और उनका आर्थिक सशक्तिकरण भी सुनिश्चित हो सकेगा।
सूर्य मित्र कृषि फीडर योजना किसानों व सरकार दोनों के लिए काफी लाभकारी योजना साबित हो सकती है। इस योजना से सरकार का बिजली सब्सिडी पर खर्च का जो बोझ पड़ता है वो कम करने में सहायता मिलेगी। वहीं इस योजना से स्थानीय रोजगार और निवेश के अवसर बढ़ेंगे। इस योजना से किसानों को दिन के समय सिंचाई के लिए बिजली मिल सकेगी जिससे रात को खेत में सिंचाई के झंझट से छुटकारा मिलेगा। इस योजना का उद्देश्य बिजली वितरण प्रणाली को अधिक स्थाई और सक्षम बनाना है।
“वोकल फॉर लोकल” के तहत इस योजना में स्थानीय निवेशकों और उद्यमियों को भी सौर परियोजनाओं में निवेश का अवसर मिलेगा। सरकार इन सोलर प्लांट्स के लिए 25 वर्षों तक विद्युत क्रय अनुबंध (PPA) करेगी। सरकार का लक्ष्य है कि प्रत्येक विद्युत सब-स्टेशन की 100% क्षमता तक सौर परियोजनाएं स्थापित की जाएं। वर्तमान में करीब 1900 सब-स्टेशनों पर 14,500 मेगावाट क्षमता की परियोजनाएं संभावित मानी जा रही हैं।
परियोजनाओं को एग्रीकल्चर इन्फ्रा फंड से 7 वर्षों तक 3% ब्याज दर में छूट दी जाएगी। ताकि निवेशकों को वित्तीय सहायता सरलता से मिल सके, इसके लिए सरकार ने बैंकों, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के साथ एमओयू किए हैं। पिछले 4 से 8 जून तक जीआईजेड (GIZ) के सहयोग से एक प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किया गया, जिसमें 100 से अधिक डेवलपर्स और संयंत्र स्थापना एजेंसियों ने हिस्सा लिया।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार अब तक 80 मेगावाट क्षमता की परियोजनाएं सफलतापूर्वक स्थापित की जा चुकी हैं, जिससे 16,000 से अधिक कृषि पंप सौर ऊर्जा से बिजली प्राप्त कर रहे हैं। इसके अलावा 240 मेगावाट की परियोजनाएं स्थापना की प्रक्रिया में हैं। इसी के साथ ही 200 मेगावाट की परियोजनाएं प्रक्रियाधीन हैं। इन परियोजनाओं के माध्यम से कुल 1 लाख से अधिक पंपों को सौर ऊर्जा से जोड़ा जाएगा।
यह योजना केंद्र सरकार की पीएम कुसुम योजना के विस्तार के रूप में भी देखी जा रही है। राज्य का लक्ष्य है कि कुसुम योजना के तहत 3.45 लाख पंपों का सोलराइजेशन करने का है। वहीं शेष 2.45 लाख पंपों को "सूर्य मित्र कृषि फीडर" के तहत कवर किया जाना है। इस उद्देश्य को पूरा के लिए मध्य प्रदेश ऊर्जा विकास निगम की ओर से निविदा प्रक्रिया भी शुरू की जा चुकी है, जिससे 1200 मेगावाट तक की सौर परियोजनाएं अनुदान प्राप्त कर सकेंगी। मध्य प्रदेश सरकार की "सूर्य मित्र कृषि फीडर योजना" किसानों के लिए एक क्रांतिकारी पहल बनकर सामने आई है। यह न केवल उन्हें सिंचाई के लिए दिन में सस्ती और स्थायी बिजली उपलब्ध कराएगी, बल्कि किसानों को "बिजली उत्पादक" बनाकर आर्थिक रूप से सशक्त भी बनाएगी।
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